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'मिठाई खाने के लिए पैसे नहीं दिए तो बच्ची को देखने नहीं दिया', मासूम की मौत के बाद अस्पताल पर फूटा परिजनों का आक्रोश - newborn death in muzaffarpur

Newborn Death In SKMCH: मुजफ्फरपुर के SKMCH में एक नवजात बच्ची की जन्म के 12 घंटे के बाद ही मौत हो गई. बच्ची जन्म के बाद काफी कमजोर थी, जिसे परिजनों को डॉक्टर को दिखाना था, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने मिठाई खाने के लिए हजार रुपए नहीं मिलने पर डॉक्टर से मिलने नहीं दिया.

मुजफ्फरपुर में नवजात की मौत
मुजफ्फरपुर में नवजात की मौत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 15, 2024, 12:07 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्ची के जन्म के बाद मिठाई खाने के लिए एक हजार रुपए नहीं मिलने पर नवजात को डॉक्टर से नहीं मिलने दिया गया. बच्ची की मां गुहार लगाती रही, लेकिन अस्पताल कर्मियों का दिल नहीं पसीजा, जिसके बाद नवजात की मौत हो गई. मामला जिले के एसकेएमसीएच का है, जहां अस्पताल कर्मियों की लालच ने एक नवजात बच्ची की जान ले ली.

सुस्त और कमजोर थी बच्ची: दरअसल जिले के हथौड़ी थाना के नरमा निवासी बिट्टू कुमार की गर्भवती पत्नी खुशी कुमारी को प्रसव पीड़ा हो रही थी. उसके परिजनों ने उसे एसकेएमसीएच के एमसीएच भवन में भर्ती कराया था. अहले सुबह 3:30 बजे नॉर्मल डिलीवरी से बच्ची का जन्म हुआ. जन्म के बाद से ही बच्ची सुस्त व कमजोर दिख रही थी.

अस्पताल कर्मियों की लालच ने ली बच्ची की जान: बच्ची को डॉक्टर से दिखाने के बजाय अस्पताल कर्मी परिजनों से एक हजार रुपए की डिमांड करते रहे. परिजन गुहार लगाते रहे, पर कर्मियों की संवेदना नहीं जागी. अंतत: उनकी इस लापरवाही ने साढ़े 12 घंटे के बाद बच्ची की जिंदगी छीन ली. लेबर रूम में मौजूद परिजन रीना देवी ने बताया कि बिट्टू कुमार व खुशी की वह पहली संतान थी.

"बच्ची को डॉक्टर से दिखाने के लिए गुहार लगा रहे थे. लेकिन, नर्सिंग स्टाफ व सफाई कर्मी मिठाई खाने के लिए रुपए की डिमांड करने लगे. बिना रुपए दिए बच्ची को परिजन के हवाले करने के लिए तैयार नहीं थे. उस वक्त बच्ची के पिता या कोई अन्य पुरुष परिजन भी साथ में नहीं थे. केवल महिलाएं थीं और उनके पास उतने रुपए नहीं थे."- रीना देवी, परिजन

रुपए देने के बाद डॉ से बच्ची को दिखाया: रीना देवी ने बताया कि पुरुष परिजन के आने के बाद नर्सिंग स्टाफ व सफाई कर्मी रुपए लेकर ही मानें. शाम 4 बजे नर्स को 800 रुपए व सफाई कर्मी को 250 रुपए देने के बाद बच्ची को परिजनों के हवाले किया. इसके बाद शिशु विभाग में बच्ची को ले जाकर दिखाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.

बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा: बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों ने एमकेएमसीएच में करीब दो घंटे तक हंगामा किया. हंगामा शांत करने के लिए सुरक्षा गार्ड को काफी मशक्कत करनी पड़ी. एसकेएमसीएच थाने की पुलिस के काफी समझाने-बुझाने के बाद परिजन शांत हुए. इस दौरान परिजनों ने पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी.

मामले पर अस्पताल अधीक्षक का बयान : इस मामले को लेकर एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. कुमारी विभा ने कहा कि 'इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है. लेकिन, यदि ऐसी घटना हुई है तो यह हृदयविदारक है. विभागाध्यक्ष से मामले की जानकारी ली जाएगी. जांच में रुपए के लिए बच्ची की मौत की बात सामने आती है तो दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

"बच्ची की मौत के बाद दो घंटे तक हंगामा चला था. परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मी पर रुपए वसूलने का आरोप लगाया है. परिजनों को आवेदन देने के लिए कहा गया है."- डॉ. ललन पासवान, एसकेएमसीएच थानेदार

ये भी पढ़ें: बिहार में हैवानियत, प्रेग्नेंट महिला को सूदखोर ने घसीटा, बुलेट चढ़ाकर मारने की कोशिश - Attempt to rape in Muzaffarpur

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्ची के जन्म के बाद मिठाई खाने के लिए एक हजार रुपए नहीं मिलने पर नवजात को डॉक्टर से नहीं मिलने दिया गया. बच्ची की मां गुहार लगाती रही, लेकिन अस्पताल कर्मियों का दिल नहीं पसीजा, जिसके बाद नवजात की मौत हो गई. मामला जिले के एसकेएमसीएच का है, जहां अस्पताल कर्मियों की लालच ने एक नवजात बच्ची की जान ले ली.

सुस्त और कमजोर थी बच्ची: दरअसल जिले के हथौड़ी थाना के नरमा निवासी बिट्टू कुमार की गर्भवती पत्नी खुशी कुमारी को प्रसव पीड़ा हो रही थी. उसके परिजनों ने उसे एसकेएमसीएच के एमसीएच भवन में भर्ती कराया था. अहले सुबह 3:30 बजे नॉर्मल डिलीवरी से बच्ची का जन्म हुआ. जन्म के बाद से ही बच्ची सुस्त व कमजोर दिख रही थी.

अस्पताल कर्मियों की लालच ने ली बच्ची की जान: बच्ची को डॉक्टर से दिखाने के बजाय अस्पताल कर्मी परिजनों से एक हजार रुपए की डिमांड करते रहे. परिजन गुहार लगाते रहे, पर कर्मियों की संवेदना नहीं जागी. अंतत: उनकी इस लापरवाही ने साढ़े 12 घंटे के बाद बच्ची की जिंदगी छीन ली. लेबर रूम में मौजूद परिजन रीना देवी ने बताया कि बिट्टू कुमार व खुशी की वह पहली संतान थी.

"बच्ची को डॉक्टर से दिखाने के लिए गुहार लगा रहे थे. लेकिन, नर्सिंग स्टाफ व सफाई कर्मी मिठाई खाने के लिए रुपए की डिमांड करने लगे. बिना रुपए दिए बच्ची को परिजन के हवाले करने के लिए तैयार नहीं थे. उस वक्त बच्ची के पिता या कोई अन्य पुरुष परिजन भी साथ में नहीं थे. केवल महिलाएं थीं और उनके पास उतने रुपए नहीं थे."- रीना देवी, परिजन

रुपए देने के बाद डॉ से बच्ची को दिखाया: रीना देवी ने बताया कि पुरुष परिजन के आने के बाद नर्सिंग स्टाफ व सफाई कर्मी रुपए लेकर ही मानें. शाम 4 बजे नर्स को 800 रुपए व सफाई कर्मी को 250 रुपए देने के बाद बच्ची को परिजनों के हवाले किया. इसके बाद शिशु विभाग में बच्ची को ले जाकर दिखाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.

बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा: बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों ने एमकेएमसीएच में करीब दो घंटे तक हंगामा किया. हंगामा शांत करने के लिए सुरक्षा गार्ड को काफी मशक्कत करनी पड़ी. एसकेएमसीएच थाने की पुलिस के काफी समझाने-बुझाने के बाद परिजन शांत हुए. इस दौरान परिजनों ने पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी.

मामले पर अस्पताल अधीक्षक का बयान : इस मामले को लेकर एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. कुमारी विभा ने कहा कि 'इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है. लेकिन, यदि ऐसी घटना हुई है तो यह हृदयविदारक है. विभागाध्यक्ष से मामले की जानकारी ली जाएगी. जांच में रुपए के लिए बच्ची की मौत की बात सामने आती है तो दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

"बच्ची की मौत के बाद दो घंटे तक हंगामा चला था. परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मी पर रुपए वसूलने का आरोप लगाया है. परिजनों को आवेदन देने के लिए कहा गया है."- डॉ. ललन पासवान, एसकेएमसीएच थानेदार

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