बलरामपुर रामानुजगंज : मूर्तिकार परिवारों के सभी सदस्य इन दिनों मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाने के काम में जुटे हुए हैं. मूर्तिकारों के घर की महिलाएं, बच्चे, युवा या बुजुर्ग सभी इसी काम में व्यस्त हैं. ताकि नवरात्र के पहले दिन तक मूर्तियां ग्राहकों को डिलीवरी किया जा सके. रामानुजगंज में मूर्तियों के निर्माण में बारिश ने खलल पैदा की. यहां मूर्तियों को सुखाने में काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ा. अब मूर्तियां सूख चुकी है. जिसके बाद मूर्तिकार महिलाएं माता की मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहीं हैं. मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ एक सेट में मां सरस्वती, लक्ष्मी, भगवान गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं भी तैयार की जा रही हैं.
तीन पीढ़ियों से कर रहे मूर्तियां बनाने का काम : रामानुजगंज के आसपास के गांवों में बंगाली समुदाय के मूर्तिकार बड़ी संख्या में रहते हैं. यह समुदाय नवरात्र, गणेश पूजा और सरस्वती पूजा के लिए परंपरागत रूप से मूर्तियां बनाकर बेचने का व्यवसाय करते हैं. जिले के ग्राम पंचायत धनगांव में सुशांत मंडल का परिवार पिछली तीन पीढ़ियों से मूर्तियां बनाकर बेचने का व्यवसाय कर रहे हैं. सुशांत के दादा क्षेत्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार थे.
हम लोग तीन पीढ़ियों से मूर्तियां बना रहे हैं. इस नवरात्र पर नौ सेट मूर्तियों का ऑर्डर हमें मिला है. बारिश के चलते मूर्तियों को सूखाने में काफी परेशानी हुई. काफी मेहनत करके मूर्तियों को सूखाया गया है. अब पेंटिंग रंग-रोगन कर अंतिम स्वरूप देने में हमारा पूरा परिवार जुटा हुआ है. : सुशांत मंडल, मूर्तिकार
पूरा परिवार मिलकर मूर्तियों को दे रहे अंतिम रूप : इस बारे में महिला मूर्तिकार रिंकी मंडल ने ईटीवी भारत को बताया, मूर्तियों को तैयार करने में कई चीजें लगती है. पुआल, कांटी, लाल मिट्टी, सफेद मिट्टी और कलकत्ता की गंगा मिट्टी खरीदना पड़ता है, जो महंगा पड़ता है. मूर्तिकार का पूरा परिवार मेहनत करते हैं. गणेश पूजा से ही हम लोग मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाने में जुटे हुए हैं.
मूर्तिकारों को अच्छी आमदनी की उम्मीद : मूर्तिकारों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के कारण मूर्तियों में लगने वाले सभी चीजों के दाम बढ़ गए हैं. इसलिए लागत बढ़ गई है. हालांकि, इस बार उन्हें अच्छी आमदनी की उम्मीद है.