नीमच। नारकोटिक्स विंग के पुलिस अफसरों ने अफीम की खेती करने वाले किसानों को डरा धमकाकर करोड़ों रुपए की अवैध वसूली कर प्रॉपर्टी खरीदी. जिसकी शिकायत राज्य शासन को मिलने के बाद अधिकारियों ने कार्रवाई की. जांच में यदि वे पूर्ण रूप से दोषी पाए गए तो उनकी सेवाएं भी समाप्त हो सकती हैं.
इससे पहले एक कांस्टेबल को भी किया सस्पेंड
नीमच में मादक पदार्थों की धरपकड़ के मामले में अवैध रूप से वसूली करने के मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा ने मनासा थाने में पदस्थ आरक्षक देवेंद्र चौहान को निलंबित किया था. उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पहले नीमच नारकोटिक्स विंग थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रमोद पाटीदार का वीडियो वायरल हुआ था. इसमें वह सीधे तौर पर तस्करों को छोड़ने और तोड़ बट्टे कराने जैसी बात करते दिखाई दिया. जिसके बाद प्रधान आरक्षक प्रमोद पाटीदार को मूल इकाई पुलिस विभाग में उज्जैन भेज दिया गया और मामला जांच में लिया गया था.
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नीमच में 3 साल पहले 5 पुलिसकर्मी बर्खास्त
नीमच में 3 साल पहले 5 पुलिसकर्मियों को एक व्यापारी के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम (मादक पदार्थ से संबंधित कानून) के तहत झूठा मामला दर्ज करने के आरोप में बर्खास्त कर किया जा चुका है. जिले के जावद थाने में पदस्थ ये पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठ अधिकारी को बताए बिना बघाना थाना क्षेत्र में गए और व्यवसायी अक्षय गोयल के खिलाफ संदेहास्पद कार्रवाई की. जांच में इन पुलिसकर्मियों को मध्य प्रदेश पुलिस विनियमन अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया. आदेश के अनुसार सेवा से बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मियों में उप निरीक्षक कमलेश गौड़, आरक्षक सतीश कुशवाहा, चंदन सिंह, कमल सिंह और आनंदपाल सिंह शामिल थे.