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जेएनयू में नए सत्र से नेट परीक्षा से होंगे पीएचडी कोर्स में दाखिले, शिक्षकों ने नियम पर जताया विरोध - ugc net marks for phd admission

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देशभर के विश्वविद्यालयों में पीएचडी के नए नियम यूजीसी ने लागू किए हैं. नए नियमों के तहत नेट उत्तीर्ण विद्यार्थियों को अब पीएचडी प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी. जेएनयू में संचालित विषयों, जिनके के लिए नेट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, उनके लिए विश्वविद्यालय अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकता है.लेकिन जेएनयू प्रशासन के इस निर्णय पर शिक्षकों ने विरोध जताते हुए इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है.

नेट परीक्षा से पीएचडी कोर्स में दाखिले का शिक्षक कर रहे विरोध
नेट परीक्षा से पीएचडी कोर्स में दाखिले का शिक्षक कर रहे विरोध
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 27, 2024, 1:23 PM IST

Updated : Apr 27, 2024, 1:36 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में नए सत्र से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के जरिये ही पीएचडी में दाखिले होंगे. इसके अलावा जेआरएफ के छात्र सीधे प्रवेश के लिए आवेदन कर पाएंगे. जेएनयू में संचालित विषयों, जिनके के लिए नेट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, उनके लिए विश्वविद्यालय अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकता है. विश्वविद्यालय की ओर से इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई है. उधर, जेएनयू प्रशासन के इस निर्णय पर शिक्षकों में आक्रोश है. उन्होंने जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है.

जेएनयू छात्रसंघ भी यूजीसी की घोषणा के समय से ही विरोध

जेएनयू ने जारी अधिसूचना में कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 27 मार्च को अपनी सार्वजनिक अधिसूचना के माध्यम से नेट के स्कोर को यूजीसी और सीएसआईआर द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के स्थान पर विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में पीएचडी प्रवेश के लिए अनुमति दी है. इसी के तहत जेएनयू प्रशासन ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 से विश्वविद्यालय में पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के स्थान पर नेट स्कोर का उपयोग करने का निर्णय लिया है.

जिन विषयों के लिए नेट नहीं, उनके लिए अलग से परीक्षा

एनटीए द्वारा 16 जून को आयोजित होने वाली नेट परीक्षा के लिए 20 अप्रैल से आवेदन शुरू हो चुके हैं. अंतिम तिथि 10 मई है. पिछले वर्ष एनटीए की ओर से चार विश्वविद्यालयों डीयू, जेएनयू, बीएचयू, बीबीयू लखनऊ में पीएचडी कोर्स में प्रवेश के लिए एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी. लेकिन, अब इस साल संयुक्त प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिले नहीं होंगे. अधिसूचना में कहा गया है कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के छात्र पीएचडी में सीधे प्रवेश के लिए आवेदन कर सकेंगे. उनका प्रवेश 100 प्रतिशत साक्षात्कार के आधार पर होगा. जेआरएफ उम्मीदवार नेट के जरिये भी आवेदन कर सकते हैं. यूजीसी के नियमानुसार नेट के जरिये प्रवेश में स्कोर को 70 प्रतिशत और साक्षात्कार को 30 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा. नेट का स्कोर एक साल के लिए मान्य होगा. शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पीएचडी के लिए ई-प्रास्पेक्टस शीघ्र ही जारी किया जाएगा.

पीएचडी प्रवेश के लिए जल्द जारी होगा ई-प्रोस्पेक्टस

विश्वविद्यालय की अधिसूचना पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. नेट परीक्षा अपने मूल स्वरूप में ही, विशेष रूप से अनुसंधान पद्धति पर कोई आवश्यक मानदंड नहीं रखती है, जो पीएचडी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की अनुसंधान क्षमताओं और योग्यता का परीक्षण करने के लिए आवश्यक है. सीधे प्रवेश का यह दृष्टिकोण पीएचडी कार्यक्रम की शैक्षणिक और अनुसंधान क्षमताओं को कमजोर करता है. जेएनयूटीए की अध्यक्ष प्रो. मौसमी बसु ने कहा कि यूजीसी ने पीएचडी प्रवेश के लिए नेट अनिवार्यता पर एक अधिसूचना जारी की है.

ये भी पढ़ें : पीएचडी प्रवेश परीक्षा के नए नियम के विरोध में जेएनयूएसयू छात्र, यूजीसी मुख्यालय पर प्रदर्शन -

2022 के रेगुलेशन में अभी कोई संशोधन नहीं किया गया है. फिर फैसले पर इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है. इसे पहले अकादमिक परिषद और कार्यपरिषद में नहीं लाया जा रहा है. फैसला लेने से पहले एक बार चर्चा की जानी चाहिए थी. नेट क्वालिफाइ करने वाले को प्रवेश के लिए आमंत्रण दिया जाएगा. लेकिन, इसका वर्गीकरण कैसे होगा स्पष्ट नहीं है. जेएनयू के एक अधकिारी ने कहा कि नेट का एक स्कोर तय है. उसके अनुरूप उम्मीदवारों को आमंत्रित किया जाएगा. इससे एकरूपता आएगी और एक प्रवेश परीक्षा होगी तो छात्रों को आसानी होगी.

उल्लेखनीय है कि यूजीसी द्वारा 27 मार्च को नेट परीक्षा के द्वारा पीएचडी में प्रवेश देने की अधिसूचना जारी होने के बाद सही जेएनयू छात्र संघ ने इस पर सवाल उठाते हुए विरोध जताया था.

ये भी पढ़ें : NET के स्कोर पर दाखिले की प्रक्रिया का विरोध तेज, UGC ने गिनाए फायदे

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में नए सत्र से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के जरिये ही पीएचडी में दाखिले होंगे. इसके अलावा जेआरएफ के छात्र सीधे प्रवेश के लिए आवेदन कर पाएंगे. जेएनयू में संचालित विषयों, जिनके के लिए नेट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, उनके लिए विश्वविद्यालय अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकता है. विश्वविद्यालय की ओर से इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई है. उधर, जेएनयू प्रशासन के इस निर्णय पर शिक्षकों में आक्रोश है. उन्होंने जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है.

जेएनयू छात्रसंघ भी यूजीसी की घोषणा के समय से ही विरोध

जेएनयू ने जारी अधिसूचना में कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 27 मार्च को अपनी सार्वजनिक अधिसूचना के माध्यम से नेट के स्कोर को यूजीसी और सीएसआईआर द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के स्थान पर विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में पीएचडी प्रवेश के लिए अनुमति दी है. इसी के तहत जेएनयू प्रशासन ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 से विश्वविद्यालय में पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के स्थान पर नेट स्कोर का उपयोग करने का निर्णय लिया है.

जिन विषयों के लिए नेट नहीं, उनके लिए अलग से परीक्षा

एनटीए द्वारा 16 जून को आयोजित होने वाली नेट परीक्षा के लिए 20 अप्रैल से आवेदन शुरू हो चुके हैं. अंतिम तिथि 10 मई है. पिछले वर्ष एनटीए की ओर से चार विश्वविद्यालयों डीयू, जेएनयू, बीएचयू, बीबीयू लखनऊ में पीएचडी कोर्स में प्रवेश के लिए एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी. लेकिन, अब इस साल संयुक्त प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिले नहीं होंगे. अधिसूचना में कहा गया है कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के छात्र पीएचडी में सीधे प्रवेश के लिए आवेदन कर सकेंगे. उनका प्रवेश 100 प्रतिशत साक्षात्कार के आधार पर होगा. जेआरएफ उम्मीदवार नेट के जरिये भी आवेदन कर सकते हैं. यूजीसी के नियमानुसार नेट के जरिये प्रवेश में स्कोर को 70 प्रतिशत और साक्षात्कार को 30 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा. नेट का स्कोर एक साल के लिए मान्य होगा. शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पीएचडी के लिए ई-प्रास्पेक्टस शीघ्र ही जारी किया जाएगा.

पीएचडी प्रवेश के लिए जल्द जारी होगा ई-प्रोस्पेक्टस

विश्वविद्यालय की अधिसूचना पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. नेट परीक्षा अपने मूल स्वरूप में ही, विशेष रूप से अनुसंधान पद्धति पर कोई आवश्यक मानदंड नहीं रखती है, जो पीएचडी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की अनुसंधान क्षमताओं और योग्यता का परीक्षण करने के लिए आवश्यक है. सीधे प्रवेश का यह दृष्टिकोण पीएचडी कार्यक्रम की शैक्षणिक और अनुसंधान क्षमताओं को कमजोर करता है. जेएनयूटीए की अध्यक्ष प्रो. मौसमी बसु ने कहा कि यूजीसी ने पीएचडी प्रवेश के लिए नेट अनिवार्यता पर एक अधिसूचना जारी की है.

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2022 के रेगुलेशन में अभी कोई संशोधन नहीं किया गया है. फिर फैसले पर इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है. इसे पहले अकादमिक परिषद और कार्यपरिषद में नहीं लाया जा रहा है. फैसला लेने से पहले एक बार चर्चा की जानी चाहिए थी. नेट क्वालिफाइ करने वाले को प्रवेश के लिए आमंत्रण दिया जाएगा. लेकिन, इसका वर्गीकरण कैसे होगा स्पष्ट नहीं है. जेएनयू के एक अधकिारी ने कहा कि नेट का एक स्कोर तय है. उसके अनुरूप उम्मीदवारों को आमंत्रित किया जाएगा. इससे एकरूपता आएगी और एक प्रवेश परीक्षा होगी तो छात्रों को आसानी होगी.

उल्लेखनीय है कि यूजीसी द्वारा 27 मार्च को नेट परीक्षा के द्वारा पीएचडी में प्रवेश देने की अधिसूचना जारी होने के बाद सही जेएनयू छात्र संघ ने इस पर सवाल उठाते हुए विरोध जताया था.

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Last Updated : Apr 27, 2024, 1:36 PM IST
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