जींद: स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर शनिवार को 16वें दिन भी हड़ताल पर डटे रहे. वहीं तीसरे दिन भूख हडताल को जारी रखा. एनएचएम कर्मियों ने सीएमओ कार्यालय के सामने धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पांच कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठे जिनमें डा. विवेक गुप्ता, दीपक कुमार, नरेश, डा. विजयपाल, डा. मोहन वशिष्ठ शामिल रहे.
धरने की अध्यक्षता सुनील सैनी रैफरल ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर ने की जबकि मंच संचालन योगेश ईएमटी व नवीन बड़ाला ने की. एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर असर दिखने को मिला. जिसमें लेबर रूम में डिलीवरी का कार्य, नर्सरी में नवजात शिशुओं की देखरेख का कार्य, केएमसी यूनिटए रेफरल, ट्रांसपोर्ट एम्बुलेंस सुविधा न मिलना, जन्म-मृत्यु विभाग कार्य, मेंटल हैल्थ, केंद्रीय औषधि विभाग कार्य, स्कूल हैल्थ (आरबीएसके) व आरकेएसके टीम द्वारा फील्ड में बच्चों के स्वास्थ्य जांच कार्य, एनसीडी, एनआरसी, टीबी विभाग, आयुष विभाग, एनएचएम कार्यालय, पीपी सेंटर, टीकाकरण कार्य, सभी सीएचओ व रिपोर्टिंग आदि कार्य शामिल रहे.
उन्होंने मांग की कि एनएचएम कर्मचारियों को पक्का कर्मचारी घोषित किया जाए. सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए, सर्विस रूल के साथ कोई छेड़छाड़ ना की जाए. कैशलैस मेडिकल सुविधा देने, एलटीसी, ग्रेजुएटी व एक्सग्रेशिया का लाभ दिया जाए. कर्मचारियों को सेवा के अनुसार ईएल, स्टडी लीव, ट्यूशन फीस का लाभ दिया जाए. आयुष्मान भारत योजना के तहत सीएचओ कैडर की एसओपी को लागू किया जाए. बांड प्रथा को समाप्त करने, एनएचएम कर्मियों को ट्रांसफर सुविधा देने, वर्ष 2017 से 2024 तक कर्मियों द्वारा दी गई हड़ताल अवधि का वेतन जारी करने वा सेवा अवधि में गणना की जाए.
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