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नया साल 2025: 'शराब नहीं दूध पियो' की थीम पर आयोजित हुए कई कार्यक्रम: नशे से दूर रहने का दिया संदेश - NEW YEAR CELEBRATION IN JAIPUR

जयपुर ने नए साल की शुरूआत दूध के साथ की. शहर में 'शराब नहीं, दूध पियो' की थीम पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए.

New Year Celebration in Jaipur
शराब नहीं दूध पियो कार्यक्रम (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 31, 2024, 11:02 PM IST

Updated : Dec 31, 2024, 11:18 PM IST

जयपुर: नए साल को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. नया साल सभी के लिए मंगलमय हो, इसका संदेश देने के लिए राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में कई कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहे हैं. राजधानी जयपुर में कई जगहों पर नए साल की पूर्व संध्या पर 'शराब नहीं, दूध पियो' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर राजस्थान युवा छात्र संस्था और इंडियन अस्थमा केयर सोसायटी की ओर से दूध पिलाओ कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक लोग शामिल हुए. विश्वविद्यालय के गेट पर लोगों को दूध पिलाकर नए साल की शुरुआत शराब से नहीं बल्कि दूध से करने का संदेश दिया गया.

जयपुर में नए साल की शुरूआत दूध से (ETV Bharat Jaipur)

अस्थमा एक्सपर्ट डॉक्टर वीरेंद्र सिंह का कहना है कि शराब नहीं बल्कि दूध के साथ नए साल की शुरुआत करें. उन्होंने बताया कि इस अभियान की शुरुआत वर्ष 2003 में की गई थी. आज सैकड़ों जगह पर दूध पिलाकर नए साल की शुरुआत करने का अभियान चल रहा है. शरीर की रक्षा करना हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है. शराब शरीर का नाश करने वाली चीज है. शराब जीवन में कभी नहीं पीनी चाहिए. नववर्ष की पूर्व संध्या पर राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर लोगों को दूध पिलाकर नए साल की शुरुआत करने का संदेश दिया जाता है. करीब 7000 लीटर दूध यहां पर पिलाया जाता है.

पढ़ें: सीएम भजनलाल का प्रदेशवासियों के नाम पत्र, कहा-नए वर्ष में विकास और उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों की ओर रखेंगे कदम

इंडियन अस्थमा केयर सोसायटी के सचिव धर्मवीर कटेवा के मुताबिक 2003 से कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर 21 साल पहले नववर्ष की पूर्व संध्या पर दूध पिलाने का कार्यक्रम 500 लीटर दूध से शुरू हुआ था. बढ़ते-बढ़ते आज 7000 लीटर दूध तक पहुंच गया है. इसके अलावा जयपुर शहर में 300 जगह दूध पिलाने के कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इस कार्यक्रम से युवाओं में भी जागरूकता देखने को मिल रही है. दूध पिलाने के कार्यक्रम की थीम 'शराब नहीं दूध के साथ करें नववर्ष की शुरुआत' है.

पढ़ें: साल 2025 में संकल्प पर बोले बीकानेर के युवा, स्वास्थ्य और बचत पर रहेगा फोकस - NEW YEAR RESOLUTION

युवाओं ने नशे से दूर रहने का दिया संदेश: इस मौके पर युवाओं ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर दूध पिलाने का कार्यक्रम बहुत ही अच्छा है. सभी को शराब छोड़कर दूध के साथ ही नए साल की शुरुआत करनी चाहिए. दूध के साथ नए साल की शुरुआत सबसे बेहतर तरीका है. दूध स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. शराब स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है. युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए. गलत लत को छोड़कर अच्छी चीजों को अपनाएं. युवाओं ने कहा कि नया साल युवा पीढ़ी को सद्मार्ग की ओर प्रेरित करे. नववर्ष सभी के लिए मंगलमय हो. सभी लोग तनाव मुक्त जीवन जिएं.

जयपुर: नए साल को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. नया साल सभी के लिए मंगलमय हो, इसका संदेश देने के लिए राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में कई कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहे हैं. राजधानी जयपुर में कई जगहों पर नए साल की पूर्व संध्या पर 'शराब नहीं, दूध पियो' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर राजस्थान युवा छात्र संस्था और इंडियन अस्थमा केयर सोसायटी की ओर से दूध पिलाओ कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक लोग शामिल हुए. विश्वविद्यालय के गेट पर लोगों को दूध पिलाकर नए साल की शुरुआत शराब से नहीं बल्कि दूध से करने का संदेश दिया गया.

जयपुर में नए साल की शुरूआत दूध से (ETV Bharat Jaipur)

अस्थमा एक्सपर्ट डॉक्टर वीरेंद्र सिंह का कहना है कि शराब नहीं बल्कि दूध के साथ नए साल की शुरुआत करें. उन्होंने बताया कि इस अभियान की शुरुआत वर्ष 2003 में की गई थी. आज सैकड़ों जगह पर दूध पिलाकर नए साल की शुरुआत करने का अभियान चल रहा है. शरीर की रक्षा करना हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है. शराब शरीर का नाश करने वाली चीज है. शराब जीवन में कभी नहीं पीनी चाहिए. नववर्ष की पूर्व संध्या पर राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर लोगों को दूध पिलाकर नए साल की शुरुआत करने का संदेश दिया जाता है. करीब 7000 लीटर दूध यहां पर पिलाया जाता है.

पढ़ें: सीएम भजनलाल का प्रदेशवासियों के नाम पत्र, कहा-नए वर्ष में विकास और उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों की ओर रखेंगे कदम

इंडियन अस्थमा केयर सोसायटी के सचिव धर्मवीर कटेवा के मुताबिक 2003 से कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर 21 साल पहले नववर्ष की पूर्व संध्या पर दूध पिलाने का कार्यक्रम 500 लीटर दूध से शुरू हुआ था. बढ़ते-बढ़ते आज 7000 लीटर दूध तक पहुंच गया है. इसके अलावा जयपुर शहर में 300 जगह दूध पिलाने के कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इस कार्यक्रम से युवाओं में भी जागरूकता देखने को मिल रही है. दूध पिलाने के कार्यक्रम की थीम 'शराब नहीं दूध के साथ करें नववर्ष की शुरुआत' है.

पढ़ें: साल 2025 में संकल्प पर बोले बीकानेर के युवा, स्वास्थ्य और बचत पर रहेगा फोकस - NEW YEAR RESOLUTION

युवाओं ने नशे से दूर रहने का दिया संदेश: इस मौके पर युवाओं ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर दूध पिलाने का कार्यक्रम बहुत ही अच्छा है. सभी को शराब छोड़कर दूध के साथ ही नए साल की शुरुआत करनी चाहिए. दूध के साथ नए साल की शुरुआत सबसे बेहतर तरीका है. दूध स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. शराब स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है. युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए. गलत लत को छोड़कर अच्छी चीजों को अपनाएं. युवाओं ने कहा कि नया साल युवा पीढ़ी को सद्मार्ग की ओर प्रेरित करे. नववर्ष सभी के लिए मंगलमय हो. सभी लोग तनाव मुक्त जीवन जिएं.

Last Updated : Dec 31, 2024, 11:18 PM IST
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