छपरा: छपरा में नवरात्र का त्योहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है. छपरा के फुटानी बाजार में दशहरे के अवसर पर भव्य पंडाल बनाए जाते हैं. पूजा पंडालों की भव्यता लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है. इस बार गम्हरिया कला का पंडाल खास चर्चा में है. यह पंडाल हर वर्ष किसी न किसी नए सामाजिक संदेश के साथ आता है और इस बार इसकी थीम है 'जुरासिक पार्क', जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
छपरा में जुरासिक पार्क पंडाल : सारण के जलालपुर प्रखंड का गम्हरिया स्थित फुटानी बाजार के इस पंडाल को इस बार जुरासिक पार्क का रूप दिया गया है, जो दर्शकों के लिए एक अनोखा और अद्भुत अनुभव लेकर आया है. पंडाल को बनाने में पूरे डेढ़ महीने लगे और इस पर लगभग 50 लाख रुपये का खर्च आया. करीब 400 से 600 साल पहले लुप्त हो चुके डायनासोर के 9 प्रकार के मॉडल्स बनाए गए हैं. बच्चों को यह पंडाल खूब भा रहा है.
बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बना पंडाल: विश्वकर्मा कुमार ने बताया कि पंडाल का निर्माण दशहरे के तीन महीने पहले ही शुरू हो जाता है. इस साल उन्होंने जुरासिक पार्क की थीम को इसलिए चुना ताकि आज की युवा पीढ़ी प्रकृति और इतिहास के बारे में जान सके. उन्होंने कहा कि ये विशालकाय डायनासोर मॉडल्स विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाए गए हैं, ताकि वे इसे देखकर इतिहास और विज्ञान के प्रति रुचि दिखाएं.
"जुरासिक पार्क की थीम न केवल दर्शकों को रोमांचित करने जा रही है, बल्कि पर्यावरण और इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी काम करेगी. पंडाल को बनाने में पूरे डेढ़ महीने लगे और इस पर लगभग 50 लाख रुपये का खर्च आया." - विश्वकर्मा कुमार, स्थानीय निवासी
पंडाल देखने को लगती है भीड़: उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में फुरानी बाजार में शेर के आकार का पंडाल बनाया गया था जिसमें मां दुर्गा विराजी थीं. उसके बाद वर्ष 2023 में किंग कोंग गोरिल्ला के आकार का पांडाल बनाया गया था. हर बार कुछ ना कुछ नया ढंग के पंडाल देखने को मिलते हैं जिन्हें काफी आकर्षक ढंग से सजाया जाता है. शारदीय नवरात्र के दौरान सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिनों में लाखों श्रद्धालु यहां पंडाल को देखने आते हैं.
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