अररिया: बिहार के अररिया में डेढ़ माह के बच्ची की टीकाकरण के बाद मौत हो गई. बच्ची को सदर अस्पताल में पहला टीकारण कराया गया था. बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में हंगामा किया. पुलिस के समझाने के बाद परिजन शांत हुए. इसके बाद सिविल सर्जन के निर्देश पर पोस्टमार्टम कराया गया.
आधे घंटे के बाद मौतः किशनगंज जिले के रहने वाले अमित कुमार झा फिलहाल अररिया में खरैया बस्ती के काली बाजार में रहते हैं. बच्ची आरुषि की दादी अनिता देवी ने बताया कि वो अपनी पोती को पहला टीकाकरण कराने सदर अस्पताल लेकर आये थे. आरुषि को नर्स ने 11 बजे के करीब कई टिका लगाया. इसके बाद बच्ची घर ले गए. आधा घंटे के बाद बच्ची के नाक से खून निकलने लगा. जबतक हमलोग कुछ समझ पाते तबतक उसकी मौत हो गई.
टीका लगाने वाली नर्स फरारः परिजनों के मुताबिक सदर अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. दादी की गोद में बच्ची की मौत को देखते हुए उसकी मां काजल कुमारी वहीं पर बेहाेश होकर गिर पड़ी. उसकी बेहोशी देखकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बच्ची की मौत होते ही टीकाकरण करने में लगी सभी नर्स ड्यूटी छोड़कर फरार हो गई.
"टीकाकरण कराने के लिए आए थे. टीका लगने के बाद बच्ची को घर लेकर गए थे. कुछ देर के बाद नाक से खून आने लगा. जब तक अस्पताल लेकर आए बच्ची की मौत हो गई. सिविल सर्जन ने पोस्टमार्टम करवा दिया है. कहा है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी." -अनिता देवी, बच्ची की दादी
सीएस ने दिए जांच के आदेशः टीका से बच्ची की मौत की जानकारी मिलते ही सीएस विधान चंद्र सिंह ने जांच के लिए चार चिकित्सकों की टीम बनाई है. इसमें प्रभारी अधीक्षक डॉ आकाश, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, डॉ मोईज और डॉ अली हसन को शामिल किया गया है. हालांकि पोस्टमार्टम से पहले ही जांच टीम में शामिल चिकित्सकों का मानना है कि बच्ची की मौत अप्राकृतिक है. लेकिन जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि कोन सी दवा बच्ची को रिएक्सन किया है.
"इंजेक्शन देने के बाद बच्ची को घर भेज दिया गया था. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ी है और बच्ची की मौत हो गई है. इस घटना का कारण भिसरा रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा. बच्ची का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है." -डॉ विधानचंद्र सिंह, सीएस, अररिया
'रिएक्सन कर सकता है टीका': जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह शिशु रोग विषेशज्ञ डॉ मोइज ने कहा कि पल्स पोलियो की पेंटा इंजेक्सन से एक लाख बच्चों में किसी एक बच्चे को रिएक्सन कर सकता है. हालांकि अभी तक बच्ची की मौत का कारण पता नहीं चला है. बताया कि बच्ची को OPV, PENTA, RVV, PCV, FIPV का पहला डोज दिया गया था. उसी वाइल से चार और बच्चों को टिका दिया गया है जो सभी सुरक्षित है.
"परिजनों की सहमति से बच्ची का पोस्टमार्टम कराया गया है. पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड में चार चिकित्सक शामिल थे. शरीर के अंदर किसी प्रकार की खराबी नहीं नजर आई है. इसलिए बच्ची का भिसरा प्रिजर्व कर लिया है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण का पता चल पाएगा." -डॉ मोइज, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सह शिशु रोग विशेषज्ञ
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