नई दिल्ली/नोएडा: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा 9 मार्च को गौतम बुद्ध नगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा. राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए जिला न्यायाधीश अवनीश सक्सेना के निर्देश पर लगातार बैठके कर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. अधिक से अधिक लोगों को जागरुक किया जा रहा है, ताकि लोक अदालत का लाभ जन सामान्य लोगों तक पहुंच सके.
दरअसल, लोक अदालत में अधिवक्ता पर होने वाला खर्च व न्यायालय शुल्क नहीं लगता है. वहीं, पक्षकारों के मध्य उत्पन्न हुए विवादों का निपटारा आपसी सहमति और सुलह से हो जाता है. मुआवजा व हर्जाना आदेश के बाद जल्द मिल जाता है. यहां तक की पुराने मुकदमों में लगा न्यायालय शुल्क भी वापस मिल जाता है. किसी भी पक्षकार को दंडित नहीं किया जाता. लोक अदालत का अवार्ड अंतिम होता है. इसके खिलाफ किसी भी न्यायालय में अपील नहीं होती.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौतम बुध नगर सचिव ऋचा उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों पर इसका आयोजन किया जा रहा है. इसमें मुख्यालय एवं तहसील न्यायालयों में चिन्हित वादों में पक्षकारों को नोटिस व फोन मैसेज आदि के माध्यम से सूचित किया जा रहा है. साथ ही उनसे राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में व्यापक विचार भी किया जा रहा है.
ऋचा उपाध्याय ने बताया कि समस्त विभाग अपनी प्रतिभा के साथ राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर न्यायालय के समस्त तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को अधिक से अधिक पक्षकारों को अनिवार्य रूप से सूचित करने के लिए निर्देशित किया गया है.
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बता दें कि राष्ट्रीय लोक अदालत में अलग-अलग न्यायालय द्वारा वादों का निस्तारण किया जाता है. जिसमें अदालत में आपराधिक मामलों का, राजस्व न्यायालय, प्री-लिटिगेशन स्तर पर, बैंक, बीएसएनल, परिवहन विभाग, यातायात विभाग, वाणिज्य न्यायालय, मोटर दुर्घटना, परिवार न्यायालय, एससी/एसटी एक्ट, पॉक्सो अधिनियम व फास्ट ट्रेक कोर्ट सहित जनपद स्थित न्यायालय में वादों का इस लोक अदालत में निस्तारण किया जाता है.