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सड़क हादसों में घायलों के लिए 'नेक आदमी' नीरा तोमर, सब कुछ छोड़कर पहुंचाती हैं अस्पताल, अब तक बचाई 20 जिंदगियां

मेरठ जिले की रहने वाली नीरा तोमर ने सड़क दुर्घटना में घायल (Good samaritan) कई लोगों की जान बचाई है. नेक काम करने के लिए नीरा तोमर को गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) के खिताब से भी नवाजा जा चुका है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 9:14 PM IST

संवाददाता श्रीपाल तेवतिया की खास रिपोर्ट

मेरठ : जिले में सन सिटी की रहने वाली नीरा तोमर एक शिक्षिका हैं, लेकिन अपने कार्यों की वजह से अलग ही पहचान रखती हैं. नीरा तोमर की खासियत यह है कि अगर कहीं भी जाएं और उन्हें रास्ते में कोई भी व्यक्ति विपदा में नजर आता है तो बिना किसी परिचय के भी वह मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. नीरा तोमर ने अब तक कई ऐसे लोगों की जान बचाई है, जो सड़क दुर्घटना के शिकार हुए. नीरा द्वारा किए गए इस नेक काम के चलते कई लोगों को तो जीवनदान मिल चुका है. राह चलते रास्ते में दुर्घटना के शिकार लोगों की मदद करने की वजह से उन्हें हर कोई सम्मान की नजर से देखता है. इस नेक काम के लिए अब तक कई बार गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) के खिताब से भी नवाजा जा चुका है. नीरा अपना शरीर भी दान कर चुकी हैं.

20 लोगों को बचाई जिंदगीः बता दें कि प्रदेश सरकार की एक योजना है, जिसमें अगर कोई व्यक्ति किसी तरह की दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल में एडमिट कराएगा तो उसे 'good samaritan' 'नेक आदमी' के रूप में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है. इस पुरस्कार के रूप में पांच हजार रुपये की धनराशि भी दी जाती है. अब तक लगभग 20 से अधिक लोगों को सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों को अस्पताल में एडमिट कराकर जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाने वाली नीरा ने कभी इस धनराशि के लिए आवेदन नहीं किया.

नीरा तोमर कई बार हो चुकी हैं सम्मानित.
नीरा तोमर कई बार हो चुकी हैं सम्मानित.

सड़क दुर्घटना में रिश्तेदार की दर्दनाक मौत : ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए नीरा तोमर बताती हैं कि उनके एक रिश्तेदार की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हुई थी. उस वक्त लोग तमाशबीन नहीं बनते तो उनकी रिश्तेदार की मौत न होती, उनका जीवन बच जाता. बस तभी से उन्होंने प्रण किया कि वह सड़क पर अगर कहीं से भी गुजरेंगी तो किसी भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सबसे पहले हॉस्पिटल में एडमिट कराना अपनी प्राथमिकता मानेंगी. तभी से खुद से किए गए वादे को निभाती आ रही हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा भी कई बार अवसर आया, जब वह जरूरी काम से जा रही थीं, लेकिन सड़क हादसे में घायल को पहले अस्पताल पहुंचाया. नीरा ने कहा कि किसी का जीवन बचाने से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं हो सकता. अब तो सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है कि अगर कहीं कोई दुर्घटना हो जाती है, तो उस व्यक्ति को समय से उपचार पहुंचाने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह से पुलिस परेशान नहीं करेगी. कई बार ऐसा भी अवसर आया है जब कुछ लोगों ने उनके महिला होने पर उन्हें सलाह तक भी दी कि किसी दिन मुसीबत में फंस जाएंगी.

देहदान करने का शपथ पत्र दिया : नीरा कहती हैं कि उन पर कभी इन सब बातों का असर नहीं पड़ता है.ऐसा करके उन्हें वही खुशी मिलती है, जो किसी को तीर्थ करके मिलती होगी. उन्हें लगता है कि जीवन किसी के काम आ जाए, इससे बढ़कर कोई धर्म हो नहीं हो सकता. मेरठ के सीएमओ अखिलेश मोहन ने ईटीवी भारत को बताया कि नीरा तोमर सही मायनों में 'नेक आदमी' हैं. उनका सहयोग अमूल्य है. नीरा मेडिकल कॉलेज में अपना देहदान करने का शपथ पत्र भी दे चुकी हैं. बहरहाल नीरा तोमर को अनेकों मंचों पर अब तक सम्मानित किया जा चुका है.

यह भी पढ़ें : बेटियों के नाम से पहचाने जाएंगे इन गांवाें के घर, जानें क्या है यह अनोखी पहल

यह भी पढ़ें : नया फायर सेफ्टी एक्ट: अब नहीं दिया जाएगा NOC, महिलाएं बुझाएंगी आग और युवाओं को मिलेगा रोजगार, जानें कैसे?

संवाददाता श्रीपाल तेवतिया की खास रिपोर्ट

मेरठ : जिले में सन सिटी की रहने वाली नीरा तोमर एक शिक्षिका हैं, लेकिन अपने कार्यों की वजह से अलग ही पहचान रखती हैं. नीरा तोमर की खासियत यह है कि अगर कहीं भी जाएं और उन्हें रास्ते में कोई भी व्यक्ति विपदा में नजर आता है तो बिना किसी परिचय के भी वह मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. नीरा तोमर ने अब तक कई ऐसे लोगों की जान बचाई है, जो सड़क दुर्घटना के शिकार हुए. नीरा द्वारा किए गए इस नेक काम के चलते कई लोगों को तो जीवनदान मिल चुका है. राह चलते रास्ते में दुर्घटना के शिकार लोगों की मदद करने की वजह से उन्हें हर कोई सम्मान की नजर से देखता है. इस नेक काम के लिए अब तक कई बार गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) के खिताब से भी नवाजा जा चुका है. नीरा अपना शरीर भी दान कर चुकी हैं.

20 लोगों को बचाई जिंदगीः बता दें कि प्रदेश सरकार की एक योजना है, जिसमें अगर कोई व्यक्ति किसी तरह की दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल में एडमिट कराएगा तो उसे 'good samaritan' 'नेक आदमी' के रूप में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है. इस पुरस्कार के रूप में पांच हजार रुपये की धनराशि भी दी जाती है. अब तक लगभग 20 से अधिक लोगों को सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों को अस्पताल में एडमिट कराकर जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाने वाली नीरा ने कभी इस धनराशि के लिए आवेदन नहीं किया.

नीरा तोमर कई बार हो चुकी हैं सम्मानित.
नीरा तोमर कई बार हो चुकी हैं सम्मानित.

सड़क दुर्घटना में रिश्तेदार की दर्दनाक मौत : ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए नीरा तोमर बताती हैं कि उनके एक रिश्तेदार की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हुई थी. उस वक्त लोग तमाशबीन नहीं बनते तो उनकी रिश्तेदार की मौत न होती, उनका जीवन बच जाता. बस तभी से उन्होंने प्रण किया कि वह सड़क पर अगर कहीं से भी गुजरेंगी तो किसी भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सबसे पहले हॉस्पिटल में एडमिट कराना अपनी प्राथमिकता मानेंगी. तभी से खुद से किए गए वादे को निभाती आ रही हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा भी कई बार अवसर आया, जब वह जरूरी काम से जा रही थीं, लेकिन सड़क हादसे में घायल को पहले अस्पताल पहुंचाया. नीरा ने कहा कि किसी का जीवन बचाने से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं हो सकता. अब तो सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है कि अगर कहीं कोई दुर्घटना हो जाती है, तो उस व्यक्ति को समय से उपचार पहुंचाने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह से पुलिस परेशान नहीं करेगी. कई बार ऐसा भी अवसर आया है जब कुछ लोगों ने उनके महिला होने पर उन्हें सलाह तक भी दी कि किसी दिन मुसीबत में फंस जाएंगी.

देहदान करने का शपथ पत्र दिया : नीरा कहती हैं कि उन पर कभी इन सब बातों का असर नहीं पड़ता है.ऐसा करके उन्हें वही खुशी मिलती है, जो किसी को तीर्थ करके मिलती होगी. उन्हें लगता है कि जीवन किसी के काम आ जाए, इससे बढ़कर कोई धर्म हो नहीं हो सकता. मेरठ के सीएमओ अखिलेश मोहन ने ईटीवी भारत को बताया कि नीरा तोमर सही मायनों में 'नेक आदमी' हैं. उनका सहयोग अमूल्य है. नीरा मेडिकल कॉलेज में अपना देहदान करने का शपथ पत्र भी दे चुकी हैं. बहरहाल नीरा तोमर को अनेकों मंचों पर अब तक सम्मानित किया जा चुका है.

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