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अंबिकापुर में भाजपा की जीत और कांग्रेस के हार का फैक्टर, क्या कहते हैं सिंहदेव, जानिए - CG CIVIC BODY ELECTION RESULT

नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद अंबिकापुर में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार की वजहों को समझते हैं.

BJPs Congress meeting in Ambikapur
अंबिकापुर में भाजपा कांग्रेस की समीक्षा बैठक (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 16, 2025, 2:03 PM IST

Updated : Feb 16, 2025, 2:17 PM IST

सरगुजा : अंबिकापुर नगर निगम में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है. 10 वर्ष से अंबिकापुर की सत्ता में काबिज कांग्रेस को भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखाया है. भाजपा ने ना सिर्फ मेयर पद पर कब्जा किया, बल्कि नगर निगम में बहुमत के साथ उसके पार्षद भी जीतकर पहुंचे हैं. इसका मतलब निगम में सभापति भी भाजपा का ही होगा.

"एक आदमी का खेल नहीं, यह टीम का खेल": भाजपा की इस बड़ी जीत और कांग्रेस की करारी हार के कारणों की समीक्षा करें तो कोई बहुत चमत्कारिक कारण सामने नहीं आते हैं. सियासत के वही परम्पगत फार्मूलों की वजह से अंबिकापुर में सत्ता परिवर्तन हुआ है. अपनी जीत और कांग्रेस की हार पर भाजपा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराया है.

अंबिकापुर में भाजपा कांग्रेस की समीक्षा (ETV Bharat Chhattisgarh)

कांग्रेस दस साल से निगम में थी. इनके कुकृत्यों के कारण ये हारे हैं. सड़कों की हालत धूर धुरसित है. जीत का खेल टीम का है, किसी एक व्यक्ति का खेल नहीं है. भाजपा के संगठन की एकता और कांग्रेस में पड़ी फूट के कारण जनता ने भाजपा पर विश्वास दिखाया है : भारत सिंह सिसोदिया, भाजपा जिलाध्यक्ष, सरगुजा

"परिसीमन और सत्ता का लाभ ": जीत हार की वजहों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव कहते हैं कि जब कांग्रेस की सत्ता में थी तो 14 में से 14 नगर निगम कांग्रेस ने जीती थी. आज बीजेपी सत्ता में है तो बीजेपी को जीत मिली है.

सत्ता जब किसी की प्रदेश में होती है तो निकाय चुनाव में उसका लाभ मिलता है. लोग सत्ताधारी दल को वोट करते हैं, ताकि उनके वार्ड का विकास हो सके. दूसरा प्रशासनिक कमी रही कि मनमाने ढंग से अपने अनुरूप वार्डों का परिसीमन किया गया. 2600 के एवरेज में आबादी का भी ध्यान नहीं रखा गया. कहीं 1200 वोट तो कहीं 4400 वोट हैं : टी एस सिंहदेव, पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता

सिंहदेव-भूपेश की लड़ाई में फंडिंग में कमी : वरिष्ठ पत्रकार मनोज गुप्ता कहते हैं कि अंबिकापुर में कांग्रेस का पहला कार्यकाल बहुत बेहतर था. उस कार्यकाल में सराहना भी मिली, लेकिन तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी. दूसरे कार्यकाल में प्रदेश कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन तब भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव की आपसी लड़ाई में अंबिकापुर को कम फंडिंग मिली और कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी.

वरिष्ठ पत्रकार मनोज गुप्ता का मानना है कि भाजपा की जीत के कारणों में सबसे पहले तो उसको सत्ता का लाभ मिला. दूसरा उनका घोषणा पत्र बहोत शानदार था. उसमें लगभग शहर की सभी बड़ी घोषणाएं थी. नजूल भूमि का पट्टा देने का वादा भी काम किया, क्योंकि अंबिकापुर में ज्यादातर लोग नजूल भूमि पर बसे हैं.

कांग्रेस के गढ़ में भाजपा की सेंधमारी, खाता भी नहीं खोल पाई कांग्रेस
दुर्ग नगर निगम में भाजपा की ऐतिहासिक जीत, कांग्रेस करेगी हार का मंथन
सड़क किनारे भालू दिखने से मचा हड़कंप, हाई अलर्ट पर वन अमला

सरगुजा : अंबिकापुर नगर निगम में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है. 10 वर्ष से अंबिकापुर की सत्ता में काबिज कांग्रेस को भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखाया है. भाजपा ने ना सिर्फ मेयर पद पर कब्जा किया, बल्कि नगर निगम में बहुमत के साथ उसके पार्षद भी जीतकर पहुंचे हैं. इसका मतलब निगम में सभापति भी भाजपा का ही होगा.

"एक आदमी का खेल नहीं, यह टीम का खेल": भाजपा की इस बड़ी जीत और कांग्रेस की करारी हार के कारणों की समीक्षा करें तो कोई बहुत चमत्कारिक कारण सामने नहीं आते हैं. सियासत के वही परम्पगत फार्मूलों की वजह से अंबिकापुर में सत्ता परिवर्तन हुआ है. अपनी जीत और कांग्रेस की हार पर भाजपा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराया है.

अंबिकापुर में भाजपा कांग्रेस की समीक्षा (ETV Bharat Chhattisgarh)

कांग्रेस दस साल से निगम में थी. इनके कुकृत्यों के कारण ये हारे हैं. सड़कों की हालत धूर धुरसित है. जीत का खेल टीम का है, किसी एक व्यक्ति का खेल नहीं है. भाजपा के संगठन की एकता और कांग्रेस में पड़ी फूट के कारण जनता ने भाजपा पर विश्वास दिखाया है : भारत सिंह सिसोदिया, भाजपा जिलाध्यक्ष, सरगुजा

"परिसीमन और सत्ता का लाभ ": जीत हार की वजहों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव कहते हैं कि जब कांग्रेस की सत्ता में थी तो 14 में से 14 नगर निगम कांग्रेस ने जीती थी. आज बीजेपी सत्ता में है तो बीजेपी को जीत मिली है.

सत्ता जब किसी की प्रदेश में होती है तो निकाय चुनाव में उसका लाभ मिलता है. लोग सत्ताधारी दल को वोट करते हैं, ताकि उनके वार्ड का विकास हो सके. दूसरा प्रशासनिक कमी रही कि मनमाने ढंग से अपने अनुरूप वार्डों का परिसीमन किया गया. 2600 के एवरेज में आबादी का भी ध्यान नहीं रखा गया. कहीं 1200 वोट तो कहीं 4400 वोट हैं : टी एस सिंहदेव, पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता

सिंहदेव-भूपेश की लड़ाई में फंडिंग में कमी : वरिष्ठ पत्रकार मनोज गुप्ता कहते हैं कि अंबिकापुर में कांग्रेस का पहला कार्यकाल बहुत बेहतर था. उस कार्यकाल में सराहना भी मिली, लेकिन तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी. दूसरे कार्यकाल में प्रदेश कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन तब भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव की आपसी लड़ाई में अंबिकापुर को कम फंडिंग मिली और कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी.

वरिष्ठ पत्रकार मनोज गुप्ता का मानना है कि भाजपा की जीत के कारणों में सबसे पहले तो उसको सत्ता का लाभ मिला. दूसरा उनका घोषणा पत्र बहोत शानदार था. उसमें लगभग शहर की सभी बड़ी घोषणाएं थी. नजूल भूमि का पट्टा देने का वादा भी काम किया, क्योंकि अंबिकापुर में ज्यादातर लोग नजूल भूमि पर बसे हैं.

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Last Updated : Feb 16, 2025, 2:17 PM IST
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