गोरखपुरः शहर की बढ़ती आबादी और लोगों के आवास की जरूरत को पूरा करने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नया गोरखपुर बसाने का जो प्रोजेक्ट तैयार किया था. जो अब धरातल पर उतरने लगा है. इस प्रोजेक्ट में करीब 25 गांव की 6 हजार एकड़ जमीन ली जाएगी. शासन ने भूमि अधिग्रहण के लिए कुल 3 हजार करोड़ का बजट तय किया है. 400 करोड़ की पहली किस्त भी जारी हो गई है.
नया गोरखपुर के लिए 6000 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी. इसमें लोगों के आवासीय जरूरत को पूरा करने के लिए मल्टी स्टोरी हाई राइज बिल्डिंग बनेगी, तो वहीं निजी आवास के लिए भूमि का भी आवंटन किया जाएगा. कमर्शियल गतिविधियों के लिए एक बड़ा बाजार पॉइंट भी बनेगा. साथ ही भूमि अधिग्रहण में जिन गांव की जमीन ली जा रही है, उनके लिए मुख्य मार्ग के दोनों तरफ करीब 300 मीटर क्षेत्रफल को व्यावसायिक उपयोग के लिए निर्धारित किया जाएगा. इसे छोड़कर ही नए गोरखपुर की बाकी योजनाएं मूर्त रूप लेंगी.
अभी तक 150 किसान ही जमीन देने को हुए तैयारः 2016 के आधार पर किसान अपनी जमीन का मुआवजा चार गुना मांगने पर अड़े थे. लेकिन सरकार इसे देने को पहले तैयार नहीं थी. ऐसे में किसान आंदोलन कर रहे थे. पिछले दिनों इस पर सहमति बनी तो किसानों ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण के पक्ष में रजिस्ट्री शुरू कर दी है. नए शह के लिए हजारों किसानों को रजिस्ट्री करनी है. जिसके लिए प्राधिकरण के अधिकारियों को उन तक दौड़ लगानी पड़ रही है. क्योंकि अभी बहुत से किसान चार गुना कीमत पर भी अपनी खेती योग्य जमीन देने को तैयार नहीं है. उनका यह कहना है कि खेती की जमीन शहर के लिए चली जाएगी तो वह जियेंगे और खाएंगे कैसे. हालांकि अभी तक एक सौ पचास किसानों द्वारा सहमति पत्र भरे जाने की बात कही जा रही है. पहले चरण में पिपराइच रोड के चार गांव बालापार, मनीराम, रहमतनगर और सोनबरसा के किसानों ने अपनी सहमति जताई है. जिसमें बलापार गांव के किसान 17 किसान रजिस्ट्री भी कराये हैं. गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने बाकी रजिस्ट्री के लिये कवायद तेज कर दी है.
6000 एकड़ में बसेगा नया गोरखपुरः प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह ने बताया कि करीब 30 किसानों ने लगभग 7 एकड़ से अधिक की जमीन जीडीए के पक्ष में अपनी रजिस्ट्री करने को हामी भर दिया है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण की ओर से सर्किल रेट के लगभग चार गुना के बराबर किसानों को भुगतान किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शहर विस्तारीकरण योजना अथवा नया शहर प्रोत्साहन योजना के तहत करीब 6000 एकड़ में नया गोरखपुर बसाने की परियोजना पर प्रशासन कम कर रहा है. इसके लिए शहर के पिपराइच रोड के चार गांव मनीराम, रहमत नगर, सोनबरसा और बालापार की में करीब 159 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी है. जिसके लिए तीन करोड़ 35 लाख 70000 प्रति हेक्टेयर की दर निर्धारित हुई है. इसी प्रकार अन्य गांव से भी जमीन की खरीदारी होगी. जिसमें गोरखपुर- कुशीनगर रोड के तीन गांव माड़ापार, कोनी और तकिया मेदनीपुर की कुल 252 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी. इसके लिए अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार की अगुवाई में आठ अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम बनाई गई है. दोनों ही टीम किसानों के साथ बैठक कर उन्हें सर्किल रेट से चार गुना अधिक दाम देने पर राजी करने में लगे हैं. वहीं, कुछ किसान अभी भी खेती योग्य भूमि अधिग्रहित होने से नाखुश हैं.
400 करोड़ बजट आवंटितः जीडीए वीसी के के अनुसार, नया गोरखपुर बसाने की कवायद पिछले 1 वर्ष से चल रही थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता के इस प्रस्ताव के लिए इसीलिए 400 करोड़ रुपए बजट भी GDA को आवंटित हो गया था. लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए अधिग्रहण की कार्यवाही तेज नहीं हो पा रही थी. वहीं किसानों का आंदोलन भी सर्किल रेट को चल रहा था. अब जब सर्किल रेट का विवाद खत्म हो गया है. 400 करोड़ रुपए उसने भूमि आधिपत्य अधिकारी कार्यालय को जमा भी कर दिया है. 3000 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए शासन को पत्र लिखकर प्राधिकरण और धनराशि की मांग बहुत जल्द करेगा. जैसे-जैसे किसानों की रजिस्ट्री होती जाएगी धन की जरूरत भी बढ़ने लगेगी.
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