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नक्सलियों का शहीदी सप्ताह आज से शुरू, बस्तर में सुरक्षाबल अलर्ट मोड पर - Naxal martyrdom week

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में नक्सलियों का शहीदी सप्ताह आज से शुरु हो रहा है. नक्सलियों ने अंदरूनी क्षेत्रों में जगह-जगह बैनर पोस्टर लगाकर बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है. शहीदी सप्ताह को ध्यान में रखते हुए बस्तर संभाग के सभी जिलों में तैनात सुरक्षबल हाई अलर्ट मोड पर हैं.

Naxal martyrdom week
नक्सलियों का शहीदी सप्ताह (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 28, 2024, 2:24 PM IST

शहीदी सप्ताह को लेकर बस्तर में अलर्ट (ETV Bharat Chhattisgarh)

बस्तर : नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में हर साल की भांति इस साल भी नक्सली शहीदी सप्ताह मना रहा हैं. नक्सलियों ने आज 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाने का ऐलान किया है. नक्सलियों ने कई जगहों पर बैनर-पोस्टर लगाकर बंद बुलाया है और बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है. अंदरूनी क्षेत्रों में रास्तों को बंद कर आवागमन को भी प्रभावित किया है.

शहीदी सप्ताह को लेकर जवानों अलर्ट : नक्सलिओं के शहीदी सप्ताह को देखते हुए जवानों को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है. बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार जवानों का सर्चिंग अभियान जारी है. वहीं नक्सली बंद के आह्वान के चलते रेलवे प्रशासन ने भी सतर्कता बरतते हुए किरंदूल से विशाखापटनम के बीच रेल्वे परिचालन को सीमित कर दिया है. मालगाड़ियों का परिचालन केवल दिन के वक्त ही किए जाने के निर्देश रेलवे प्रशासन ने दिए हैं.

"नक्सलियों के शहीदी सप्ताह को देखते हुए बस्तर पुलिस हमेशा की तरह ही समुचे बस्तर संभाग में अलर्ट पर है. अंदरूनी इलाकों में सर्चिंग तेज कर दी गई है. इसके अलावा थानों और कैंम्पों में भी अर्लट जारी की गई है. माओवादियों के पैर के नीचे से जमीन खिसकती जा रही है. आम जनता पर नक्सलियों के बंद का कोई असर नहीं पड़ेगा. सामान्य जीवन व्यतीत होगा." - सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर रेंज

नक्सली क्यों मनाते हैं शहीदी सप्ताह ? : नक्सल जानकर व वरिष्ठ पत्रकार मनीष गुप्ता ने बताया, "नक्सली हर साल अपने मारे गए नक्सलियों की याद में शहीदी सप्ताह मनाते हैं और उनकी गाथाओं को आम जनता को सुनाते हैं. इसके अलावा नक्सल संगठन का संदेश लोगों तक पहुंचाते हैं. गांवों में बड़ा आयोजन कर ग्रामीणों की बैठक करते हैं. आमतौर पर शहीदी सप्ताह के दौरान हिंसक गतिविधियां कम होती हैं. इस दौरान नकेसली अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश करते हैं. साथ ही सांस्कृतिक आयोजन और जलसों का भी आयोजन करते हैं."

"नक्सल संगठन के सेंट्रल कमेटी के 3 सदस्य श्याम, मुरली और महेश थे. ये तीनों 1990 और 2000 के दशक में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए थे. तभी से नक्सली हर साल 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते हैं और उनके प्रभाव इलाके में नक्सली स्मारक मनाते हैं." - मनीष गुप्ता,नक्सल जानकर व वरिष्ठ पत्रकार

2024 में नक्सलियों को हुआ है भारी नुकसान : मनीष गुप्ता ने बताया, "अब पुलिस नक्सलियों के सबसे सुरक्षित इलाकों में पहुंच रही है. कई ऐसे इलाके हैं जहां आज भी पुलिस फोर्स नियमित रूप से नहीं पहुंच पाती है. और ऐसे इलाकों में नक्सली शहीदी सप्ताह मनाते आये हैं. और ऐसा नहीं लगता है कि माओवादियों को सप्ताह मनाने में कोई बड़ी दिक्कत होगी. लेकिन हां यह जरूर है कि पहले के मुताबिक नक्सलियों के रिस्क काफी बढ़ गया है.

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बस्तर : नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में हर साल की भांति इस साल भी नक्सली शहीदी सप्ताह मना रहा हैं. नक्सलियों ने आज 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाने का ऐलान किया है. नक्सलियों ने कई जगहों पर बैनर-पोस्टर लगाकर बंद बुलाया है और बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है. अंदरूनी क्षेत्रों में रास्तों को बंद कर आवागमन को भी प्रभावित किया है.

शहीदी सप्ताह को लेकर जवानों अलर्ट : नक्सलिओं के शहीदी सप्ताह को देखते हुए जवानों को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है. बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार जवानों का सर्चिंग अभियान जारी है. वहीं नक्सली बंद के आह्वान के चलते रेलवे प्रशासन ने भी सतर्कता बरतते हुए किरंदूल से विशाखापटनम के बीच रेल्वे परिचालन को सीमित कर दिया है. मालगाड़ियों का परिचालन केवल दिन के वक्त ही किए जाने के निर्देश रेलवे प्रशासन ने दिए हैं.

"नक्सलियों के शहीदी सप्ताह को देखते हुए बस्तर पुलिस हमेशा की तरह ही समुचे बस्तर संभाग में अलर्ट पर है. अंदरूनी इलाकों में सर्चिंग तेज कर दी गई है. इसके अलावा थानों और कैंम्पों में भी अर्लट जारी की गई है. माओवादियों के पैर के नीचे से जमीन खिसकती जा रही है. आम जनता पर नक्सलियों के बंद का कोई असर नहीं पड़ेगा. सामान्य जीवन व्यतीत होगा." - सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर रेंज

नक्सली क्यों मनाते हैं शहीदी सप्ताह ? : नक्सल जानकर व वरिष्ठ पत्रकार मनीष गुप्ता ने बताया, "नक्सली हर साल अपने मारे गए नक्सलियों की याद में शहीदी सप्ताह मनाते हैं और उनकी गाथाओं को आम जनता को सुनाते हैं. इसके अलावा नक्सल संगठन का संदेश लोगों तक पहुंचाते हैं. गांवों में बड़ा आयोजन कर ग्रामीणों की बैठक करते हैं. आमतौर पर शहीदी सप्ताह के दौरान हिंसक गतिविधियां कम होती हैं. इस दौरान नकेसली अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश करते हैं. साथ ही सांस्कृतिक आयोजन और जलसों का भी आयोजन करते हैं."

"नक्सल संगठन के सेंट्रल कमेटी के 3 सदस्य श्याम, मुरली और महेश थे. ये तीनों 1990 और 2000 के दशक में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए थे. तभी से नक्सली हर साल 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते हैं और उनके प्रभाव इलाके में नक्सली स्मारक मनाते हैं." - मनीष गुप्ता,नक्सल जानकर व वरिष्ठ पत्रकार

2024 में नक्सलियों को हुआ है भारी नुकसान : मनीष गुप्ता ने बताया, "अब पुलिस नक्सलियों के सबसे सुरक्षित इलाकों में पहुंच रही है. कई ऐसे इलाके हैं जहां आज भी पुलिस फोर्स नियमित रूप से नहीं पहुंच पाती है. और ऐसे इलाकों में नक्सली शहीदी सप्ताह मनाते आये हैं. और ऐसा नहीं लगता है कि माओवादियों को सप्ताह मनाने में कोई बड़ी दिक्कत होगी. लेकिन हां यह जरूर है कि पहले के मुताबिक नक्सलियों के रिस्क काफी बढ़ गया है.

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