जयपुर. केंद्र सरकार का नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड प्रदेश में लागू करने को लेकर मंगलवार को खेल संघों और क्रीड़ा परिषद के बीच चर्चा हुई, लेकिन अधिकतर खेल संघ फिलहाल इस पर स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड को राजस्थान में लागू करने के पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं. क्रीड़ा परिषद ने इससे पहले आगामी दो महीने में नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड लागू करने की बात कही थी, लेकिन इस बैठक के बाद क्रीड़ा परिषद पीछे हट गया है.
मामले को लेकर क्रीड़ा परिषद के सचिव सोहन राम चौधरी का कहना है कि नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड को लागू करने के लिए तकरीबन 22 खेल संघों के साथ बैठक हुई. जल्द ही खेल संघों को कहा गया है कि जब उनकी अपैक्स बॉडी इस कोड को लागू कर रही है तो उन्हें भी इस कोड को लागू करना पड़ेगा, ताकि खेल और खेल संघों में पारदर्शिता आ सके.
स्पोर्ट्स एक्ट लागू : वहीं, मामले को लेकर राजस्थान राज्य ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अनिल व्यास का कहना है कि राजस्थान में स्पोर्ट्स एक्ट बना हुआ है और इस एक्ट के होते हुए नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड लागू करना काफी मुश्किल है. ऐसे में अगर क्रीडा परिषद इस एक्ट को लागू करना ही चाहता है तो इसमें संशोधन की जरूरत है. व्यास का यह भी कहना है कि परिषद ने खेल संघो से कहा है कि जब भी खेल संघों के नए चुनाव हों उस दौरान इस एक्ट को लागू किया जाए. इसके अलावा खेल परिषद ने बैठक में जिला संघों को निर्देश दिया कि उनके खेल कैलेंडर, प्रतियोगिताएं, खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन आदि को ऑनलाइन किया जाए, ताकि खिलाड़ियों का टीए-डीए उन्हें समय पर मिल सके.
ये मुख्य नियम होंगे कोड में : नेशनल स्पोर्ट्स डवलपमेंट कोड-2011 लागू होने के बाद कोई भी खेल संघ में आठ साल पद पर रहने के बाद 4 साल का ब्रेक लेना जरूरी होगा. संघ अध्यक्ष केवल 12 साल तक ही पद पर रह सकेगा. किसी दूसरे संघ में भी पदाधिकारी नहीं बन पाएंगे. उम्र 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अगर कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी खेल संघ का पदाधिकारी बनता है तो उसे अपने विभाग से एनओसी लेनी होगी. इसके अलावा खेल संघ में 25 फीसदी एक्टिव खिलाड़ियों का होना भी जरूरी है.