कुचामनसिटी : थाने में दर्ज एफआईआर पर समुचित कार्रवाई नहीं होने से व्यथित एक व्यक्ति ने जिला पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद मीणा के समक्ष पेश होकर आत्महत्या की धमकी दी. एसपी ने उसे सांत्वना दी और अधिकारियों को तत्काल आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए.
मामला लाडनूं थाने का है. पीड़ित बालेरा गांव का तोलाराम पुत्र पेमाराम नायक है. उसने बताया कि उसे आरोपियों ने बंधक बना कर मारपीट की और जातिसूचक गाली दी. उस पर पिस्तौल तान कर उसे धमका कर आरोपियों ने उसके मोबाइल और बैंक पासबुक वगैरह कब्जे में ले लिए. आरोपियों ने उसके खाते से साढ़े नौ लाख से अधिक राशि का अवैध लेनदेन किया था. पीड़ित ने आरोपियों के कुछ फोटो भी एसपी के समक्ष पेश किए. एसपी ने पूरी बात सुन कर तत्काल जांच अधिकारी से मामले की जानकारी प्राप्त की और मुलजिमानों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए.
पीड़ित के वकील मनोज कुमार ने बताया कि लाडनूं थाने में गत 28 सितम्बर को उसने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई, लेकिन आरोपियों की अब तक नहीं पकड़ा गया. उसने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपियों से मिली हुई है. अनुसंधान अधिकारी से कार्रवाई के बारे में पूछने पर उल्टा उसे ही डराया-धमकाया जाता है. उस पर राजीनामा का दबाव बनाया जा रहा है.
पीड़ित तोलाराम ने बताया कि 3 महीने पहले उसके साथ मारपीट हुई थी. वे आज भी खुलेआम हथियार लहरा रहे हैं. सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहे हैं. उसके मामले की जांच लाडनूं डीएसपी विक्की नागपाल के पास है. उन्होंने एक आरोपी को नामजद किया है, जबकि मारपीट करने वाले 8 से 9 व्यक्ति थे. एसपी के समक्ष पेश परिवाद में पीड़ित ने बताया कि आरोपी राहुल ठोलिया बालसमंन्द, मनीष गोदारा बालसमन्द, अभय छपारा पुत्र भंवर छपारा, सुनिल भामू, ओमप्रकाश ठोलिया तथा कुछ अज्ञात लोग है.
एसपी मीणा ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति मुझसे मिला था. आत्महत्या करने के लिए मुझे एक पत्र दिया गया है. उस व्यक्ति को निष्पक्ष जांच का विश्वास दिलाया है. जल्दी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. यदि पुलिस का कोई कर्मचारी गलत पाया गय तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.