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यहां अंतिम यात्रा के लिए भी रास्ता नहीं, गले तक पानी में होकर पार करनी पड़ती है नदी - no bridge over river in sirohi

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 2, 2024, 5:23 PM IST

सिरोही जिले के चनार पंचायत के देवराजी फली में ग्रामीणों को अंतिम यात्रा के लिए नदी का पानी पार कर जाना पड़ रहा है. गांव की नदी पर पुल नहीं बने होने से यह समस्या आ रही है. पुल नहीं होने के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों को भी पांच किलोमीटर दूर का चक्कर काटकर जाना पड़ रहा है.

NO BRIDGE OVER RIVER IN SIROHI
अंतिम यात्रा के लिए भी नसीब नहीं रास्ता (Photo ETV Bharat Sirohi)
नदी के बीच से शव यात्रा लेकर जाते ग्रामीण (ETV Bharat Sirohi)

सिरोही: आजादी के भले ही 75 साल हो गए हो, लेकिन अभी भी ग्रामीण इलाके विकास से कोसों दूर है. कई गांव मूलभुत सुविधाओं को तरस रहे हैं. यहां तक कि ग्रामीणों को अंतिम यात्रा के लिए रास्ता भी नसीब नहीं होता. ऐसी हालात सिरोही जिले के आबूरोड के चनार ग्राम पंचायत स्थित देवराजी फली गांव के हैं. यहां गांव में श्मसान घाट तक जाने के लिए नदी पार करना पड़ता है. नदी पर पुल नहीं होने के कारण यह परेशानी हो रही है.

चनार पंचायत क्षेत्र के देवराजी फली में गरासिया समाज के श्मशान घाट के रास्ते में पानी भरने के कारण परिजनों को अंतिम यात्रा के लिए शव को पानी में से होकर ले जाना पड़ रहा है. इस सम्बंध में पंचायत प्रशासन को अवगत करवाने के बावजूद जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि देवराजी फली में श्मशान घाट जाने के रास्ते पर पिछले दिनों हुई बारिश के बाद नदी चल रही है. यहां अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को इस नदी से होकर ही गुजरना पड़ता है. इन दिनों क्षेत्र में भारी बारिश आने के कारण नदी में पानी बह रहा है.

पढ़ें: भीलवाड़ा में अंतिम यात्रा पर भी 'अतिक्रमण', शव को मोक्षधाम ले जाने के लिए परिजनों ने घंटों किया इंतजार

गांव की एक महिला के अंतिम संस्कार का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इसमें दिखाई दे रहा है कि ग्रामीण जान जोखिम में डालकर अर्थी को पानी मे से ले जा रहे हैं. अर्थी उठाने वाले लोगों के गले तक पानी नजर आ रहा है. स्थानीय जिला परिषद सदस्य हरीश चौधरी ने कहा कि उनकी ध्यान में यह मामला आया है. इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन को अवगत करवा कर नदी पर पुल बनाया जाएगा. ग्रामीण शांतिलाल ने बताया कि देवराज फली में करीब 500 परिवार है. ऐसे में बारिश में समय किसी की मृत्यु होने पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. रविवार को गांव की निवासी महिला वालीदेवी की मौत होने पर नदी के बीच में अर्थी उठाकर शमशान तक शव को ले जाना पड़ा.

स्कूली बच्चों को भी हो रही है परेशानी: ग्रामीणों ने कहा कि बच्चों को स्कूल जाने में भी परेशानी हो रही है. गांव के बच्चों को चनार में स्कूल जाने के लिए करीब 5 किलोमीटर लम्बा रास्ता तय करना पड़ता है, जबकि अगर पुल बन जाए तो पुल से सीधा स्कूल जाया जा सकता है.

नदी के बीच से शव यात्रा लेकर जाते ग्रामीण (ETV Bharat Sirohi)

सिरोही: आजादी के भले ही 75 साल हो गए हो, लेकिन अभी भी ग्रामीण इलाके विकास से कोसों दूर है. कई गांव मूलभुत सुविधाओं को तरस रहे हैं. यहां तक कि ग्रामीणों को अंतिम यात्रा के लिए रास्ता भी नसीब नहीं होता. ऐसी हालात सिरोही जिले के आबूरोड के चनार ग्राम पंचायत स्थित देवराजी फली गांव के हैं. यहां गांव में श्मसान घाट तक जाने के लिए नदी पार करना पड़ता है. नदी पर पुल नहीं होने के कारण यह परेशानी हो रही है.

चनार पंचायत क्षेत्र के देवराजी फली में गरासिया समाज के श्मशान घाट के रास्ते में पानी भरने के कारण परिजनों को अंतिम यात्रा के लिए शव को पानी में से होकर ले जाना पड़ रहा है. इस सम्बंध में पंचायत प्रशासन को अवगत करवाने के बावजूद जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि देवराजी फली में श्मशान घाट जाने के रास्ते पर पिछले दिनों हुई बारिश के बाद नदी चल रही है. यहां अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को इस नदी से होकर ही गुजरना पड़ता है. इन दिनों क्षेत्र में भारी बारिश आने के कारण नदी में पानी बह रहा है.

पढ़ें: भीलवाड़ा में अंतिम यात्रा पर भी 'अतिक्रमण', शव को मोक्षधाम ले जाने के लिए परिजनों ने घंटों किया इंतजार

गांव की एक महिला के अंतिम संस्कार का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इसमें दिखाई दे रहा है कि ग्रामीण जान जोखिम में डालकर अर्थी को पानी मे से ले जा रहे हैं. अर्थी उठाने वाले लोगों के गले तक पानी नजर आ रहा है. स्थानीय जिला परिषद सदस्य हरीश चौधरी ने कहा कि उनकी ध्यान में यह मामला आया है. इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन को अवगत करवा कर नदी पर पुल बनाया जाएगा. ग्रामीण शांतिलाल ने बताया कि देवराज फली में करीब 500 परिवार है. ऐसे में बारिश में समय किसी की मृत्यु होने पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. रविवार को गांव की निवासी महिला वालीदेवी की मौत होने पर नदी के बीच में अर्थी उठाकर शमशान तक शव को ले जाना पड़ा.

स्कूली बच्चों को भी हो रही है परेशानी: ग्रामीणों ने कहा कि बच्चों को स्कूल जाने में भी परेशानी हो रही है. गांव के बच्चों को चनार में स्कूल जाने के लिए करीब 5 किलोमीटर लम्बा रास्ता तय करना पड़ता है, जबकि अगर पुल बन जाए तो पुल से सीधा स्कूल जाया जा सकता है.

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