वाराणसी: आज से देवी उपासना के 9 दिवसीय पर्व नवरात्र की शुरुआत हो रही है. इस पावन पर्व पर 9 दिन तक हर कोई देवी की उपासना में लीन रहेगा. माता आदि शक्ति से मनवांछित फल पाने के लिए लोग अपने हिसाब से माता का पूजन करते हैं, लेकिन अगर आप भी इन 9 दिन तक माता की अनुकंपा पाना चाहते हैं तो राशि के अनुसार मंत्र और पूजा के विधान को जान लीजिए.
संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी से जुड़े ज्योतिषाचार्य पंडित दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस नवरात्र राशि के अनुसार कैसे करना है पूजन और किन मंत्रों के उच्चारण से मिलेगी मां की कृपा.
मेषः स्कंदमाता की पूजा करें, लाल फूल से पूजन व दूध से बने पेड़े का भोग लगाएं. सिद्धकुंजिका स्तोत्र का पाठ करें, ॐ ह्रीं उमा देव्यै नमः.
वृषभः मां महागौरी की पूजा करें, सफेद मिठाई और सफेद फूल चढ़ाएं, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, ॐ क्रां क्री क्रू कालिका देव्यै नमः
मिधुनः मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा करें, मां को लाल फूल, चीनी और पंचामृत अर्पित करें. ॐ दूं दुर्गार्य नमः.
कर्क: देवी शैलपुत्री की पूजा करें, बताशा और चावल का भोग लगाएं, अर्गला व कीलक स्तोत्र का पाठ करें, ॐ ललिता देव्यै नमः
सिंहः देवी दुर्गा के कृष्मांडा स्वरूप की पूजा करें. रोलों और केसर चढ़ाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, ॐ ऐं महासरस्वती देव्यै नमः.
कन्याः मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करें. खीर का भोग लगाएं, कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. ॐ शूल धारिणी देव्यै नमः.
तुलाः महागौरी की पूजा करें. मां को लाल चुनरी और फूल चढ़ाएं. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै नमः.
वृश्चिकः कालरात्रि स्वरूप की पूजा करें. सुबह और शाम मां दुर्गा की आरती करें. ॐ शक्तिरूपायै नमः या ॐ क्लीं कामाख्यै नमः.
धनुः स्कंदमाता की पूजा करें. पीले फूल और मिठाई का भोग लगाएं. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे.
मकरः कात्यायनी स्वरूप की पूजा करें. माता को नारियल व चुनरी चढ़ाएं. दुर्गा चालीसा का पाठ करें. ॐ पां पार्वती देव्ये नमः.
कुंभः मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करें. हलवे का भोग लगाएं और देवो कवच का पाठ करें. ॐ पां पार्वती देव्ये नमः.
मीन: चंद्रघंटा रूप की पूजा करें, माता रानी को पीला केला व पीला फूल चढ़ाएं, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, ॐ श्रीं हीं श्रीं दुगा देव्ये नमः.
आज के शुभ मुहूर्त
- घटस्थापना मुहूर्त: प्रात: 06:15 से 07:22 के बीच.
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:46 से 12:33 तक.
- विजय मुहूर्त: अपरान्ह 02:26 से अपरान्ह 03:14 तक.
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:25 से शाम 06:49 तक.
- सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:25 से 07:37 तक.
- अमृत चौघड़िया: दोपहर 01:38 से 03:07 के बीच
- शुभ चौघड़िया: प्रात: 06:15 से 07:44 के बीच.
- लाभ चौघड़िया: दोपहर 12:10 से 01:38 के बीच.
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