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हरिद्वार-गढ़वाल में त्रिवेंद्र-बलूनी का जीत मार्जिन रहा कम, प्रदेश अध्यक्ष बोले- दोनों नए हैं, समय लगेगा - BJP Less Victory Margin

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 6, 2024, 5:37 PM IST

Updated : Jun 6, 2024, 6:55 PM IST

उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर वैसे तो बीजेपी ने अपना परचम लहराया है, लेकिन हरिद्वार और गढ़वाल लोकसभा सीट पर बीजेपी का कांटे की टक्कर मिली है. यहीं कारण है कि यहां बीजेपी 2019 के मुकाबले काफी कम वोटों से जीती है. हालांकि जीत का मार्जिन कम होने का कारण बीजेपी अपने नए प्रत्याशियों को ही बता रही है. पढ़ें पूरी खबर...

less victory margin in haridwar and garhwal seat
गढ़वाल और हरिद्वार सीट पर बीजेपी को मिला कम जीत मार्जिन. (ETV Bharat GFX)

गढ़वाल और हरिद्वार सीट पर बीजेपी को मिले कम जीत मार्जिन पर प्रदेश अध्यक्ष का बयान. (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों को भाजपा ने एक बार फिर जीतकर हैट्रिक लगाई है, लेकिन पिछले 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले वर्तमान लोकसभा चुनाव में खासकर दो लोकसभा सीटें हरिद्वार और गढ़वाल पर भाजपा के जीत का मार्जिन काफी कम रहा है. इसकी मुख्य वजह इन दोनों लोकसभा सीटों पर नए प्रत्याशियों को माना जा रहा है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के अनुसार, हरिद्वार और गढ़वाल लोकसभा सीट पर जीत का मार्जिन कम होने की वजह नए प्रत्याशी हैं. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने प्रदेश की दो लोकसभा सीटों- हरिद्वार और गढ़वाल पर नए प्रत्याशी को उतारा था, जबकि बाकी तीनों सीटों पर भाजपा ने सिटिंग सांसदों को ही प्रत्याशी रखा था.

चुनाव सम्पन्न होने के बाद भले ही भाजपा प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों को जीत गई हो, लेकिन हरिद्वार और गढ़वाल लोकसभा सीट पर जीत का मार्जिन कम होना भाजपा को खलता नजर आ रहा है. यही वजह है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ही इन दोनों सीटों पर जीत का कम मार्जिन होने पर दोनो नए प्रत्याशियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

बता दें कि, साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान गढ़वाल लोकसभा सीट से तीरथ सिंह रावत ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी को 3,02,669 मतों से चुनाव हराया था. जबकि साल 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े अनिल बलूनी ने कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को 163503 मतों से ही मात दी है.

इसी तरह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान हरिद्वार लोकसभा सीट से रमेश पोखरियाल निशंक ने कांग्रेस प्रत्याशी अम्बरीश कुमार को 2,58,729 मतों से मात दी थी. जबकि 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत को 164056 वोटों से हराया है.

दो सीटों पर जीत का कम मार्जिन होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि हरिद्वार और गढ़वाल लोकसभा सीट पर जितने मत पड़ने की अपेक्षा थी उतने वोट नहीं पड़े. उन्हें लगता है कि उसका महत्वपूर्ण कारण दोनों जगह नए प्रत्याशी थे. ऐसे में धीरे-धीरे इन दोनों सांसदों के कार्यों का जनता मूल्यांक करेगी. आने वाले समय में जीत के प्रतिशत को और अधिक बढ़ाएंगे.

भट्ट ने साथ ही कहा कि जनता के दृष्टिकोण से लोकसभा के प्रत्याशी के रूप में समझने में थोड़ा समय लगता है. हालांकि, दोनों ही प्रभावशाली नेता के रूप में प्रदेश में हैं, लेकिन दोनों लोकसभा सीटों के समीकरण को भविष्य में ठीक किया जाएगा. भट्ट ने कहा कि कई बार क्षेत्रीय समीकरण का भी आधार होता है, जिस पर कार्य होना चाहिए, उसपर आगामी दिनों में काम करेंगे.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश में भाजपा की जीत को अच्छा करार दिया और कहा कि दोनों नए प्रत्याशियों ने भी करीब पौने दो लाख की मार्जिन से जीत दर्ज की है जोकि छोटी जीत नहीं है और भाजपा इस जीत से संतुष्ट है. आगामी दिनों में कैसे इस जीत को और अधिक बढ़ा सकें, इस दिशा में काम करेंगे.

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गढ़वाल और हरिद्वार सीट पर बीजेपी को मिले कम जीत मार्जिन पर प्रदेश अध्यक्ष का बयान. (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों को भाजपा ने एक बार फिर जीतकर हैट्रिक लगाई है, लेकिन पिछले 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले वर्तमान लोकसभा चुनाव में खासकर दो लोकसभा सीटें हरिद्वार और गढ़वाल पर भाजपा के जीत का मार्जिन काफी कम रहा है. इसकी मुख्य वजह इन दोनों लोकसभा सीटों पर नए प्रत्याशियों को माना जा रहा है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के अनुसार, हरिद्वार और गढ़वाल लोकसभा सीट पर जीत का मार्जिन कम होने की वजह नए प्रत्याशी हैं. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने प्रदेश की दो लोकसभा सीटों- हरिद्वार और गढ़वाल पर नए प्रत्याशी को उतारा था, जबकि बाकी तीनों सीटों पर भाजपा ने सिटिंग सांसदों को ही प्रत्याशी रखा था.

चुनाव सम्पन्न होने के बाद भले ही भाजपा प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों को जीत गई हो, लेकिन हरिद्वार और गढ़वाल लोकसभा सीट पर जीत का मार्जिन कम होना भाजपा को खलता नजर आ रहा है. यही वजह है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ही इन दोनों सीटों पर जीत का कम मार्जिन होने पर दोनो नए प्रत्याशियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

बता दें कि, साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान गढ़वाल लोकसभा सीट से तीरथ सिंह रावत ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी को 3,02,669 मतों से चुनाव हराया था. जबकि साल 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े अनिल बलूनी ने कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को 163503 मतों से ही मात दी है.

इसी तरह साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान हरिद्वार लोकसभा सीट से रमेश पोखरियाल निशंक ने कांग्रेस प्रत्याशी अम्बरीश कुमार को 2,58,729 मतों से मात दी थी. जबकि 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत को 164056 वोटों से हराया है.

दो सीटों पर जीत का कम मार्जिन होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि हरिद्वार और गढ़वाल लोकसभा सीट पर जितने मत पड़ने की अपेक्षा थी उतने वोट नहीं पड़े. उन्हें लगता है कि उसका महत्वपूर्ण कारण दोनों जगह नए प्रत्याशी थे. ऐसे में धीरे-धीरे इन दोनों सांसदों के कार्यों का जनता मूल्यांक करेगी. आने वाले समय में जीत के प्रतिशत को और अधिक बढ़ाएंगे.

भट्ट ने साथ ही कहा कि जनता के दृष्टिकोण से लोकसभा के प्रत्याशी के रूप में समझने में थोड़ा समय लगता है. हालांकि, दोनों ही प्रभावशाली नेता के रूप में प्रदेश में हैं, लेकिन दोनों लोकसभा सीटों के समीकरण को भविष्य में ठीक किया जाएगा. भट्ट ने कहा कि कई बार क्षेत्रीय समीकरण का भी आधार होता है, जिस पर कार्य होना चाहिए, उसपर आगामी दिनों में काम करेंगे.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश में भाजपा की जीत को अच्छा करार दिया और कहा कि दोनों नए प्रत्याशियों ने भी करीब पौने दो लाख की मार्जिन से जीत दर्ज की है जोकि छोटी जीत नहीं है और भाजपा इस जीत से संतुष्ट है. आगामी दिनों में कैसे इस जीत को और अधिक बढ़ा सकें, इस दिशा में काम करेंगे.

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Last Updated : Jun 6, 2024, 6:55 PM IST
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