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इस तकनीक से पता लगा सकते हैं फसलों की बीमारी, किसान हो जाएंगे मालामाल

Crops Get Spoiled By Insects: किसान फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए दवाओं और कीटनाशकों का उपयोग करते हैं. जिसके उन्हें कई बार नुकसान भी झेलना पड़ता है. कीट रोग विशेषज्ञ डॉ भूपेंद्र ठाकरे ने इन समस्याओं से कैसे छुटकारा मिल सकता है. इसके बारे में बताया है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 28, 2024, 3:34 PM IST

Updated : Jan 28, 2024, 8:26 PM IST

Crops Get Spoiled By Insects
फसलों से संबंधित जानकारी लेते किसान

छिंदवाड़ा। फसलों को अगर कोई रोग या बीमारी लगती है, तो किसान सीधे कीटनाशक दुकानों से जाकर कीटनाशक या दूसरी दवा खरीद लाते हैं. जिससे कई बार नुकसान उठाना पड़ सकता है. छोटी सी तकनीक के जरिए बीमारी का पता लगा सकते हैं और उचित दवाओं का छिड़काव भी कर सकते हैं. जानिए क्या है देशी तकनीक.

Crops get spoiled by insects
किसानों को समझाते कीट रोग विशेषज्ञ

फसल के पत्तों के दाग बता सकते हैं बीमारी

कृषि अनुसंधान केंद्र छिंदवाड़ा के कीट रोग विशेषज्ञ डॉ भूपेंद्र ठाकरे ने बताया की जानकारी के अभाव में फसल की बीमारियों को जरा सी देसी तकनीक के जरिए बीमारी का पता लगा सकते हैं. डॉक्टर भूपेंद्र ठाकरे ने बताया कि किसी भी फसल के पत्ते पर अगर छोटे छोटे-छोटे दाग दिख रहे हैं और उसके आसपास सर्कल बना हुआ है, तो समझ लेना चाहिए कि यह यह फसल में कीट का आक्रमण हो रहा है. वहां पर कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए. अगर पत्तों में सर्कल नहीं बनकर सिर्फ बारीक-बारीक रोए हैं, तो समझ लेना चाहिए कि यह फफूद नाशक की जरूरत है. इतने से अंतर से किसान अपनी फसलों में सही दवाओं का उपयोग कर सकते हैं.

गोमूत्र और घरेलू नुस्खों से फसल की हो सकती है कीटों से रक्षा

डॉ भूपेंद्र ठाकरे ने बताया कि जरूरी नहीं है कि बाजार से महंगे कीटनाशक खरीद कर ही फसल को कीटों से बचाया जा सके, बल्कि घरेलू नुस्खे भी ऐसे हैं, जिनके माध्यम से आसानी से फसलों की रक्षा की जा सकती है और प्राकृतिक खेती का लाभ भी ले सकते हैं. गोमूत्र इसके लिए रामबाण इलाज है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही घर में होने वाला मठा खेतों में लगे नीम के पत्ते और नमक से भी कीटनाशक बनाकर छिड़काव किया जा सकता है.

Crops get spoiled by insects
फसलों से संबंधित जानकारी लेते किसान

यहां पढ़ें...

फसलों में बीमारी की पहचान जरुरी वरना किसान होता है परेशान

दरअसल फसलों में किस बीमारी का प्रकोप है और उसमें कौनसे कीटनाशक का उपयोग करना है. इसकी जानकारी किसानों को कम होती है. इसके लिए सरकार ने स्थानीय स्तर पर कृषि अनुसंधान केंद्र और कृषि विज्ञान केंद्र में व्यवस्थाएं की है कि वह वहां पर जाकर फसलों में लगने वाली बीमारियों के लक्षण बता सकते हैं. उस हिसाब से बाजार से कीटनाशक लाकर उपयोग कर सकते हैं, लेकिन अधिकतर किसान जानकारी के अभाव में कृषि विज्ञान केंद्र अनुसंधान केंद्रों तक नहीं पहुंच पाते हैं. जिसकी वजह से उन्हें सही बीमारी का पता नहीं लगता और वे वजह महंगी कीटनाशकों का उपयोग करते हैं. जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ-साथ फसल की भी बर्बादी सहन करनी पड़ती है.

छिंदवाड़ा। फसलों को अगर कोई रोग या बीमारी लगती है, तो किसान सीधे कीटनाशक दुकानों से जाकर कीटनाशक या दूसरी दवा खरीद लाते हैं. जिससे कई बार नुकसान उठाना पड़ सकता है. छोटी सी तकनीक के जरिए बीमारी का पता लगा सकते हैं और उचित दवाओं का छिड़काव भी कर सकते हैं. जानिए क्या है देशी तकनीक.

Crops get spoiled by insects
किसानों को समझाते कीट रोग विशेषज्ञ

फसल के पत्तों के दाग बता सकते हैं बीमारी

कृषि अनुसंधान केंद्र छिंदवाड़ा के कीट रोग विशेषज्ञ डॉ भूपेंद्र ठाकरे ने बताया की जानकारी के अभाव में फसल की बीमारियों को जरा सी देसी तकनीक के जरिए बीमारी का पता लगा सकते हैं. डॉक्टर भूपेंद्र ठाकरे ने बताया कि किसी भी फसल के पत्ते पर अगर छोटे छोटे-छोटे दाग दिख रहे हैं और उसके आसपास सर्कल बना हुआ है, तो समझ लेना चाहिए कि यह यह फसल में कीट का आक्रमण हो रहा है. वहां पर कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए. अगर पत्तों में सर्कल नहीं बनकर सिर्फ बारीक-बारीक रोए हैं, तो समझ लेना चाहिए कि यह फफूद नाशक की जरूरत है. इतने से अंतर से किसान अपनी फसलों में सही दवाओं का उपयोग कर सकते हैं.

गोमूत्र और घरेलू नुस्खों से फसल की हो सकती है कीटों से रक्षा

डॉ भूपेंद्र ठाकरे ने बताया कि जरूरी नहीं है कि बाजार से महंगे कीटनाशक खरीद कर ही फसल को कीटों से बचाया जा सके, बल्कि घरेलू नुस्खे भी ऐसे हैं, जिनके माध्यम से आसानी से फसलों की रक्षा की जा सकती है और प्राकृतिक खेती का लाभ भी ले सकते हैं. गोमूत्र इसके लिए रामबाण इलाज है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही घर में होने वाला मठा खेतों में लगे नीम के पत्ते और नमक से भी कीटनाशक बनाकर छिड़काव किया जा सकता है.

Crops get spoiled by insects
फसलों से संबंधित जानकारी लेते किसान

यहां पढ़ें...

फसलों में बीमारी की पहचान जरुरी वरना किसान होता है परेशान

दरअसल फसलों में किस बीमारी का प्रकोप है और उसमें कौनसे कीटनाशक का उपयोग करना है. इसकी जानकारी किसानों को कम होती है. इसके लिए सरकार ने स्थानीय स्तर पर कृषि अनुसंधान केंद्र और कृषि विज्ञान केंद्र में व्यवस्थाएं की है कि वह वहां पर जाकर फसलों में लगने वाली बीमारियों के लक्षण बता सकते हैं. उस हिसाब से बाजार से कीटनाशक लाकर उपयोग कर सकते हैं, लेकिन अधिकतर किसान जानकारी के अभाव में कृषि विज्ञान केंद्र अनुसंधान केंद्रों तक नहीं पहुंच पाते हैं. जिसकी वजह से उन्हें सही बीमारी का पता नहीं लगता और वे वजह महंगी कीटनाशकों का उपयोग करते हैं. जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ-साथ फसल की भी बर्बादी सहन करनी पड़ती है.

Last Updated : Jan 28, 2024, 8:26 PM IST
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