सराज: मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में इस मौसम में पानी समस्या बढ़ रही है. आलम यह कि पीने के पानी के सोर्स तेजी से सूख रहे हैं. गर्मी के प्रकोप का असर जलस्तर पर भी पड़ा है. वॉटर लेवल नीचे जाने से प्राकृतिक जल स्रोतों में भी पानी की बूंद नहीं बची है. कभी न सूखने वाले परम्परागत जल स्रोत भी गर्मी के प्रकोप और पर्यावरण के असंतुलन के कारण सूख चले हैं. गर्मी के मौसम में इस साल की स्थिति तो सबसे अधिक भयावह दिख रही है.
बढ़ती गर्मी के बीच सराज जल शक्ति विभाग की मानें तो इस बार क्षेत्र में 60 फीसदी पानी की कमी हो गई है, जबकि 25 से 30 फीसदी पीने के पानी के सोर्स पूरी तरह से सूख चले हैं. ऐसे में आमजन और मवेशियों के पीने के लिए पानी की समस्या पैदा होने की संभावना है.
प्राकृतिक सोर्स पर छाया संकट
सराज विधानसभा क्षेत्र में अधिकांश जगहों पर पीने के पानी के प्राकृतिक जल स्रोत हैं, जिनके अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. बुजुर्गों की मानें तो आज से दो दशक पूर्व तक भीषण गर्मी के मौसम में भी पुराने जल स्रोत नहीं सूखते थे, लेकिन अब इनमें पानी नहीं टिक पाता. यह सब मौसम की मार और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का असर है.
जल शक्ति विभाग के एक्सईएन संदीप शर्मा ने बताया कि जल शक्ति विभाग के थुनाग मंडल के अधीन करीब 60 फीसदी पानी कम हो गया है और 25 फीसदी लोकल सोर्स सूख चुके हैं, लेकिन हम छड़ी खड्ड में बनी सिराज एवं बाली चौकी विकास खंड-19 उठाऊ पेयजल योजना से लगभग सराज की 29 पंचायतों जिसमें जंजैहली विकास खंड की 13 और विकास खंड बाली चौकी की 16 पंचायतों के लोगों को पान मुहैया करवा रहे हैं और बाली चौकी में एक अन्य उठाऊ पेय योजना के तहत पानी मुहैया करवा रहे हैं.
बाली चौकी में बिजली बन रही बाधा
एक्सईएन जल शक्ति विभाग ने बताया कि बाली चौकी में बनी मल्टी विलेज योजना के तहत लोगों को पानी दिया जा रहा है, लेकिन वहां बिजली कटौती के कारण पानी की सप्लाई सुचारु रूप से न होने के कारण परेशानी हो रही है. वहीं, किसानों को भी फसल की बुआई में देरी हो रही है. कुछ किसानों की बीजी हुई फसल पानी की कमी के कारण सूखने की कगार पर है. प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने के कारण फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अब किसान बारिश की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन मौसम को देखते हुए अभी बारिश के आसार नहीं लग रहे हैं.