नीमच: नीमच के गांव में एक व्यक्ति सरपंच के खिलाफ 7 सालों से लड़ाई लड़ रहा है. प्रशासन को जगाने के लिए बीते मंगलवार को एक हजार शिकायतों की माला बना कर रेंगते हुए ग्राम कांकरिया तलाई निवासी मुकेश प्रजापति कलेक्टर के द्वार पहुंचा था. अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करने वाले इस आवेदक ने 22 बिंदुओं की शिकायत की थी. राष्ट्रीय स्तर पर छाए इस मामले की जांच के लिए कलेक्टर ने एक कमेटी बनाई थी. जांच में शिकायत कर्ता को नाराजगी हाथ लगी है, जिसकी जांच में केवल एक शिकायत सही पाई गई. जिस पर पूर्व सरपंच का अतिक्रमण हटा दिया गया है.
शख्स ने वीडियो किये वायरल, बोला कोर्ट जाऊंगा
वहीं, कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के बयान के बाद पीड़ित के चार और वीडियो वायरल हुए हैं. जिसमें मुकेश दस्तावेज दिखाते हुए यह दावा कर रहा है कि, ''पंचायत में लाखों का भ्रष्टाचार हुआ है. तत्कालीन अतिरिक्त कलेक्टर नेहा मीणा के समक्ष पंचनामा और प्रतिवेदन प्रस्तुत हुआ था. जिसमें स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार की बात लिखी हुई है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कलेक्टर मेरी शिकायत निराधार बता रहे हैं. जबकि निर्माण में भ्रष्टाचार पाए जाने और अतिरिक्त कलेक्टर के समक्ष दस्तावेज प्रशासनिक विभाग द्वारा पेश होने के सबूत में कलेक्टर के समक्ष पेश कर चुका हूं. या तो कलेक्टर से जांच कमेटी द्वारा सही बात छिपाई गई है अथवा सच को दबाया जा रहा है. लेकिन यही बात मैं न्यायालय में रखूंगा तब क्या होगा.''
भ्रष्टाचार की शिकायतें झूठी पाई
कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने बताया कि, ''आवेदक मुकेश प्रजापति द्वारा पंचायत कांकरिया तलाई में जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे, वे सभी गलत निकले. मौके पर जांच दल ने निर्माण कार्यों का अवलोकन किया है, जो वास्तविकता में सही पाए गए. साथ ही पीएचई विभाग द्वारा किए गए कार्य भी सही पाए गए.''
22 में से 21 शिकायतें निराधार
जावद तहसील के गांव कांकरिया तलाई निवासी मुकेश प्रजापति ने 22 बिंदुओं को लेकर शिकायती आवेदन दिया था. जांच समिति ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. जिसके बाद कलेक्टर चंद्रा ने बताया कि, ''तीन सदस्यीय जांच दल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार आवेदक मुकेश प्रजापति की 22 शिकायतों में से 21 शिकायत निराधार पाई गई हैं. केवल एक शिकायत जो अवैध अतिक्रमण को लेकर थी, वो सही पाई गई है. गठित दल ने मौके से पूर्व सरपंच गोविंद राम पिता जगन्नाथ मेघवाल का अवैध अतिक्रमण भी हटा दिया है."