पटनाः लालू प्रसाद यादव के करीबी राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह की सदस्यता खतरे में है. बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करने के मामले में आचार समिति ने दोषी पाया है. सभापति अवधेश नारायण सिंह को राजद के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह की सदस्यता की सदस्यता को लेकर निर्णय लेना है. मिल रही जानकारी के अनुसार शुक्रवार को इस रिपोर्ट पर सभापति निर्णय लेंगे.
क्या है मामलाः दरअसल विधान मंडल का बजट सत्र चल रहा था. उस समय राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह और कारी सोहेब ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सदन में मिमिक्री की थी. उस समय विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर थे. सदन के अन्दर इस तरह मिमिक्री किये जाने पर सत्ता पक्ष ने राजद सदस्यों को निलंबित करने की मांग की थी. इसको लेकर विधान परिषद में वरिष्ठ सदस्य रामबचन राय की अध्यक्षता में आचार समिति बनायी गयी थी.
आचार समिति की रिपोर्ट आ गयीः आचार समिति की रिपोर्ट में राजद के विधान पार्षद सुनील कुमार को दोषी पाया गया है. जबकि समिति की रिपोर्ट में राजद एमएलसी कारी सोहेब निर्दोष साबित हुए हैं. बता दें कि सुनील कुमार 2020 में विधान परिषद के सदस्य बने थे. अभी वो वर्ष 2026 तक उनका कार्यकाल है. आचार समिति की रिपोर्ट पर सभापति अवधेश नारायण सिंह क्या लेते हैं, यह शुक्रवार को पता चल जाएगा.
मुख्यमंत्री से किया था अनुरोधः बता दें कि विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने अपनी सदस्यता को बचाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई बार अनुरोध किया था. साथ ही सदन के वरिष्ठ सदस्यों से भी उन्होंने अनुरोध किया था. लेकिन जिस तरह की रिपोर्ट आचार समिति के वरिष्ठ सदस्य रामबचन राय ने इस मामले को लेकर दिया है, ऐसा माना जा रहा है कि इसी को आधार बनाकर सभापति अवधेश नारायण सिंह, राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह की सदस्यता को खत्म कर सकते हैं.
इसे भी पढ़ेंः बिहार विधानसभा मानसून सत्र चौथा दिन, विपक्ष के हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पर चर्चा शुरू - Bihar Assembly Session
इसे भी पढ़ेंः 'नीतीश कुमार का सरेंडर', विशेष राज्य के मुद्दे पर बोले लालू यादव- 'BJP ने बिहार को कुछ नहीं दिया' - Lalu Prasad Yadav