भिवानी: हरियाणा में खेलों के क्षेत्र में बुजुर्ग खिलाड़ियों की उपलब्धियां साबित करती है कि यदि हम अपनी सीमाओं को चुनौती दें और प्रयास करें तो कोई भी लक्ष्य पाना मुश्किल नहीं है. बुजुर्ग खिलाड़ियों द्वारा जीते गए मेडल युवा को यह सीख देते हैं कि मेहनत और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है. इसके लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती. भिवानी के बुजुर्ग खिलाड़ी पूर्व सैनिक धर्मपाल शर्मा भी समय-समय पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर और मेडल जीतकर युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं.
बुजुर्ग ने जीते मेडल: इसी कड़ी में अब धर्मपाल शर्मा ने 8 से 10 नवंबर तक वेटरन्स एथलेटिक्स इंडिया द्वारा उत्तर प्रदेश के अमेठी जिला में आयोजित हुई. नेशनल वेटरनस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में हिस्सा लेते हुए विभिन्न स्पर्धाओं में तीन गोल्ड व दो सिल्वर मेडल हासिल किए. धर्मपाल शर्मा की उपलब्धि से भिवानी के खेल प्रेमियों में बेहद खुशी है. पदक विजेता बुजुर्ग खिलाड़ी धर्मपाल शर्मा ने बताया कि नेशनल वेटरन्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की 400 मीटर दौड़, 110 मीटर बाधा दौड़ व डिस्कस थ्रो में गोल्ड तथा सिल्वर पदक हासिल किए.
युवाओं के लिए धर्मपाल बने प्रेरणा: पदक जीतने के बाद भिवानी पहुंचने पर बुजुर्ग खिलाड़ी धर्मपाल शर्मा ने कहा कि वे अपने खेलों के माध्यम से युवाओं को बताना चाहते है कि जुनून और मेहनत से कोई भी उम्र में बंधा नहीं रहता. उन्होंने कहा कि खेलों के माध्यम से न केवल अपने जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया जा सकता है कि शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहना कितना महत्वपूर्ण है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी युवा शक्ति का प्रयोग सही जगह पर करें तथा खेलों को अपनाकर राष्ट्र की तरक्की में अपना योगदान दें.
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