देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षा विभाग नए शैक्षणिक सत्र को विद्यार्थी वर्ष के रूप में मनाने जा रहा है. इस दौरान विभाग विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने और शैक्षणिक माहौल को बनाने पर अपना फोकस रखेगा. स्कूलों में लाइब्रेरी और प्रयोगशाला से लेकर बेहतर शौचालय की व्यवस्था बनाने की दिशा में काम किया जाएगा और इसके लिए उपयुक्त बजट का भी प्रावधान होगा.
प्रदेश में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है, इस बार शिक्षा विभाग इस सत्र को विद्यार्थी वर्ष के रूप में मनाने जा रहा है. विद्यार्थी वर्ष का मतलब छात्रों को बेहतर सुविधाएं दिए जाने से जुड़ा है. राज्य में छात्रों को शैक्षणिक कार्यों के लिए बुनियादी सुविधाएं दिए जाने के प्रयास पर इस बार पूरी तरह से फोकस किया जाएगा. शिक्षा विभाग के ही आंकड़े इस बात की तस्वीर करते हैं कि राज्य में ऐसे कई विद्यालय हैं, जहां प्रयोगशाला, लाइब्रेरी और यहां तक की बेहतर शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है.
ऐसे में विद्यार्थी वर्ष के दौरान इन बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने पर फोकस होगा और इसके लिए बजट की भी अलग से व्यवस्था की जाएगी.शैक्षणिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण बदलावों की तरफ शिक्षा विभाग काम करने जा रहा है. इस बार शिक्षा विभाग की कोशिश सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी विषय पर छात्रों की विशेष पकड़ बनाने की भी होगी और विज्ञान विषय को हिंदी के साथ इस बार अंग्रेजी विषय में भी पढ़ाया जाएगा. शिक्षा विभाग पहले ही अन्य बोर्ड के साथ अनुबंध करते हुए टीचिंग शेयरिंग पर काम कर रहा है. जिसके बाद दूसरे विद्यालयों के शिक्षकों को भी सरकारी विद्यालयों में पढ़ाकर अपने अनुभव साझा करने का मौका मिलने जा रहा है.
हजारों स्कूलों में शौचालय नहीं: राज्य में इस समय करीब 2617 विद्यालय में छात्र और छात्राओं के लिए शौचालय अलग-अलग नहीं होने से परेशानी बनी हुई है. इसके अलावा हजारों की संख्या में ऐसे विद्यालय भी हैं, जहां शौचालय की उपयुक्त व्यवस्था ही नहीं है. इस तरह इस बार ऐसे विद्यालयों पर भी शिक्षा विभाग विशेष फोकस करने जा रहा है. माना जा रहा है कि ऐसे विद्यालयों की संख्या करीब 11226 है. शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि राज्य में शैक्षणिक माहौल को बनाने के लिए कई नए कदम उठाए जा रहे हैं. विभाग की कोशिश यही है कि स्कूलों में शैक्षणिक कार्य से लेकर बुनियादी ढांचे को बेहतर किया जाए.
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