गया: बिहार को जल्द ही अपना पहला एक्सप्रेसवे मिलने वाला है, जिसका नाम आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे है. गया में एनएचएआई को जमीन मुहैया कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. डीएम डॉ त्याग राजन के आदेश पर गया जिले से गुजरने वाले फोरलेन ग्रीन फील्ड आमस-शिवराम एनएच 119डी के लिए अधिग्रहित की गई टिकारी क्षेत्र की भूमि को एनएचएआई को भौतिक रूप से कब्जा दिया गया.
NHAI का जमीन पर कब्जा : टिकारी एसडीएम सुजीत कुमार और डीसीएलआर विक्रम बेनामी समेत कई अधिकारि डीएम डॉ त्याग राजन के आदेश पर खनेटु मौजा के समीप अधिग्रहित की गई भूमि का निरीक्षण किया. भूमि पर भौतिक रूप से कब्जा भी दिलाया गया. खनेटु मौजा की कई भूखंड का अधिग्रहण किया गया था. कब्जा प्रमाण पत्र एनएचएआई के अधिकारियों को सौंप गया था. भूखंड अधिग्रहण के बाद भी भूखंड पर भौतिक रूप से कब्जा नहीं हो सका था.
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बिहार के पहले एक्सप्रेसवे : आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे बिहार का पहला एक्सप्रेसवे होगा. वहीं पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में कई एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो चुके हैं. बिहार में भी चार एक्सप्रेसवे पर चर्चा होती रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को भी बक्सर तक एक्सटेंशन करना है. फिर बक्सर को पटना से भी जोड़ने की तैयारी है, लेकिन अभी तक बिहार में कोई भी एक्सप्रेस वे जमीन पर नहीं उतर सका है. यह पहला एक्सप्रेसवे होगा जिसका निर्माण कार्य शुरू होगा.
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6 लेन का सुपर हाईटेक एक्सप्रेसवे:यह छह लेन वाला एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे होगा. एक्सेस-कंट्रोल्ड का मतलब है कि इस पर सीमित जगहों से ही प्रवेश और निकास होगा. इससे यातायात बेरोकटोक चलता रहेगा और दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी. भारतमाला परियोजना के तहत NHAI इसका निर्माण कर रहा है. इस परियोजना के 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
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कई शहरों को जोड़ेगा ये एक्सप्रेसवे : आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे दिल्ली-कोलकाता NH-19 पर आमस से शुरू होकर दरभंगा के नवादा गांव तक जाएगा. जहां यह NH-27 से मिलेगा. यह एक्सप्रेसवे आमस, रामनगर, सबलपुर, चकसिकंदर, दभैच, इब्राहिमपुर, ओकरी, पभेरा, मथुरापुर, गुरारू, पंचानपुर, बेला, बहुआरा, शाहपुर बघौनी (ताजपुर), शिव नंदनपुर (बूढ़ी गंडक), बासुदेवपुर रामनगर (लहेरियासराय), बेला नवादा (दरभंगा) जैसे कई शहरों से होकर गुजरेगा.
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189 किलोमीटर लंबी होगी आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे: आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 189 किलोमीटर है. यह भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है. एक्सप्रेसवे आमस से मथुरापुर, गुरारू,पंचानपुर और बेला होते हुए गुजरेगी. इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य बिहार के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदलने के साथ ही उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क पढ़ने का है.
"गया में 55 किमी एक्सप्रेसवे का निर्माण होना है. जिस में 40 किमी का कार्य तेज गति से हो रहा है. 15 किमी में जमीन को लेकर कुछ विवाद है, लेकिन उसका भी हल किया जा रहा है. कार्य में कहीं रुकावट नहीं होगी. एनएचएआई को जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए भौतिक रूप से दखल की प्रक्रिया भी हो रही है."-डॉ त्याग राजन, डीएम, गया
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क्या है भारतमाला परियोजना: 2017 में केंद्र सरकार ने भारतमाला प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इसके तहत देश में बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए हाईवे और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने का लक्ष्य रखा गया. भारतमाला प्रोजेक्ट, देश में हाईवे के निर्माण के लिए चलाई जा रही है एक परियोजना है. इसमें देशभर में एक मजबूत हाई-स्पीड रोड नेटवर्क तैयार की योजना है.
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