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'2022 में नीतीश रो रहे थे कि भाजपा के लोग काम नहीं करने दे रहे हैं'- शिवानंद तिवारी का पलटवार

Shivanand Tiwari attack on Nitish बिहार में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार सुबह अपना इस्तीफा दिया और शाम को फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नीतीश कुमार से जब इस्तीफा देने की वजह पूछी गई, तो उन्होंने कहा था कि सरकार ठीक नहीं चल रही थी. राजद नेता शिवानंद तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नीतीश के इस आरोप पर सफाई देते हुए निशाना साधा. पढ़ें, विस्तार से.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 28, 2024, 8:58 PM IST

पटनाः पिछले कुछ दिनों से बिहार के राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा चल रही थी कि 'इंडिया गठबंधन' के सूत्रधार नीतीश कुमार गठबंधन छोड़कर जाने वाले हैं. महागठबंधन से उनके रिश्तों में दरार साफ दिख रही थी. सारे अनुमान सही साबित हुए. रविवार को बिहार में एनडीए की नई सरकार बनी. नीतीश कुमार नौवीं बार मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली. इससे पहले जब उन्होंने इस्तीफा दिया तो गठबंधन टूटने का जिम्मेवार राजद को ठहराया. राजद के राष्ट्रीय महासचिव शिवानंद तिवारी ने नीतीश के आरोपों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया. साथ ही कई सावल भी खड़े किये.

तेजस्वी के आचरण को संपूर्ण देश ने देखाः शिवानंद तिवारी ने कहा कि महागठबंधन के कार्यकाल में तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार का आचरण किया है इसको सम्पूर्ण देश ने देखा है. जरूरत से ज़्यादा दब कर तेजस्वी रहे, ताकि नीतीश कुमार को शिकायत का तनिक भी मौका नहीं मिले. यहां तक कि अखबारों के पहले पन्ने पर मुख्यमंत्री के आदमकद तस्वीर के साथ स्वास्थ्य विभाग का विज्ञापन छपता था. उसमें, तेजस्वी जो स्वास्थ्य विभाग के मंत्री थे, उनकी छोटी तस्वीर भी नहीं रहती थी. लेकिन तेजस्वी ने इस सबको अनदेखा किया.

"आज नीतीश जी कह रहे हैं कि राजद के साथ काम करने में परेशानी हो रही थी. हम काम कर रहे थे, लेकिन वे लोग काम नहीं कर रहे थे. इसको निर्गुण प्रलाप के अलावा क्या कहा जाएगा. वाकई अगर ऐसी कोई शिकायत थी तो इस सिलसिले में नीतीश जी ने कभी लालू जी से शिकायत की."- शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय महासचिव, राजद

2022 में कह रहे थे कि भाजपा काम नहीं करने दे रही हैः शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश द्वारा अचानक महागठबंधन छोड़कर पुनः भाजपा के साथ सरकार बनाने की घोषणा से देश हतप्रभ है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 8 अगस्त 2022 को अपने सभी विधायकों के साथ पैदल चल कर राबड़ी आवास पहुंचे थे. वहां उन्होंने 2017 में गठबंधन तोड़ कर भाजपा में चले जाने के लिए हाथ जोड़कर राबड़ी देवी से माफी मांगी थी. उस वक्त नीतीश ने वही सबकुछ कहा था जो आज कह रहे हैं. उस समय रोना रो रहे थे कि भाजपा के लोग काम नहीं करने दे रहे थे. हमेशा टकराव की बात कर रहे थे.

नीतीश ने कहा था 'मिट्टी में मिल जाउंगा...' शिवानंद तिवारी ने कहा कि महागठबंधन से निकलने और भाजपा के साथ पुनः जाने का जो कारण नीतीश कुमार बता रहे हैं वह सरासर झूठ है. भाजपा से अलग होने के बाद बिहार विधानसभा सभा में इन्होंने घोषणा की थी कि, 'मिट्टी में मिल जाउंग लेकिन इनलोगों के साथ नहीं जाउंगा'. ऐसे संकल्पों का कई नमूना गूगल में खोजने पर मिल जाएगा. शिवानंद तिवारी ने कहा कि भाजपा का अदना से अदना कार्यकर्ता तक कह चुका है कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा का दरवाज़ा बंद हो चुका है.

तेजस्वी भविष्य हैं, नीतीश अतीतः नीतीश कुमार जिन्होंने तेजस्वी के 10 लाख युवाओं को नौकरी देने की घोषणा पर कहा था कि इनको तनख़्वाह देने के लिए पैसा कहां से लाओगे. 9 अगस्त को तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और 15 अगस्त को नीतीश कुमार ने गांधी मैदान के मंच से घोषणा की थी कि 10 लाख युवाओं को महागठबंधन की सरकार नौकरी तो देगी ही, हम 10 लाख रोजगार का सृजन भी करेंगे. उन्होंने कहा कि राजनीति के पुरानी पीढ़ी के नीतीश कुमार ने युवा तेजस्वी के एजेंडे को ना सिर्फ कबूल किया बल्कि उसको आगे बढ़ाया. तेजस्वी भविष्य हैं, नीतीश अतीत हैं. 15 अगस्त के अपने भाषण के जरिए नीतीश ने स्वयं इस पर मुहर लगाई थी.

पटनाः पिछले कुछ दिनों से बिहार के राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा चल रही थी कि 'इंडिया गठबंधन' के सूत्रधार नीतीश कुमार गठबंधन छोड़कर जाने वाले हैं. महागठबंधन से उनके रिश्तों में दरार साफ दिख रही थी. सारे अनुमान सही साबित हुए. रविवार को बिहार में एनडीए की नई सरकार बनी. नीतीश कुमार नौवीं बार मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली. इससे पहले जब उन्होंने इस्तीफा दिया तो गठबंधन टूटने का जिम्मेवार राजद को ठहराया. राजद के राष्ट्रीय महासचिव शिवानंद तिवारी ने नीतीश के आरोपों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया. साथ ही कई सावल भी खड़े किये.

तेजस्वी के आचरण को संपूर्ण देश ने देखाः शिवानंद तिवारी ने कहा कि महागठबंधन के कार्यकाल में तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार का आचरण किया है इसको सम्पूर्ण देश ने देखा है. जरूरत से ज़्यादा दब कर तेजस्वी रहे, ताकि नीतीश कुमार को शिकायत का तनिक भी मौका नहीं मिले. यहां तक कि अखबारों के पहले पन्ने पर मुख्यमंत्री के आदमकद तस्वीर के साथ स्वास्थ्य विभाग का विज्ञापन छपता था. उसमें, तेजस्वी जो स्वास्थ्य विभाग के मंत्री थे, उनकी छोटी तस्वीर भी नहीं रहती थी. लेकिन तेजस्वी ने इस सबको अनदेखा किया.

"आज नीतीश जी कह रहे हैं कि राजद के साथ काम करने में परेशानी हो रही थी. हम काम कर रहे थे, लेकिन वे लोग काम नहीं कर रहे थे. इसको निर्गुण प्रलाप के अलावा क्या कहा जाएगा. वाकई अगर ऐसी कोई शिकायत थी तो इस सिलसिले में नीतीश जी ने कभी लालू जी से शिकायत की."- शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय महासचिव, राजद

2022 में कह रहे थे कि भाजपा काम नहीं करने दे रही हैः शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश द्वारा अचानक महागठबंधन छोड़कर पुनः भाजपा के साथ सरकार बनाने की घोषणा से देश हतप्रभ है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 8 अगस्त 2022 को अपने सभी विधायकों के साथ पैदल चल कर राबड़ी आवास पहुंचे थे. वहां उन्होंने 2017 में गठबंधन तोड़ कर भाजपा में चले जाने के लिए हाथ जोड़कर राबड़ी देवी से माफी मांगी थी. उस वक्त नीतीश ने वही सबकुछ कहा था जो आज कह रहे हैं. उस समय रोना रो रहे थे कि भाजपा के लोग काम नहीं करने दे रहे थे. हमेशा टकराव की बात कर रहे थे.

नीतीश ने कहा था 'मिट्टी में मिल जाउंगा...' शिवानंद तिवारी ने कहा कि महागठबंधन से निकलने और भाजपा के साथ पुनः जाने का जो कारण नीतीश कुमार बता रहे हैं वह सरासर झूठ है. भाजपा से अलग होने के बाद बिहार विधानसभा सभा में इन्होंने घोषणा की थी कि, 'मिट्टी में मिल जाउंग लेकिन इनलोगों के साथ नहीं जाउंगा'. ऐसे संकल्पों का कई नमूना गूगल में खोजने पर मिल जाएगा. शिवानंद तिवारी ने कहा कि भाजपा का अदना से अदना कार्यकर्ता तक कह चुका है कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा का दरवाज़ा बंद हो चुका है.

तेजस्वी भविष्य हैं, नीतीश अतीतः नीतीश कुमार जिन्होंने तेजस्वी के 10 लाख युवाओं को नौकरी देने की घोषणा पर कहा था कि इनको तनख़्वाह देने के लिए पैसा कहां से लाओगे. 9 अगस्त को तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और 15 अगस्त को नीतीश कुमार ने गांधी मैदान के मंच से घोषणा की थी कि 10 लाख युवाओं को महागठबंधन की सरकार नौकरी तो देगी ही, हम 10 लाख रोजगार का सृजन भी करेंगे. उन्होंने कहा कि राजनीति के पुरानी पीढ़ी के नीतीश कुमार ने युवा तेजस्वी के एजेंडे को ना सिर्फ कबूल किया बल्कि उसको आगे बढ़ाया. तेजस्वी भविष्य हैं, नीतीश अतीत हैं. 15 अगस्त के अपने भाषण के जरिए नीतीश ने स्वयं इस पर मुहर लगाई थी.

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