जांजगीर चांपा: नगर पालिका जांजगीर नैला में अध्यक्ष के लिए बीजेपी द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है. जांजगीर नैला नगर पालिका के 25 पार्षदों ने मतदान किया, जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 14 मत और विपक्ष में 11 मत पड़े. इस तरह कुल सदस्यों में से एक तिहाई वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में नहीं पड़ने की वजह से प्रस्ताव खारिज हो गया है. यहां कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष भगवान दास गढ़ेवाल ने अपनी कुर्सी बचा ली है.
बीजेपी को तीन अन्य का साथ, फिर भी गिरा प्रस्ताव: अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को चर्चा के बाद मतदान की प्रक्रिया हुई. पीठासीन अधिकारी एसडीएम की उपस्थिति में प्रक्रिया 12 बजे शुरु की गई. नगर पालिका के सभी 25 पार्षद सदन में उपस्थित रहे और मतदान किया. इस दौरान 25 में से 11 वोट अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में पड़े. जबकि 14 मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े. इस तरह एक तिहाई बहुमत नहीं मिलने पर अविश्वास प्रस्ताव निरस्त हो गया है.
"नगर विकास में अब आएगी तेजी": कांग्रेसी के अध्यक्ष के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव के ध्वस्त होने के बाद कांग्रेसियों में खुशी की लहर देखी गई. इस दौरान कांग्रेसियों ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया. कांग्रेस समर्थित नगर पालिका अध्यक्ष ने अपनी इस जीत को जनता की जीत और पार्षदों का विश्वास बताया. जांजगीर चाम्पा से कांग्रेस विधायक ब्यास कश्यप ने अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त होने के बाद खुशी जाहिर की और अब नगर का चहुंमुखी विकास होने का दावा किया है.
कांग्रेस के पास 11 पार्षद पहले से थे और 3 निर्दलीय पार्षद थे. जिसमे 11 मत हासिल करना प्राथमिकता थी और 11 मत हासिल को गए. - भगवान दास गढ़ेवाल, नपा अध्यक्ष, जांजगीर नैला
उपाध्यक्ष के खिलाफ कल होगी वोटिंग: नगर पालिका अध्यक्ष को अपनी सीट बचाने के लिए 25 पार्षदों में सिर्फ 8 पार्षदों का मत कि आवश्यकता थी. हालांकि मतदान के दौरान उन्हें 11 मत मिले. जिससे कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष ने अपनी साख बचाई. अब 31 जनवरी यानि बुधवार को उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. जिसके लिए सभी तैयारी में जुट गए हैं.
नपा अध्यक्ष के खिलाफ लाया अविश्वास प्रस्ताव: प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद जांजगीर नैला नगर पालिका में कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष को हटाने में लिए बीजेपी पार्षद लामबंद हो गए थे. नपा अध्यक्ष भगवान दास गढ़ेवाल पर बीजेपी ने भ्रष्टाचार करने और नगर विकास में बाधा डालने का आरोप लगाया. जिसके बाद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. जिसके बाद नगर पालिका उपाध्यक्ष ने अपनी रणनीति में चूक होना बताकर अध्यक्ष भगवान दास गढ़ेवाल को जीत की बधाई दी.