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पैरवी के लिए कोई उपस्थित नहीं हुआ, चिकित्सा निदेशक 25 हजार के जमानती वारंट से तलब - BAILABLE WARRANT

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश का पालन नहीं करने से जुड़े मामले में चिकित्सा निदेशक को 25 हजार के जमानती वारंट से तलब किया.

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राजस्थान हाईकोर्ट (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 30, 2024, 8:14 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने जीएनएम भर्ती- 2013 में अदालती आदेश का पालन नहीं करने से जुड़े मामले में चिकित्सा विभाग की ओर से पैरवी के लिए किसी के उपस्थित नहीं होने पर चिकित्सा व स्वास्थ्य निदेशक को 25 हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब किया है. इसके साथ ही आगामी सुनवाई पर उन्हें मौजूद रहने के लिए कहा है. वारंट तामील करवाने की जिम्मेदारी संबंधित एसएचओ को दी है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश मोहम्मद असलम की अवमानना याचिका पर दिए.

अधिवक्ता प्रदीप सिंह ने बताया कि जीएनएम भर्ती-2013 में कार्य अनुभव के बोनस अंक 10, 20 व 30 देने का विवाद हुआ था. इस विवाद को वर्ष 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने तय करते हुए अभ्यर्थियों को कार्य अनुभव के एक वर्ष के दस अंक की गणना कर अधिकतम 30 बोनस अंक देने के लिए कहा. इसके बाद हाईकोर्ट ने भी 2 फरवरी 2023 को शिवा खान बनाम राजस्थान राज्य मामले में को बोनस अंक का लाभ देकर नियुक्ति देने का निर्देश दिया था.

इसे भी पढ़ें - पंचायत समितियों में कार्यरत हैंडपंप मिस्त्रियों को पदोन्नति के अवसर क्यों नहीं- हाईकोर्ट

इस मामले में भी अदालत ने याचिकाकर्ता ने 11 मार्च 2024 को चिकित्सा विभाग के समक्ष प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था. वहीं अदालत ने विभाग को निर्देश दिया था कि वह दो महीने में प्रतिवेदन को तय कर दे, लेकिन मेडिकल विभाग ने प्रतिवेदन देने पर भी अदालती आदेश की पालना नहीं की. इसे प्रार्थी ने अवमानना याचिका के जरिए चुनौती देकर अदालत से आदेश की पालना का आग्रह किया.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने जीएनएम भर्ती- 2013 में अदालती आदेश का पालन नहीं करने से जुड़े मामले में चिकित्सा विभाग की ओर से पैरवी के लिए किसी के उपस्थित नहीं होने पर चिकित्सा व स्वास्थ्य निदेशक को 25 हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब किया है. इसके साथ ही आगामी सुनवाई पर उन्हें मौजूद रहने के लिए कहा है. वारंट तामील करवाने की जिम्मेदारी संबंधित एसएचओ को दी है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश मोहम्मद असलम की अवमानना याचिका पर दिए.

अधिवक्ता प्रदीप सिंह ने बताया कि जीएनएम भर्ती-2013 में कार्य अनुभव के बोनस अंक 10, 20 व 30 देने का विवाद हुआ था. इस विवाद को वर्ष 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने तय करते हुए अभ्यर्थियों को कार्य अनुभव के एक वर्ष के दस अंक की गणना कर अधिकतम 30 बोनस अंक देने के लिए कहा. इसके बाद हाईकोर्ट ने भी 2 फरवरी 2023 को शिवा खान बनाम राजस्थान राज्य मामले में को बोनस अंक का लाभ देकर नियुक्ति देने का निर्देश दिया था.

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इस मामले में भी अदालत ने याचिकाकर्ता ने 11 मार्च 2024 को चिकित्सा विभाग के समक्ष प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था. वहीं अदालत ने विभाग को निर्देश दिया था कि वह दो महीने में प्रतिवेदन को तय कर दे, लेकिन मेडिकल विभाग ने प्रतिवेदन देने पर भी अदालती आदेश की पालना नहीं की. इसे प्रार्थी ने अवमानना याचिका के जरिए चुनौती देकर अदालत से आदेश की पालना का आग्रह किया.

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