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लखनऊ विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक की पढ़ाई करेंगे विद्यार्थी, PG कोर्स को लेकर असमंजस - LUCKNOW UNIVERSITY

लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक के सभी पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) के तहत (LUCKNOW UNIVERSITY) शुरू हो चुके हैं, वहीं पीजी पाठ्यक्रम को अभी इसके तहत शुरू नहीं किया जा सका है.

लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर (फाइल फोटो)
लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर (फाइल फोटो) (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 11:46 AM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय प्रदेश में पहली यूनिवर्सिटी है जहां स्नातक के सभी पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) में शुरू हो चुके हैं. लेकिन, विश्वविद्यालय अपने पीजी पाठ्यक्रम को एनईपी में शुरू नहीं कर सका है. जबकि, विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में दो साल के पीजी के सिलेबस को अप्रूवल मिल गया, लेकिन यह अगले साल से लागू होगा. ऐसे में एनईपी के तहत यूजी करके मेजर और माइनर में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को अब फिर से सीबीसीएस (क्रेडिट बेस चॉइस सिस्टम) के तहत पढ़ाई करनी होगी. इसके चलते विश्वविद्यालय और सम्बद्ध महाविद्यालयों के अब हजारों स्टूडेंट्स के सामने संकट आ गया है.



इसमें एनईपी के तहत यूजी कोर्स चार साल का हो गया और पीजी एक साल का है. एनईपी के तहत 7.5 सीजीपीए के साथ छात्रों को एनईपी के तहत यूजी के चौथे साल में प्रवेश लेगा. इनकी संख्या बहुत कम है. वहीं, 7.5 से कम सीजीपीए वाले छात्रों की संख्या अधिक है, ये छात्र दो साल के पीजी में प्रवेश लेंगे. दो साल के पीजी कोर्स में यूजी एनईपी के तहत पढ़ने वाले छात्रों का 2024-25 सत्र से प्रवेश होना है. लेकिन, एकेडमिक काउंसिल की बैठक में दो साल के पीजी पाठ्यक्रम को सत्र 2025-26 से लागू करने की बात विश्वविद्यालय अधिकारियों ने बताई है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय को इसी सत्र से एनईपी के तहत दो वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम लागू करना था. लेकिन, एकेडमिक काउंसिल की बैठक में अगले साल से लागू करने पर सहमति बनी है. ऐसे में अब एनईपी के तहत यूजी पास कर दो वर्षीय पीजी में प्रवेश लेने वाले छात्रों को फिर से सीबीसीएस के तहत अपनी पढ़ाई करनी पड़ेगी.

कुलसचिव विद्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय में एनईपी के तहत दो वर्षीय पीजी 2020 में ही लागू कर दिया गया था. एकेडमिक काउंसिल में सिलेबस को रिवाइज्ड किया गया है. उन्होंने कहा कि एनईपी के तहत विश्वविद्यालय को 2024 में छात्र मिले हैं, नया दो वर्षीय पीजी कोर्स इसी सत्र से लागू होना चाहिए. फैसले के बारे में कार्यपरिषद में निर्णय होगा.

यह भी पढ़ें : लखनऊ विश्वविद्यालय: नए सत्र से पहले एक और दो वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम होगा तैयार

यह भी पढ़ें : यूपी बोर्ड के टीचरों के प्रमोशन की नई गाइडलाइन तैयार; शिक्षक बोले- नया नियम मंजूर नहीं - UP Board Teachers Promotion

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय प्रदेश में पहली यूनिवर्सिटी है जहां स्नातक के सभी पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) में शुरू हो चुके हैं. लेकिन, विश्वविद्यालय अपने पीजी पाठ्यक्रम को एनईपी में शुरू नहीं कर सका है. जबकि, विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में दो साल के पीजी के सिलेबस को अप्रूवल मिल गया, लेकिन यह अगले साल से लागू होगा. ऐसे में एनईपी के तहत यूजी करके मेजर और माइनर में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को अब फिर से सीबीसीएस (क्रेडिट बेस चॉइस सिस्टम) के तहत पढ़ाई करनी होगी. इसके चलते विश्वविद्यालय और सम्बद्ध महाविद्यालयों के अब हजारों स्टूडेंट्स के सामने संकट आ गया है.



इसमें एनईपी के तहत यूजी कोर्स चार साल का हो गया और पीजी एक साल का है. एनईपी के तहत 7.5 सीजीपीए के साथ छात्रों को एनईपी के तहत यूजी के चौथे साल में प्रवेश लेगा. इनकी संख्या बहुत कम है. वहीं, 7.5 से कम सीजीपीए वाले छात्रों की संख्या अधिक है, ये छात्र दो साल के पीजी में प्रवेश लेंगे. दो साल के पीजी कोर्स में यूजी एनईपी के तहत पढ़ने वाले छात्रों का 2024-25 सत्र से प्रवेश होना है. लेकिन, एकेडमिक काउंसिल की बैठक में दो साल के पीजी पाठ्यक्रम को सत्र 2025-26 से लागू करने की बात विश्वविद्यालय अधिकारियों ने बताई है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय को इसी सत्र से एनईपी के तहत दो वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम लागू करना था. लेकिन, एकेडमिक काउंसिल की बैठक में अगले साल से लागू करने पर सहमति बनी है. ऐसे में अब एनईपी के तहत यूजी पास कर दो वर्षीय पीजी में प्रवेश लेने वाले छात्रों को फिर से सीबीसीएस के तहत अपनी पढ़ाई करनी पड़ेगी.

कुलसचिव विद्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय में एनईपी के तहत दो वर्षीय पीजी 2020 में ही लागू कर दिया गया था. एकेडमिक काउंसिल में सिलेबस को रिवाइज्ड किया गया है. उन्होंने कहा कि एनईपी के तहत विश्वविद्यालय को 2024 में छात्र मिले हैं, नया दो वर्षीय पीजी कोर्स इसी सत्र से लागू होना चाहिए. फैसले के बारे में कार्यपरिषद में निर्णय होगा.

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