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उपभोक्ताओं से जुड़े कानून प्रभावी तरीके से लागू नहीं, कई क्षेत्र के आंकड़े चौंकाने वाले - NATIONAL CONSUMER RIGHTS DAY

राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस पर जानिए क्या राजस्थान में उपभोक्ताओं से जुड़े दूसरे कानून की क्रियान्विति हो रही है...

राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस
राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 24, 2024, 11:26 AM IST

Updated : Dec 24, 2024, 12:57 PM IST

जयपुर : हर वर्ष 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का प्रमुख मकसद है कि लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाए. कंज्यूमर कांफ्रेडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत शर्मा का कहना है कि आज ही के दिन 1986 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उपभोक्ता संरक्षण कानून पर हस्ताक्षर किए थे. लगभग 38 साल बीत जाने के बाद आज उपभोक्ता अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हुए हैं, लेकिन आज भी कदम-कदम पर उपभोक्ता का शोषण हो रहा है. नई टेक्नोलॉजी से शोषण के तरीके बदल रहे हैं. डार्क पैटर्न के जरिए ऑनलाइन खरीद के जरिए आज भी उपभोक्ताओं का शोषण उतना ही हो रहा है जितना तीन दशक पहले होता था.

कानून सही तरीके से लागू नहीं : डॉ. अनंत शर्मा का कहना है कि तीन दशक बीत जाने के बाद भी अगर देश में उपभोक्ता का शोषण अलग-अलग तरीकों से हो रहा है तो इसका प्रमुख कारण है कि जो कानून बनाए गए हैं, उन्हें प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा रहा. राजस्थान के संदर्भ में बात करें तो मानकों से जुड़े, नापतोल से जुड़े, वस्तु विक्रय से संबंधित और उपभोक्ताओं से जुड़े दूसरे कानून उनकी प्रभावी क्रियान्विति नहीं हो पा रही और इस क्षेत्र में अभी और काम किया जाना बाकी है. पिछले कुछ समय से राजस्थान में सरकार ने मिलावट को लेकर एक अभियान चलाया जो अभी भी जारी है. इससे यह सामने आया कि आज भी उपभोक्ता को मिलावट रहित वस्तु नहीं मिल पा रही.

राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें. कंज्यूमर केयर अभियान के तहत 73 फर्मों पर कार्रवाई, एक लाख 73 हजार से अधिक का लगाया जुर्माना - Consumer Care Campaign

आंकड़े चौंकाने वाले : डॉ. शर्मा का कहना है कि कंज्यूमर कांफ्रेडेशन ऑफ इंडिया की ओर से एक सर्वे किया गया, जिसमें काफी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसके तहत देश के 65 फ़ीसदी लोग जब बाजार में खरीदारी करने जाते हैं, खासकर खाद्य पदार्थ से जुड़ी हुई तो उनके मन में आज भी आशंका है कि क्या उन्हें मिलावट रहित खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो पा रहा है या नहीं. वहीं, ऑनलाइन शॉपिंग की बात की जाए तो पिछले कुछ समय से ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड जबरदस्त तरीके से देश में प्रभावी हुआ है. आज भी देश की 30% जनता यही मानती है कि भ्रामक विज्ञापन के जरिए उनको गुमराह किया जा रहा है, जबकि 16 फीसदी लोगों का मानना है उनको जो ऑनलाइन सामान उपलब्ध कराया जाता है, वह घटिया ब्रांड का होता है. ऐसे में स्थिती अभी भी सुधरी नहीं है. इस क्षेत्र में काम किया जाना बाकी है.

उपभोक्ताओं के अधिकार : उपभोक्ताओं के अधिकार की बात करें तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत उपभोक्ताओं के 6 अधिकार हैं, जिनमें :

  1. सुरक्षा का अधिकार
  2. सुनवाई का अधिकार
  3. चयन का अधिकार
  4. प्रतितोष पाने का अधिकार
  5. संसूचित किए जाने का अधिकार
  6. उपभोक्ता जागरूकता का अधिकार

जयपुर : हर वर्ष 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का प्रमुख मकसद है कि लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाए. कंज्यूमर कांफ्रेडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत शर्मा का कहना है कि आज ही के दिन 1986 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उपभोक्ता संरक्षण कानून पर हस्ताक्षर किए थे. लगभग 38 साल बीत जाने के बाद आज उपभोक्ता अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हुए हैं, लेकिन आज भी कदम-कदम पर उपभोक्ता का शोषण हो रहा है. नई टेक्नोलॉजी से शोषण के तरीके बदल रहे हैं. डार्क पैटर्न के जरिए ऑनलाइन खरीद के जरिए आज भी उपभोक्ताओं का शोषण उतना ही हो रहा है जितना तीन दशक पहले होता था.

कानून सही तरीके से लागू नहीं : डॉ. अनंत शर्मा का कहना है कि तीन दशक बीत जाने के बाद भी अगर देश में उपभोक्ता का शोषण अलग-अलग तरीकों से हो रहा है तो इसका प्रमुख कारण है कि जो कानून बनाए गए हैं, उन्हें प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा रहा. राजस्थान के संदर्भ में बात करें तो मानकों से जुड़े, नापतोल से जुड़े, वस्तु विक्रय से संबंधित और उपभोक्ताओं से जुड़े दूसरे कानून उनकी प्रभावी क्रियान्विति नहीं हो पा रही और इस क्षेत्र में अभी और काम किया जाना बाकी है. पिछले कुछ समय से राजस्थान में सरकार ने मिलावट को लेकर एक अभियान चलाया जो अभी भी जारी है. इससे यह सामने आया कि आज भी उपभोक्ता को मिलावट रहित वस्तु नहीं मिल पा रही.

राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें. कंज्यूमर केयर अभियान के तहत 73 फर्मों पर कार्रवाई, एक लाख 73 हजार से अधिक का लगाया जुर्माना - Consumer Care Campaign

आंकड़े चौंकाने वाले : डॉ. शर्मा का कहना है कि कंज्यूमर कांफ्रेडेशन ऑफ इंडिया की ओर से एक सर्वे किया गया, जिसमें काफी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसके तहत देश के 65 फ़ीसदी लोग जब बाजार में खरीदारी करने जाते हैं, खासकर खाद्य पदार्थ से जुड़ी हुई तो उनके मन में आज भी आशंका है कि क्या उन्हें मिलावट रहित खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो पा रहा है या नहीं. वहीं, ऑनलाइन शॉपिंग की बात की जाए तो पिछले कुछ समय से ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड जबरदस्त तरीके से देश में प्रभावी हुआ है. आज भी देश की 30% जनता यही मानती है कि भ्रामक विज्ञापन के जरिए उनको गुमराह किया जा रहा है, जबकि 16 फीसदी लोगों का मानना है उनको जो ऑनलाइन सामान उपलब्ध कराया जाता है, वह घटिया ब्रांड का होता है. ऐसे में स्थिती अभी भी सुधरी नहीं है. इस क्षेत्र में काम किया जाना बाकी है.

उपभोक्ताओं के अधिकार : उपभोक्ताओं के अधिकार की बात करें तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत उपभोक्ताओं के 6 अधिकार हैं, जिनमें :

  1. सुरक्षा का अधिकार
  2. सुनवाई का अधिकार
  3. चयन का अधिकार
  4. प्रतितोष पाने का अधिकार
  5. संसूचित किए जाने का अधिकार
  6. उपभोक्ता जागरूकता का अधिकार
Last Updated : Dec 24, 2024, 12:57 PM IST
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