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यूपी में शिक्षकों पर अब नहीं चलेगी अफसरों की मनमानी: टीचर्स सिर्फ पढ़ाएंगे, नहीं करेंगे ऐरे-गैरे काम - UP News

New Guidelines for Teachers: बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है. इसके तहत शिक्षकों को अब केवल एनसीईआरटी की ओर से निर्धारित ट्रेनिंग में ही शामिल होना है. विद्यालयों में होने वाले ट्रेनिंग को पूरी तरह से रोक दिया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 9:28 AM IST

Updated : Feb 22, 2024, 11:21 AM IST

लखनऊ: यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ाने वाले 5 लाख शिक्षक अब केवल शिक्षण कार्य करेंगे. अन्य गतिविधियां और काम बाद में रखे जाएंगे. सत्र 2024-25 से शिक्षकों पर कक्षाओं के संचालन की ही जिम्मेदारी प्रमुख होगी. खंड शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी भी उन्हें किसी अन्य ड्यूटी व ट्रेनिंग में नहीं भेज सकेंगे. अन्यथा, बीईओ और बीएसए के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इसके निर्देश जारी किए हैं.

Guidelines for Teachers
Guidelines for Teachers

टाइम और मोशन स्टडी के आधार पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण किया है. अगले सत्र से शिक्षकों के लिए सबसे पहले कक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी अहम होगी. शिक्षकों को परिषदीय विद्यालयों के संचालन के लिए 240 शिक्षण दिवस का लक्ष्य पूर्ण करना होगा.

शिक्षक 15 मिनट पहले विद्यालय पहुंचेंगे और 30 मिनट बाद विद्यालय से निकलेंगे. शैक्षिक पंचांग में समय सारिणी का अनुपालन नहीं होने पर अतिरिक्त कक्षाएं लगानी होंगी. महानिदेशक ने स्पष्ट किया है कि शिक्षक वेतन, अवकाश, मेडिकल आदि से संबंधित कार्यों के लिए भी बीईओ व बीएसए दफ्तर नहीं जाएंगे.

Guidelines for Teachers
Guidelines for Teachers

मानव संपदा पोर्टल पर व्यवस्थाएं मौजूद हैं. उन पर ही शिक्षकों को आवेदन करना होगा. कोई शिक्षक बीईओ व बीएसए कार्यालय में मिलता है तो बीईओ और बीएस की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई होगी. वहीं, शिक्षण अविध के दौरान शिक्षक बैंकिंग कार्यों, जन जागरूकता कार्यक्रमों में भी भाग नहीं लेंगे.

शिक्षण अवधि पूरी होने के बाद ही शिक्षक ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे. निशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण, डीबीटी व अन्य किसी सामग्री के वितरण की कार्रवाई भी विद्यालय के बाद ही होगी. पीटीएम, एसएमसी बैठक और होम विजिट्स का काम भी विद्यालय अवधि के बाद ही किया जाएगा.

Guidelines for Teachers
Guidelines for Teachers

बेसिक शिक्षा के अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि बीते कुछ सालों में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की ट्रेनिंग की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव कर दिया गया था. शिक्षकों को साल में करीब 90 से अधिक दिनों तक ट्रेनिंग कराई जा रही थी. यह ट्रेनिंग स्वयं समूह संस्थाओं के द्वारा प्रदान किया जा रहा था.

ट्रेनिंग विद्यालयों के अलावा खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी आयोजित कराई जाती थी. जिसमें शिक्षकों को अपने विद्यालय का कार्य छोड़कर के जाना पड़ता था. जिससे कई तरह की दिक्कतें आती थीं. महानिदेशक कंचन वर्मा ने निर्देश दिए हैं कि जिला प्रशासन, बीएसए और बीईओ अपने स्तर से किसी तरह की परीक्षा का आदि का आयोजन भी नहीं कराएंगे.

अन्य प्रतिकूल गतिविधियां भी संचालित नहीं होंगी. मात्र विद्यालय परीक्षाओं का ही आयोजन होगा. वहीं, जिला प्रशासन, बीएसए व बीईओ अध्यापकों को कार्यालयी कार्य के लिए सम्बद्ध करने पर भी रोक होगी.

विभाग में सभी शिक्षकों को अब केवल एनसीईआरटी की ओर से निर्धारित ट्रेनिंग में ही शामिल होना है. विद्यालयों में होने वाले ट्रेनिंग को पूरी तरह से रोक दिया गया है. अब केवल विद्यालय आवास में पढ़ाई होगी बाकी सब काम शिक्षकों को विद्यालय ऑवर के बाद ही करने के निर्देश दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः रात 10 बजे के बाद अब DJ बजाया तो होगी जेल, यूपी पुलिस ने Board Exam को लेकर जारी की गाइडलाइन

लखनऊ: यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ाने वाले 5 लाख शिक्षक अब केवल शिक्षण कार्य करेंगे. अन्य गतिविधियां और काम बाद में रखे जाएंगे. सत्र 2024-25 से शिक्षकों पर कक्षाओं के संचालन की ही जिम्मेदारी प्रमुख होगी. खंड शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी भी उन्हें किसी अन्य ड्यूटी व ट्रेनिंग में नहीं भेज सकेंगे. अन्यथा, बीईओ और बीएसए के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इसके निर्देश जारी किए हैं.

Guidelines for Teachers
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टाइम और मोशन स्टडी के आधार पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण किया है. अगले सत्र से शिक्षकों के लिए सबसे पहले कक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी अहम होगी. शिक्षकों को परिषदीय विद्यालयों के संचालन के लिए 240 शिक्षण दिवस का लक्ष्य पूर्ण करना होगा.

शिक्षक 15 मिनट पहले विद्यालय पहुंचेंगे और 30 मिनट बाद विद्यालय से निकलेंगे. शैक्षिक पंचांग में समय सारिणी का अनुपालन नहीं होने पर अतिरिक्त कक्षाएं लगानी होंगी. महानिदेशक ने स्पष्ट किया है कि शिक्षक वेतन, अवकाश, मेडिकल आदि से संबंधित कार्यों के लिए भी बीईओ व बीएसए दफ्तर नहीं जाएंगे.

Guidelines for Teachers
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मानव संपदा पोर्टल पर व्यवस्थाएं मौजूद हैं. उन पर ही शिक्षकों को आवेदन करना होगा. कोई शिक्षक बीईओ व बीएसए कार्यालय में मिलता है तो बीईओ और बीएस की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई होगी. वहीं, शिक्षण अविध के दौरान शिक्षक बैंकिंग कार्यों, जन जागरूकता कार्यक्रमों में भी भाग नहीं लेंगे.

शिक्षण अवधि पूरी होने के बाद ही शिक्षक ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे. निशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण, डीबीटी व अन्य किसी सामग्री के वितरण की कार्रवाई भी विद्यालय के बाद ही होगी. पीटीएम, एसएमसी बैठक और होम विजिट्स का काम भी विद्यालय अवधि के बाद ही किया जाएगा.

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बेसिक शिक्षा के अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि बीते कुछ सालों में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की ट्रेनिंग की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव कर दिया गया था. शिक्षकों को साल में करीब 90 से अधिक दिनों तक ट्रेनिंग कराई जा रही थी. यह ट्रेनिंग स्वयं समूह संस्थाओं के द्वारा प्रदान किया जा रहा था.

ट्रेनिंग विद्यालयों के अलावा खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी आयोजित कराई जाती थी. जिसमें शिक्षकों को अपने विद्यालय का कार्य छोड़कर के जाना पड़ता था. जिससे कई तरह की दिक्कतें आती थीं. महानिदेशक कंचन वर्मा ने निर्देश दिए हैं कि जिला प्रशासन, बीएसए और बीईओ अपने स्तर से किसी तरह की परीक्षा का आदि का आयोजन भी नहीं कराएंगे.

अन्य प्रतिकूल गतिविधियां भी संचालित नहीं होंगी. मात्र विद्यालय परीक्षाओं का ही आयोजन होगा. वहीं, जिला प्रशासन, बीएसए व बीईओ अध्यापकों को कार्यालयी कार्य के लिए सम्बद्ध करने पर भी रोक होगी.

विभाग में सभी शिक्षकों को अब केवल एनसीईआरटी की ओर से निर्धारित ट्रेनिंग में ही शामिल होना है. विद्यालयों में होने वाले ट्रेनिंग को पूरी तरह से रोक दिया गया है. अब केवल विद्यालय आवास में पढ़ाई होगी बाकी सब काम शिक्षकों को विद्यालय ऑवर के बाद ही करने के निर्देश दिए गए हैं.

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Last Updated : Feb 22, 2024, 11:21 AM IST
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