जबलपुर। हाल ही में 01 जुलाई से लागू हुई नागरिक सुरक्षा संहिता कानून की नई धाराओं के आधार पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. नरसिंहपुर पुलिस को फरियादी की शिकायत को निराकृत करने के आदेश दिए गए हैं. नए कानून में इस बात का जिक्र है कि शिकायत तुरंत दर्ज होगी और 90 दिनों के भीतर इस शिकायत पर क्या किया गया, यह भी फरियादी को बताना होगा. मौजूदा मामला धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और पंडोखर सरकार से जुड़ा हुआ है.
नागरिक सुरक्षा संहिता पर आया पहला फैसला
गोटेगांव के रहने वाले अमीश तिवारी बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के शिष्य हैं. अमीश तिवारी शिकायत लेकर 7 मई 2024 को गोटेगांव थाने पहुंचे थे. अमीश तिवारी ने गुरुशरण शर्मा उर्फ पंडोखर बाबा के खिलाफ लिखित शिकायत दी, जिसमें आरोप लगाया है कि गुरुशरण शर्मा ने उनके आराध्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ अनर्गल वार्तालाप किया है और उनके परिवार की महिलाओं के खिलाफ भी गुरुशरण शर्मा ने बोला है. गुरु शरण शर्मा ने जो भी कुछ कहा है वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर उपलब्ध है.
गुरु शरण शर्मा के खिलाफ एफआईआर की मांग
इसे आधार बनाकर गुरु शरण शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई. क्योंकि उनके इस वीडियो की वजह से उनकी भावनाएं आहत होती हैं, लेकिन गोटेगांव थाने के अधिकारियों ने अमीश तिवारी की शिकायत दर्ज नहीं की. अमीश तिवारी ने अपनी शिकायत को आधार बनाकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की शरण ली.
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नए कानून के तहत पुलिस को देना होगा स्पष्टीकरण
एडवोकेट पंकज दुबे ने 1 जुलाई से लागू हुए नए कानून नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 का हवाला देते हुए कहा कि नए कानून में यह स्पष्ट लिखा है कि यदि कोई शिकायतकर्ता कोई शिकायत लेकर थाने पहुंचा है तो 14 दिनों के भीतर या तो थाना शिकायत दर्ज कर ले या फिर यह बताए कि वह शिकायत क्यों दर्ज नहीं कर रहा है. इसी कानून को आधार बनाकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज विशाल धगट ने आदेश दिया है कि अमीश तिवारी के मामले पर पुलिस सुनवाई करें और शिकायत का निराकरण करें.