भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर 8 दिनों से महापड़ाव कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज ने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है. मुख्यमंत्री से वार्ता करने के लिए दो दिन तक संघर्ष समिति का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जयपुर में डेरा डाले हुए, लेकिन मुख्यमंत्री ने वार्ता नहीं की. अब संयोजक नेम सिंह फौजदार ने आंदोलन स्थल पहुंचकर समाज के साथ बैठक की है. साथ ही दोनों जिलों के जाट समाज को अलर्ट रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि गुरुवार से कभी भी गांवों के रास्ते रोकने पड़ सकते हैं. संघर्ष समिति को झांसा देकर धोखा दिया गया है.
सीएम से नहीं हुई वार्ता : नेम सिंह फौजदार ने कहा कि सरकार के निमंत्रण पर संघर्ष समिति के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए 22 जनवरी को जयपुर गया था. जयपुर में सरकार की चार सदस्यीय कमेटी के साथ वार्ता होनी थी, लेकिन उसमें पूरी कमेटी मौजूद नहीं हुई. वार्ता में नदबई विधायक जगत सिंह व अविनाश गहलोत अनुपस्थित रहे. 23 जनवरी को फिर से तीन सदस्यों के साथ विधानसभा में वार्ता हुई. मुख्यमंत्री से वार्ता होनी थी, लेकिन प्रधानमंत्री के दौरे की बात बोलकर मुख्यमंत्री ने अपनी व्यस्तता जताई और वार्ता के लिए समय नहीं दिया. साथ ही कहा गया कि क्या मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद अंदोलन समाप्त कर दिया जाएगा?
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बैठक में तय होगी आगे की रणनीति : नेम सिंह ने कहा कि संघर्ष समिति बिल्कुल नहीं चाहती कि आंदोलन उग्र हो, लेकिन सरकार आंदोलन को उग्र कराना चाहती है. ये जाट समाज का आरक्षण के लिए आखिरी आंदोलन है, जो आरपार की लड़ाई होगी. हमें आरक्षण चाहिए और इसके लिए जो भी कदम उठाना पड़ेगा, हम उठाएंगे. नेम सिंह ने दोनों जिलों के जाट समाज से अपील करते हुए कहा कि सभी अलर्ट मोड पर रहें. अपने-अपने गांवों के रास्ते रोकने का संदेश कभी भी मिल सकता है. बुधवार को संघर्ष समिति बैठकर आंदोलन की दिशा तय करेगी. जब तक आरक्षण का नोटिफिकेशन नहीं आएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
सरकार ने दिया धोखा : उग्र आंदोलन को टालने के लिए जाट आरक्षण संघर्ष समिति को झांसा देकर धोखा दिया गया है. इसका समाज जवाब देगा. आंदोलन आरक्षण मिलने तक जारी रहेगा. अब आंदोलन की रणनीति भिन्न-भिन्न तरीके से बदली जाएगी. नेम सिंह ने कहा कि नदबई विधायक जगत सिंह हमारे जाट समाज से हैं. उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र में आंदोलन चल रहा है. जाट समाज ने वोट देकर उनको जिताया, लेकिन वो एक भी दिन आंदोलन स्थल पर नहीं आए. यह बात हमें बहुत अखरी है. सरकार की समिति में अपने जिले के दो विधायक हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं. उसके बावजूद हमें आंदोलन करना पड़ रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है.
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गौरतलब है कि केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज के लोग 17 जनवरी से जयचोली गांव में महापड़ाव डाले हुए हैं. जाट समाज की तीन सूत्री मांग हैं. इनमें दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले. समाज 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए उन्हें हटाया जाए.