पटना: लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार में नौकरी और रोजगार को लेकर एक्शन में दिखने लगे हैं. मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री, संबंधित विभागों के मंत्रीगण, मुख्य सचिव, संबंधित विभागों के आला अधिकारियों साथ बैठक कर आगामी एक वर्ष में लक्ष्य की प्राप्ति हेतु बचे हुये नौकरी एवं रोजगार देने के काम को कार्ययोजना बनाकर मिशन मोड में पूर्ण करने का निर्देश दिया है.
क्या है तैयारीः सरकार का दावा है कि अब तक 5 लाख 16 हजार लोगों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है. इसके अतिरिक्त 1 लाख 99 हजार सरकारी नौकरी से संबंधित नियुक्ति हेतु प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है. अगले तीन महीने के अंदर नियुक्ति पत्र वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है. नियुक्ति करने वाले विभिन्न आयोगों को 2 लाख 11 हजार नई नियुक्ति हेतु अधियाचना भेजी जा चुकी है. इसके अतिरिक्त अगले एक महीने में 2 लाख 34 हजार रिक्तियों की अधियाचना विभिन्न आयोगों को भेजी जायेगी. आगामी वर्ष में नियुक्ति हेतु 72 हजार और रिक्तियां होने का अनुमान है, जिसकी अधियाचना अगले वर्ष भेजी जायेगी.
12 लाख सरकारी नौकरी की तैयारीः दिनांक 15.12.2020 से लागू सात निश्चय- 2 के अन्तर्गत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया था. इस संबंध में उल्लेखनीय है कि सात निश्चय- 2 के अन्तर्गत 5 लाख 16 हजार नियुक्तियां की जा चुकी हैं. इसके अतिरिक्त 1 लाख 99 हजार नियुक्ति पत्र वितरण के लिये तैयार है. साथ ही 5 लाख 17 हजार रिक्तियों के विरुद्ध नियुक्ति प्रक्रियाधीन है, यानी कुल 12 लाख से अधिक सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य वर्ष 2024-25 तक रखा गया है.
रोजगार के अवसर सृजित किये जायेंगेः इस प्रकार मुख्यमंत्री के सात निश्चय 2 के अन्तर्गत 10 लाख सरकारी नौकरी देने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसे पार करते हुये वर्ष 2024-25 तक 12 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दे दी जायेगी. सात निश्चय - 2 के अन्तर्गत 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था. अब तक सात निश्चय- 2 के अन्तर्गत 22 लाख से अधिक रोजगार सृजित किये जा चुके हैं और आने वाले एक वर्ष में 11 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किये जायेंगे.
तेजस्वी ने रोजगार को बनाया मुद्दाः बता दें कि तेजस्वी यादव ने रोजगार को 2020 विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था और इसका लाभ भी उन्हें मिला था. महागठबंधन की सरकार में जो सरकारी नौकरी दी गई तेजस्वी यादव उसे अपनी उपलब्धि बताते हैं. लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए को 2019 के मुकाबले इस बार नुकसान हुआ. अगले साल विधानसभा का चुनाव है और उसे देखते हुए नीतीश कुमार कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. इसीलिए नौकरी और रोजगार को लेकर एक्शन में है.
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