भिवानी : भिवानी के अजीतपुर गांव के रहने वाले नवीन कुमार सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं जिससे पूरे इलाके में जश्न का माहौल है. नवीन कुमार अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के युवा है, जो भारतीय सेना में शामिल हुए हैं. यही नहीं नवीन कुमार गांव के पहले ऐसे युवा है, जो सेना में लेफ्टनेंट बने हैं. वे गांव के बाकी युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गए हैं. नवीन की उपलब्धि और देश सेवा के प्रति उनके परिवार के जज्बे से गदगद ग्रामीणों ने गांव पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें खुली जीप में बैठाकर फूल-मालाएं पहनाई और डीजे की धुन पर लोग नाचते-गाते नज़र आए.
नवीन के दादा भी सेना में थे : सेना में लेफ्टिनेंट बने नवीन कुमार के दादा स्व. शीशराम यादव भी सेना में रह चुके हैं. 1981 में सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद 1984 से 2002 तक उन्होंने सीआईएसएफ में अपनी सेवाएं दी. नवीन कुमार के पिता सतीश कुमार 1996 से 2018 तक 11 कुमाऊं से भूतपूर्व सैनिक हैं और वर्तमान में हरियाणा सरकार में सहायक के पद पर कार्यरत हैं. नवीन के चाचा मंजीत यादव बीएसएफ की 59वीं वाहिनी से हैं. उनकी बहन नोएडा में एक एमएनसी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रही हैं.
गांव के पहले लेफ्टिनेंट बने नवीन कुमार : नवीन की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा राष्ट्रीय सैन्य स्कूल शिमला (हिमाचल प्रदेश) से की और एनआईटी हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) से बीटेक में स्नातक किया. इसके बाद नवीन ने आईएमए देहरादून से डेढ़ साल तक प्रशिक्षण लिया और फिर उन्हें 37 कूर्ग रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति मिली, जो भारतीय सेना की सबसे पुरानी और बेहतरीन रेजिमेंटों में से एक है. अब नवीन कुमार गांव के पहले लेफ्टिनेंट बने हैं.
नवीन ने सपना किया पूरा : अपनी बेटे की सफलता से गदगद नवीन कुमार के पिता सतीश कुमार ने कहा कि नवीन की दिलचस्पी हमेशा से ही भारतीय सेना में जाने की थी और अपने सपने को पूरा करने के लिए नवीन ने अपनी मेहनत में कोई कसर नही छोड़ी. आज उसकी मेहनत का परिणाम उसे सफलता के तौर पर मिली है. उन्होंने कहा कि नवीन की उपलब्धि गांव के बाकी युवाओं को भी प्रेरित करेगी और वे भी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी मेहनत और लग्न से आगे बढ़ेंगे.
दादा से मिली प्रेरणा : इस मौके पर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने नवीन कुमार ने कहा कि उन्हें भारतीय सेना में भर्ती होने की प्रेरणा अपने दादा से मिली. उनके बाद जब वे अपने पिता को भारतीय सेना की वर्दी में देखते थे तो उनके मन में भी ये बात रहती थी कि वे भी एक दिन भारतीय सेना में भर्ती होकर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे. नवीन ने बताया कि उनकी सफलता में उनके परिवारजनों की बराबर की मेहनत है और उनके परिवारजनों के त्याग और मेहनत की बदौलत उनका सेना में भर्ती होने का ख्वाब पूरा हो सका है.
हरियाणा समेत देश की ताजा ख़बरें पढ़ने के लिए ईटीवी भारत ऐप डाउनलोड करें. यहां आपको मिलेंगी तमाम बड़ी ख़बरें, हर बड़ा अपडेट, वो भी सबसे सटीक और डिटेल एनालिसिस के साथ - Download App
ये भी पढ़ें : हरियाणा में कॉल ड्रॉप पर 5 लाख का जुर्माना, कंज्यूमर कोर्ट ने दे डाला बड़ा आदेश
ये भी पढ़ें : सातवें आसमान पर पहुंचा "गब्बर" का गुस्सा, बोले- तमाशा बना रखा है, अफसर सस्पेंड, देखिए पूरा वीडियो
ये भी पढ़ें : हरियाणा में नायब सिंह सैनी बनाएंगे नए जिले और तहसील, जानिए लिस्ट में कौन से शहरों का नाम ?