सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में अब लोग जल्द ही डिपुओं के जरिए प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की के आटे का स्वाद चखेंगे. इसके लिए सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के जरिए पूरे प्रदेश समेत जिला सिरमौर में भी किसानों से मक्की की खरीद की जा चुकी है. लिहाजा अब सरकार जल्द ही प्राकृतिक तौर पर उगी मक्की की खरीद के बाद इसे आटे का रूप देकर प्रदेशवासियों को उपलब्ध करवाएगी. इसकी तैयारी की जा रही है. इसी के तहत जिला सिरमौर में भी प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को सिविल सप्लाई कारपोरेशन के जरिए खरीदा जा चुका है.
सिरमौर में 455 क्विंटल मक्की की खरीद
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आतमा) जिला सिरमौर के परियोजना निदेशक डॉ. साहब सिंह ने बताया, "जिला सिरमौर में 11,576 किसान 2276 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. जिसमें से 3450 किसानों ने इस साल मक्की उगाई थी. जिन किसानों के पास सरप्लस मक्की थी, विभाग ने सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के माध्यम से इसे खरीदा है. जिले में 120 किसानों से लगभग 455 क्विंटल मक्की की खरीद की जा चुकी है. संबंधित किसानों को इसका भुगतान किया जा रहा है."
कितने किलो की पैकिंग में मिलेगा मक्की का आटा?
आतमा जिला सिरमौर के परियोजना निदेशक डॉ. साहब सिंह ने बताया कि प्राकृतिक मक्की की पिसाई के बाद अब प्रदेश समेत जिला सिरमौर में भी इसका आटा सरकारी डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जाएगा. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से एक किलो और 5 किलो की पैकिंग में इस प्राकृतिक आटे को राशन डिपुओं के जरिए जनता तक पहुंचाया जाएगा. सस्ते दामों पर खाद्य सामग्री मुहैया करवाने वाला यह विभाग पहली बार मक्की के आटे को भी सेल करने की तैयारी कर रहा है. हालांकि अभी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन अगले माह तक इस आटे की लॉन्चिंग कर लोगों को इसे उपलब्ध करवाया जा सकता है.
'अगले साल होगी प्राकृतिक गेहूं की खरीद'
आतमा परियोजना निदेशक डॉ. साहब सिंह ने बताया, "मक्की का रेट सरकार ने 3000 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. ये आटा सिविल सप्लाई के जरिए उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जाएगा. इसी प्रकार अगले रबी सीजन में 4000 रुपए प्रति क्विंटल प्राकृतिक तौर से उगाई गई गेहूं की खरीद भी किसानों से की जाएगी. सरकार किसानों को लाभान्वित करने की दिशा में प्रयासरत है."
किसानों से ₹30 प्रति किलो के हिसाब से खरीदी मक्की
बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदा गया है. फिलहाल मक्की की पिसाई करवाई जा रही है. उम्मीद है कि जल्द ही ये प्राकृतिक आटा उचित मूल्यों की दुकानों में बेचने के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा. वहीं, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मुताबिक किसानों की ओर से प्राकृतिक खेती से तैयार इस आटे का भाव 80 रुपए तय किया गया है. पहले चरण में मक्की का आटा जिला कांगड़ा के कुछ चुनिंदा डिपुओं में बेचा जा सकता है.