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'बच्चे 9 बजे ही आएंगे स्कूल', क्या नीतीश कुमार की बात नहीं मानेंगे KK Pathak?

क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेशों से भी शिक्षा विभाग को कोई मतलब नहीं है? क्या सीएम के आदेशों की अवहेलना की जा रही है? बिहार में इन दिनों कुछ इसी तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. विधानसभा में हंगामा होने पर सीएम ने स्कूलों के समय को 10 से 4 बजे करने की बात कही थी, लेकिन इस आदेश के कुछ घंटे बाद ही केके पाठक का नया आदेश सामने आ गया. जानें पूरा मामला.

'बच्चे 9 बजे ही आएंगे स्कूल', क्या नीतीश कुमार की बात नहीं मानेंगे KK Pathak?
'बच्चे 9 बजे ही आएंगे स्कूल', क्या नीतीश कुमार की बात नहीं मानेंगे KK Pathak?
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 21, 2024, 1:46 PM IST

Updated : Feb 21, 2024, 1:56 PM IST

क्या नीतीश कुमार की बात नहीं मानेंगे KK Pathak?

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 10 से 4 बजे तक विद्यालय संचालन के आदेश के बावजूद ACS केके पाठक द्वारा विद्यालय 9 बजे सुबह में ही खोलने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही छुट्टियों को पूर्ववत नहीं किया गया है. ऊपर से 31 मार्च तक के सभी पर्व त्योहार और संडे को भी शिक्षकों को विद्यालय खोलने के आदेश दिए गए गए हैं.

नीतीश कुमार का आदेश: दरअसल सीएम नीतीश कुमार ने स्कूल टाइमिंग बढ़ाए जाने को लेकर बिहार विधानसभा में नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि वे अधिकारियों से बात करेंगे. स्कूल का समय सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक होना चाहिए. बता दें कि सदन में विपक्ष ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्ज और स्कूल का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक करने को लेकर हंगामा किया था.

नीतीश के आदेश के इतर शिक्षा विभाग का आदेश: सीएम नीतीश के आदेश के चंद घंटों के अंदर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से एक पत्र जारी किया गया. इसमें पहले की प्रक्रिया को बरकरार रखा गया है.यानी 10 बजे से 4 बजे तक घंटी का संचालन होगा.

शिक्षा विभाग का फरमान
शिक्षा विभाग का फरमान

"नौ बजे टीचर पहुंच जाएगा. सफाई कराएगा, स्कूल खोलेगा.नौ से सवा नौ के बीच में कभी भी चेतना सत्र शुरू कर दे. पहले तो देखें कि कितने बच्चे स्कूल आए हैं."- केके पाठक, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग

'बिहार में अफसरशाही'- पूर्व शिक्षा मंत्री: वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि केके पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे हैं. बिहार में अफसरशाही का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है. साथ ही चंद्रशेखर ने विजय कुमार चौधरी पर भी हमला बोला है. चंद्रशेखर का दावा है कि जो भी बहाली बीपीएससी से हुई, वह सब उनका फैसला था.

'बिहार में अफसरशाही'- पूर्व शिक्षा मंत्री

"शिक्षक हूं शिक्षा की मर्यादा समझता हूं. नीतीश कुमार के निर्देश की अवहेलना कर दी गई तो अब कुछ बच रहा है क्या."- चंद्रशेखर,पूर्व शिक्षा मंत्री, बिहार

क्या बोले शिक्षक संघ? : वहीं माले विधायक और शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष संदीप ने केके पाठक पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि, ''केके पाठक का मकसद शिक्षा में सुधार नहीं, शिक्षकों का उत्पीड़न है.

"महागठबंधन की मांग के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के लिए स्कूलों का समय 9 बजे से 5 के बजाय इसे 10 बजे से 4 बजे तक करने की घोषणा की, लेकिन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों के लिए स्कूल को 9 से 5 ही रखा. मतलब कि घंटी बदल गई, पर घंटा नहीं. ऐसे उद्दंड अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए.''- संदीप, माले विधायक और शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष

शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद से केके पाठक ने आदेशों की झड़ी लगा दी है. उनके नए-नए आदेशों से शिक्षक परेशान हैं. इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि केके पाठक ने शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए कई तरह की कोशिश की है.

नीतीश कुमार कर चुके हैं कई बार तारीफ: सीएम नीतीश कुमार ने भी कई बार केके पाठक की तारीफ की है. महागठबंधन सरकार के दौरान गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र के वितरण समारोह में नीतीश ने केके पाठक की काफी तारीफ की थी. नीतीश ने कहा था कि अच्छा काम करते हैं, लेकिन अब वही केके पाठक नीतीश कुमार के आदेशों की अवहेलना करते हुए नए आदेश जारी कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-

'केके पाठक ईमानदार अफसर', नीतीश कुमार बोले- 'शिक्षकों को 15 मिनट पहले स्कूल आना होगा'

ये भी पढ़ेंः 'सरकारी स्कूलों का समय 10 से 4 बजे तक ही रहेगा', सदन में बोले CM- केके पाठक से बात करूंगा

क्या नीतीश कुमार की बात नहीं मानेंगे KK Pathak?

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 10 से 4 बजे तक विद्यालय संचालन के आदेश के बावजूद ACS केके पाठक द्वारा विद्यालय 9 बजे सुबह में ही खोलने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही छुट्टियों को पूर्ववत नहीं किया गया है. ऊपर से 31 मार्च तक के सभी पर्व त्योहार और संडे को भी शिक्षकों को विद्यालय खोलने के आदेश दिए गए गए हैं.

नीतीश कुमार का आदेश: दरअसल सीएम नीतीश कुमार ने स्कूल टाइमिंग बढ़ाए जाने को लेकर बिहार विधानसभा में नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि वे अधिकारियों से बात करेंगे. स्कूल का समय सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक होना चाहिए. बता दें कि सदन में विपक्ष ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्ज और स्कूल का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक करने को लेकर हंगामा किया था.

नीतीश के आदेश के इतर शिक्षा विभाग का आदेश: सीएम नीतीश के आदेश के चंद घंटों के अंदर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से एक पत्र जारी किया गया. इसमें पहले की प्रक्रिया को बरकरार रखा गया है.यानी 10 बजे से 4 बजे तक घंटी का संचालन होगा.

शिक्षा विभाग का फरमान
शिक्षा विभाग का फरमान

"नौ बजे टीचर पहुंच जाएगा. सफाई कराएगा, स्कूल खोलेगा.नौ से सवा नौ के बीच में कभी भी चेतना सत्र शुरू कर दे. पहले तो देखें कि कितने बच्चे स्कूल आए हैं."- केके पाठक, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग

'बिहार में अफसरशाही'- पूर्व शिक्षा मंत्री: वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि केके पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश का भी पालन नहीं कर रहे हैं. बिहार में अफसरशाही का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है. साथ ही चंद्रशेखर ने विजय कुमार चौधरी पर भी हमला बोला है. चंद्रशेखर का दावा है कि जो भी बहाली बीपीएससी से हुई, वह सब उनका फैसला था.

'बिहार में अफसरशाही'- पूर्व शिक्षा मंत्री

"शिक्षक हूं शिक्षा की मर्यादा समझता हूं. नीतीश कुमार के निर्देश की अवहेलना कर दी गई तो अब कुछ बच रहा है क्या."- चंद्रशेखर,पूर्व शिक्षा मंत्री, बिहार

क्या बोले शिक्षक संघ? : वहीं माले विधायक और शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष संदीप ने केके पाठक पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि, ''केके पाठक का मकसद शिक्षा में सुधार नहीं, शिक्षकों का उत्पीड़न है.

"महागठबंधन की मांग के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के लिए स्कूलों का समय 9 बजे से 5 के बजाय इसे 10 बजे से 4 बजे तक करने की घोषणा की, लेकिन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों के लिए स्कूल को 9 से 5 ही रखा. मतलब कि घंटी बदल गई, पर घंटा नहीं. ऐसे उद्दंड अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए.''- संदीप, माले विधायक और शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष

शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद से केके पाठक ने आदेशों की झड़ी लगा दी है. उनके नए-नए आदेशों से शिक्षक परेशान हैं. इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि केके पाठक ने शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए कई तरह की कोशिश की है.

नीतीश कुमार कर चुके हैं कई बार तारीफ: सीएम नीतीश कुमार ने भी कई बार केके पाठक की तारीफ की है. महागठबंधन सरकार के दौरान गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र के वितरण समारोह में नीतीश ने केके पाठक की काफी तारीफ की थी. नीतीश ने कहा था कि अच्छा काम करते हैं, लेकिन अब वही केके पाठक नीतीश कुमार के आदेशों की अवहेलना करते हुए नए आदेश जारी कर रहे हैं.

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Last Updated : Feb 21, 2024, 1:56 PM IST
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