हमीरपुर: नई शिक्षा नीति के तहत केंद्र सरकार द्वारा 16 वर्ष से छोटे बच्चों की ट्यूशन पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है. हिमाचल प्रदेश के साक्षर जिला हमीरपुर में भी केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले की जहां अभिभावकों ने सराहना की तो वहीं, अध्यापकों ने भी इसे सही ठहराया है.
निजी स्कूल के प्रबंधक शगुन दत शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया फैसला सराहनीय है. इससे छात्रों के ऊपर पढ़ाई का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कोचिंग सेटरों के अलावा 16 साल तक बच्चों को ट्यूशन के लिए भी मनाही की गई है. सरकार के नियमों का सभी को पालन करना चाहिए. अध्यापिका वाटिका सूद का कहना है कि कई कोचिंग सेंटरों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले बहुत लाभ होगा. केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए उन्होंने आभार जताया है.
अभिभावकों ने फैसले को सराहा: वहीं, अभिभावक रेखा का कहना है कि केंद्र सरकार का यह सही फैसला है. जब बच्चे छोटी उम्र में कोचिंग लेते हैं तो बाकी शिक्षा पर बहुत बोझ पड़ता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अच्छा फैसला लिया है. अभिभावक नेहा का कहना है कि 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग लेने से मानसिक दबाव पड़ता है.
केंद्र की गाइडलाइन: बता दें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने शिक्षा नीति को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. जिसके तहत कोचिंग संस्थानों में अब 16 साल से कम उम्र के विद्यार्थियों को एंट्री नहीं दी जा सकेगी. यही नहीं, 12वीं पास करने के बाद ही किसी विद्यार्थी को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट में एंट्री दी जा सकेगी.
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