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1.87 लाख नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी बनी 'बीरबल की खिचड़ी', सरकार के रवैये से टीचर क्षुब्ध - Niyojit Shikshak

Bihar transfer policy : बिहार में 1 लाख 87 हजार नियोजित शिक्षक को नई पोस्टिंग और राज्य कर्मियों के दर्जे का इंतजार है. कमेटी के दो सदस्य बदल गए लेकिन ट्रांसफर पॉलिसी बीरबल की खिचड़ी बन गई है. 31 जुलाई को जिस पॉलिसी को फाइनल कर लेना था वो आज की तारीख में किस हाल में ये बता पाना मुश्किल है. पढ़ें पूरी खबर-

नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी
नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 10, 2024, 10:51 PM IST

पटना : बिहार में नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी बीरबल की खिचड़ी बनाकर रह गई है. सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर शिक्षा विभाग ने तीन सदस्य अधिकारियों की एक हाई लेवल कमेटी 1 जुलाई को बनाई थी. 15 जुलाई तक कमेटी को रिपोर्ट देनी थी और ट्रांसफर पॉलिसी 31 जुलाई तक फाइनल कर लेनी थी. लेकिन अभी भी सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण 1.87 लाख नियोजित शिक्षकों को नई पोस्टिंग और राज्य कर्मी के दर्जा का इंतजार है.

कमेटी के दो सदस्य बदल गए : ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर शिक्षा विभाग में जो तीन बड़े अधिकारियों की कमेटी तैयार की गई उसमें से दो अधिकारी का ट्रांसफर हो गया है. ऐसे में शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन का मुद्दा और लंबित हो गया है. शिक्षकों के ट्रांसफर पॉलिसी के लिए बनी कमेटी में शिक्षा विभाग की सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सदस्यों में बिहार शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक, प्राथमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक शामिल है. लेकिन बीते दिनों प्राथमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक का तबादला हो गया है. नए माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया.

नए सदस्यों की कमेटी तैयार करेगी ट्रांसफर पॉलिसी : अब पदभार ग्रहण करने के बाद यह अधिकारी शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन की नीति तय करेंगे. साथ ही सेवा काल में मृत शिक्षकों के आश्रितों की अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए भी पॉलिसी तैयार करेंगे. इसके अलावा विद्यालयों की टाइमिंग और शिक्षा सेवा के प्रशासनिक उपसंग वर्ग के पुनर्गठन पर भी कमेटी अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगी. यह कमेटी कई बैठकर कर चुकी है लेकिन अब तक कोई भी फाइनल ड्राफ्ट तैयार नहीं हुआ है.

ट्रांसफर पॉलिसी बनी बीरबल की खिचड़ी : विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ट्रांसफर पॉलिसी आएगी. लेकिन इसी बीच तमाम नियोजित शिक्षक कहने लगे हैं कि उनके लिए ट्रांसफर पॉलिसी ऑफ बीरबल की खिचड़ी बनाकर रह गई है, जिसका पता ही नहीं चल रहा कि कब यह तैयार होगी. बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि सरकार के रवैया से सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण 1.87 लाख शिक्षक क्षुब्ध हैं.

''यह ट्रांसफर पॉलिसी ना हो करके बीरबल की खिचड़ी हो गई है, जिसका पता ही नहीं चल रहा है कि यह कब तैयार होगी. ट्रांसफर पॉलिसी के नाम पर सिर्फ शिक्षकों को गुमराह किया जा रहा है. उनका मानसिक शोषण किया जा रहा है. सभी अर्हता रखने वाले नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनाने के लिए पहले सक्षमता परीक्षा का शर्त रखा गया. जब शिक्षक परीक्षा में सम्मिलित हुए और योग्यता पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिए तब भी उनकी मांगों पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है.''- अमित विक्रम, बिहार राज्य विद्यालय संघ अध्यक्ष

अमित विक्रम, बिहार राज्य विद्यालय संघ अध्यक्ष
अमित विक्रम, बिहार राज्य विद्यालय संघ अध्यक्ष (ETV Bharat)
पहले भी हुई थी कमेटी गठित जिसका कोई रिजल्ट नहीं : अमित विक्रम ने बताया कि ''ट्रांसफर पॉलिसी और राज्य कर्मी का दर्जा की उन लोगों की दशकों पुरानी मांग है. पहले भी साल 2020 में कहा गया था कि एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जो शिक्षकों के ट्रांसफर पॉलिसी में मदद करेगा. लेकिन यह सॉफ्टवेयर आज तक तैयार नहीं हुआ. राज्य कर्मी की मांग के लिए सक्षमता परीक्षा दिए लेकिन कहा गया था कि उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों को एक महीने के भीतर नई जॉइनिंग दी जाएगी. लेकिन अभी तक शिक्षकों का पदस्थापन नहीं हुआ है. सरकार सिर्फ जल्द पदस्थापना नीति तैयार होगी कहकर लॉलीपॉप दे रही है.''

ट्रांसफर पॉलिसी लाना सरकार की मंशा नहीं : अमित विक्रम ने कहा कि प्रदेश के सभी नियोजित शिक्षक भली भांति समझने लगे हैं. लोग यह जान रहे हैं कि यह सरकार की मंशा नहीं है कि नहीं ट्रांसफर पॉलिसी लाई जाए. सरकार इसे अभी और आगे खींचना चाहती है. सरकार इस चुनाव तक ले जाना चाहती है ताकि चुनाव के समय ट्रांसफर पॉलिसी लाकर आई वास करें. लेकिन नियोजित शिक्षकों की स्पष्ट मांग है कि जिस दिन से सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण हुए हैं, उसी दिन से राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए और वेतन भुगतान भी राज्य कर्मी के आधार पर उसी दिन से हो.

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पटना : बिहार में नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी बीरबल की खिचड़ी बनाकर रह गई है. सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर शिक्षा विभाग ने तीन सदस्य अधिकारियों की एक हाई लेवल कमेटी 1 जुलाई को बनाई थी. 15 जुलाई तक कमेटी को रिपोर्ट देनी थी और ट्रांसफर पॉलिसी 31 जुलाई तक फाइनल कर लेनी थी. लेकिन अभी भी सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण 1.87 लाख नियोजित शिक्षकों को नई पोस्टिंग और राज्य कर्मी के दर्जा का इंतजार है.

कमेटी के दो सदस्य बदल गए : ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर शिक्षा विभाग में जो तीन बड़े अधिकारियों की कमेटी तैयार की गई उसमें से दो अधिकारी का ट्रांसफर हो गया है. ऐसे में शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन का मुद्दा और लंबित हो गया है. शिक्षकों के ट्रांसफर पॉलिसी के लिए बनी कमेटी में शिक्षा विभाग की सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सदस्यों में बिहार शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक, प्राथमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक शामिल है. लेकिन बीते दिनों प्राथमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक का तबादला हो गया है. नए माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया.

नए सदस्यों की कमेटी तैयार करेगी ट्रांसफर पॉलिसी : अब पदभार ग्रहण करने के बाद यह अधिकारी शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन की नीति तय करेंगे. साथ ही सेवा काल में मृत शिक्षकों के आश्रितों की अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए भी पॉलिसी तैयार करेंगे. इसके अलावा विद्यालयों की टाइमिंग और शिक्षा सेवा के प्रशासनिक उपसंग वर्ग के पुनर्गठन पर भी कमेटी अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगी. यह कमेटी कई बैठकर कर चुकी है लेकिन अब तक कोई भी फाइनल ड्राफ्ट तैयार नहीं हुआ है.

ट्रांसफर पॉलिसी बनी बीरबल की खिचड़ी : विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ट्रांसफर पॉलिसी आएगी. लेकिन इसी बीच तमाम नियोजित शिक्षक कहने लगे हैं कि उनके लिए ट्रांसफर पॉलिसी ऑफ बीरबल की खिचड़ी बनाकर रह गई है, जिसका पता ही नहीं चल रहा कि कब यह तैयार होगी. बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि सरकार के रवैया से सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण 1.87 लाख शिक्षक क्षुब्ध हैं.

''यह ट्रांसफर पॉलिसी ना हो करके बीरबल की खिचड़ी हो गई है, जिसका पता ही नहीं चल रहा है कि यह कब तैयार होगी. ट्रांसफर पॉलिसी के नाम पर सिर्फ शिक्षकों को गुमराह किया जा रहा है. उनका मानसिक शोषण किया जा रहा है. सभी अर्हता रखने वाले नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनाने के लिए पहले सक्षमता परीक्षा का शर्त रखा गया. जब शिक्षक परीक्षा में सम्मिलित हुए और योग्यता पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिए तब भी उनकी मांगों पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है.''- अमित विक्रम, बिहार राज्य विद्यालय संघ अध्यक्ष

अमित विक्रम, बिहार राज्य विद्यालय संघ अध्यक्ष
अमित विक्रम, बिहार राज्य विद्यालय संघ अध्यक्ष (ETV Bharat)
पहले भी हुई थी कमेटी गठित जिसका कोई रिजल्ट नहीं : अमित विक्रम ने बताया कि ''ट्रांसफर पॉलिसी और राज्य कर्मी का दर्जा की उन लोगों की दशकों पुरानी मांग है. पहले भी साल 2020 में कहा गया था कि एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जो शिक्षकों के ट्रांसफर पॉलिसी में मदद करेगा. लेकिन यह सॉफ्टवेयर आज तक तैयार नहीं हुआ. राज्य कर्मी की मांग के लिए सक्षमता परीक्षा दिए लेकिन कहा गया था कि उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों को एक महीने के भीतर नई जॉइनिंग दी जाएगी. लेकिन अभी तक शिक्षकों का पदस्थापन नहीं हुआ है. सरकार सिर्फ जल्द पदस्थापना नीति तैयार होगी कहकर लॉलीपॉप दे रही है.''

ट्रांसफर पॉलिसी लाना सरकार की मंशा नहीं : अमित विक्रम ने कहा कि प्रदेश के सभी नियोजित शिक्षक भली भांति समझने लगे हैं. लोग यह जान रहे हैं कि यह सरकार की मंशा नहीं है कि नहीं ट्रांसफर पॉलिसी लाई जाए. सरकार इसे अभी और आगे खींचना चाहती है. सरकार इस चुनाव तक ले जाना चाहती है ताकि चुनाव के समय ट्रांसफर पॉलिसी लाकर आई वास करें. लेकिन नियोजित शिक्षकों की स्पष्ट मांग है कि जिस दिन से सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण हुए हैं, उसी दिन से राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए और वेतन भुगतान भी राज्य कर्मी के आधार पर उसी दिन से हो.

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