शिमला: हिमाचल में नवनिर्वाचित विधायकों को आज शपथ दिलाई जाएगी. विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया बुधवार को सुबह 11 बजे उपचुनाव के माध्यम से 14वीं विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित सदस्यों को विधानसभा सदस्य पद की शपथ दिलाएंगे. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. यह शपथ समारोह हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय के पुस्तकालय कक्ष में आयोजित होगा.
हिमाचल में 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद व्हिप के बाद बजट पास करने की प्रक्रिया में हिस्सा लेने के कारण विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस के छह विधायकों धर्मशाला से सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ देवेंद्र भुट्टो, गगरेट से चैतन्य शर्मा, लाहौल-स्पीति रवि ठाकुर, सुजानपुर राजेंद्र राणा व बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल को अयोग्य ठहरा दिया था. ऐसे में लोकसभा चुनाव के साथ ही इन विधानसभा की छह सीटों पर 1 जून को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ. जिसके बाद 4 जून को लोकसभा के साथ ही विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव का परिणाम घोषित किया गया. वहीं, शपथ ग्रहण समारोह के बाद शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी.
इन विधायकों को दिलाई जाएगी शपथ
हिमाचल में विधानसभा की छह सीटों पर 1 जून को मतदान हुआ था. जिसके नतीजे 4 जून को घोषित हुए. इसमें धर्मशाला विधानसभा सीट पर सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ से विवेक शर्मा, गगरेट से राकेश कालिया, लाहौल-स्पीति से अनुराधा राणा, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल व सुजानपुर सीट से कैप्टन रणजीत सिंह ने उपचुनाव में जीत हासिल की है. ऐसे में आज सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. उपचुनाव में कांग्रेस ने चार सीटों सुजानपुर, गगरेट, कुटलैहड़ और लाहौल स्पीति विधानसभा सीट पर जीत हासिल की है. वहीं, धर्मशाला और बड़सर विधानसभा सीट में नतीजे भाजपा के पक्ष में रहे थे.
ये पूर्व विधायक विधानसभा में नहीं आएंगे नजर
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस से बागी होकर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े चार पूर्व विधायक अब शेष बचे साढ़े तीन साल के कार्यकाल में विधानसभा सदन में नजर नहीं आएंगे. इसमें साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम का चेहरा रहे प्रेम कुमार धूमल को हरा चुके राजेंद्र राणा और साल 2022 में कुटलैहड़ विधानसभा से पहली बार चुनाव जीतकर विधायक बने देवेंद्र भुट्टो, गगरेट से चैतन्य शर्मा और लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर शामिल हैं. राजेंद्र राणा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में 399 के कम मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार कैप्टन रंजीत राणा से चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार कैप्टन रंजीत राणा ने कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़कर भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े राजेंद्र राणा से हार का बदला ले लिया है.
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