रायपुर: पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान माओवादियों ने बम धमाका किया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने विस्फोट में शामिल तीन माओवादियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है. जिन तीन माओवादियों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल किया है उसमें माओवादियों के अंडरग्राउंड साथी मोहन यादव, भूपेंद्र द्रुव और लखनलाल यादव शामिल है. इन तीनों के अलावा सात अन्य नक्सल सहयोगियों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
एनआईए ने दाखिल किया आरोप पत्र: सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और विस्फोटक पदार्ध अधिनियम के तहत अलग अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया था. विधानसभा चुनाव 2023 में चुनाव ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और जवानों को निशाना बनाने के लिए बम धमाका करने की साजिश इन लोगों ने रची थी. पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार माओवादियों के अंडरग्राउंड साथियों ने गरियाबंद के बड़ेगोबरा में आईईडी विस्फोट किया था.
गरियाबंद धमाके में जवान हुआ था शहीद: धमाके की जांच के दौरान बड़ेगोबरा से गिरफ्तार नक्सल सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद उनके घरों की तलाशी ली गई. तलाशी अभियान के दौरान आपत्तिजनक समाान 2 लाख 98 हजार की नकदी मिली थी. पुलिस रिकार्ड के मुताबिक 17 नवंबर 2023 को ये धमाका हुआ था. धमाका उस वक्त किया गया जब मतदान दल मतदान कराकर लौट रहा था. विस्फोट में आईटीबीपी का एक जवान जख्मी हो गया था. इलाज के दौरान बाद में जवान शहीद हो गया.
तीन राज्यों में एनआईए की रेड: एनआए की टीम ने नक्सलियों को सामान मुहैया कराने वाले टीम पर तीन राज्यों में दबिश दी है. छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के चित्तूर में ये रेड हुई है. छत्तीसगढ सहित तीन राज्यों में मारे गए रेड के दौरान बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सामान और डिजिटल डिवाइस मिले हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने डिजिटल डिवाइस सहित कई सामानों को जब्त किया है. पुलिस ने जब्त सामानों के साथ आरोपियों पर भी गिरफ्तार किया है. पकड़े गए लोगों के पास से नकदी और विस्फोटक सामान भी बरामद किए गए हैं. जांच में भूमिगत माओवादी कैडर का भी पता चला है. सूत्रों के मुताबिक भूमिगत कैडर माओवादियों को रसद पहुंचाने का काम करते हैं. एक पूरा अंडरग्राउंड नेटवर्क है जो माओवादियों के लिए काम करता है.