उज्जैन। उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा नेशनल कांफ्रेंस का शुभारंभ राज्यपाल मंगु भाई पटेल द्वारा किया गया. राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्धारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्यार्थियों में ज्ञान की शक्ति बढ़ाने और हौसला बढ़ाने के साथ ही बंधन मुक्त शिक्षा का अवसर देने के संकल्प के साथ किया है. कुलपतियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर चर्चा की.
कार्यक्रम में 350 से ज्यादा कुलपति
उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार पांडे ने कहा कि पहली बार 350 से ज्यादा कुलपतियों का समागम हुआ. इसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए. कार्यक्रम के तहत 10 सेशन हुए. इस दौरान नई शिक्षा नीति को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर कुलपतियों ने अपने विचार प्रकट किए. इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इस रिपोर्ट को सभी मुख्यमंत्री, यूजीसी और अन्य शिक्षण संस्थानों को भेजा जाएगा.
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सभी के विचार लेकर रोडमैप बनेगा
यूजीसी के चेयरमैन प्रो. एम.जगदीश ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजऩ को पूरा करने के लिए सतत प्रयास हो रहे हैं. आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि उपरोक्त पहलों के लाभ महत्वाकांक्षी युवाओं के एक बड़े वर्ग तक समयबद्ध तरीके से पहुंचे. महत्वपूर्ण पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक रोडमैप विकसित करने में विश्वविद्यालयों को सुविधा प्रदान करने के लिए यूजीसी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और मानित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों सहित पांच क्षेत्रीय समितियों का गठन किया है.