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दर्दनाक ! चिकलवास में एक साथ उठी चार अर्थियां, चारों तरफ चीख-पुकार की आवाज - Nathdwara Incident

4 Workers Died in Rajsamand, राजस्थान में राजसमंद के चिकलवास गांव में मंगलवार को जब एक साथ चार अर्थियां उठी तो हर तरफ केवल चीख-पुकार की आवाज सुनाई पड़ रही थी. चारों अर्थियों को एक साथ श्मशान घाट ले जाया गया और अंतिम संस्कार किया गया.

Four Corpses Were Raised Simultaneously
एक साथ उठी चार अर्थियां (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 30, 2024, 9:51 PM IST

जब रो पड़ा पूरा गांव... (ETV Bharat Rajsamand)

राजसमंद: जिले के खमनोर थाना क्षेत्र के सांयों का खेड़ा पंचायत के चिकलवास के मेघवाल बस्ती में मंगलवार को जब चार अर्थियां एक साथ घर व गांव से निकली तो चारों तरफ परिजनों की चीख-पुकार की आवाज थी. एक तरफ दुर्घटनास्थल का मलबा हटाने के लिए मशीनों की गड़गड़ाहट थी तो दूसरी तरफ गांव में आहत परिजनों की भावुक रूलाई के स्वर सुनाई दे रहे थे. चारों अर्थियों को एक साथ श्मशान घाट ले जाया गया, जहां अंतेष्टी की गई. चार 'मुखिया' की मौत के बाद इन परिवारों के घर गुजार-बसर को लेकर संकट खड़ा हो गया. दूसरी तरफ मृतक के परिजन व घायलों की नियमानुसार मदद को लेकर प्रशासन की ओर से आवश्यक तैयारी की बात कही जा रही है.

राजसमंद जिला कलेक्टर डॉ. भंवरलाल ने बताया कि धर्मशाला की छत ढहने से चिकलवास के मेघवाल बस्ती निवासी भगवती लाल (35) पुत्र रोड़ी लाल मेघवाल, शांतिलाल (40) पुत्र नारूलाल मेघवाल, कालूलाल (41) पुत्र वेणी राम मेघवाल और भंवरलाल (52) पुत्र लच्छीराम मेघवाल की मौत हो गई. नाथद्वारा के गोवर्धन राजकीय जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव देह गांव पहुंची, जहां पहले से सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण व लोग जमा थे. गमगीन माहौल में चारों शवों की अंतिम यात्रा एक साथ रवाना हुई, जहां परिजनों की रुलाई रोके नहीं रूक रही थी, तो अंतेष्टी में शामिल हुए लोग भी आहत व बेसहारा हुए परिवारों की मदद के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे थे.

पढ़ें : राजसमंद में निर्माणाधीन धर्मशाला की छत गिरने से 4 मजदूरों की मौत, 9 घायल को बाहर निकाला - 4 workers died in rajsamand

पीड़ित परिजनों के करुण क्रंदन के बीच लोग ईश्वर को भी कोसते दिखे कि ये सभी लोग रामदेवरा जाने वाले जातरुओं के लिए धर्मशाला में रामरसोड़ा 15 जुलाई से शुरू करने की तैयारी कर रहे थे. ऐसे पुण्य कार्य करने वालों को ही छीन लिया. इस तरह गमगीन माहौल में चारों शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान नाथद्वारा उपखंड अधिकारी अजय अमरावत, कांग्रेस पूर्व जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर, खमनोर प्रधान भैरूलाल वीरवाल सहित बड़ी तादाद में समाजजन, ग्रामवासी मौजूद थे.

Nathdwara Incident
राजसमंद में दिल दहलाने वाली घटना (ETV Bharat Rajsamand)

धर्मशाला की छत ढहने से दबे थे 13 लोग, 4 की हुई थी मौत : चिकलवास में रामदेवरा जातरूओं के लिए रामरसोड़े की तैयारी की जा रही है. इसके लिए स्ट्रक्चर लगभग 300 वर्ग गज में बनाया गया था. पिलर्स पर आरसीसी की छत डाली गई थी. दीवार नहीं बनाई थी. पिलर भी ईंटों के थे. सोमवार दोपहर को आरसीसी छत की बल्लियो को खोला गया और रात करीब साढ़े 9 बजे ग्रामवासी साफ-सफाई करने पहुंचे थे. इसी दौरान छत उन पर गिर गई. उस वक्त वहां 13 लोग थे, जो सभी नीचे दब गए. बाद में जिला कलेक्टर डॉ. भंवरलाल, एसपी मनीष त्रिपाठी के साथ तमाम प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और करीब पांच घंटे रेस्क्यू के बाद सबको बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी थी. जबकि 9 लोग घायल व चोटिल हो गए. हादसे में मृतक भगवतीलाल चित्तौड़गढ़ जिले के भोपालसागर में एलडीसी के पद पर कार्यरत थे. शांतिलाल, कालूलाल और भंवरलाल मजदूरी का काम करते थे और महज 37 दिन में इस बिल्डिंग को बनाया गया था.

7 घायलों का चल रहा इलाज : हादसे में चिकलवास निवासी हीरा लाल (30) पुत्र तुलसीराम सालवी, मांगी लाल (47) पुत्र शंकर लाल सालवी, गोपी लाल (48) पुत्र खीमाजी सालवी, लक्ष्मण (35) पुत्र मोहन लाल सालवी, मीठा लाल (31) पुत्र मोहन लाल सालवी, लक्ष्मण (48) पुत्र भेरा सावली, चेतन (24) पुत्र रामाजी सालवी, पूरण (38) पुत्र मोहन लाल सालवी और दिनेश (25) पुत्र रोड़ा सालवी घायल हुए हैं. लक्ष्मण और चेतन को मंगलवार को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्‌टी दे दी गई. अन्य सात घायलों का लालबाग स्थित जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है.

तहसीलदार बोले- अवैध निर्माण था, जल्दबाजी का नतीजा है हादसा : नाथद्वारा SDM अजय अमरावत ने कहा कि जून में मेघवाल बस्ती धर्मशाला को लेकर अतिक्रमण का नोटिस दिया गया था. उसके बावजूद काम नहीं रोका गया. 5 अगस्त को इसी मामले को लेकर पेशी होनी थी. इससे पहले यह हादसा हो गया. तहसीलदार भानु प्रताप सिंह ने बताया कि चिकलवास गांव में सामुदायिक भवन चरनोट (चारागाह) आराजी नं. 505 की जमीन पर बनाया गया था. यह रास्ते की जमीन थी. 24 जून को गांव के वार्ड पंच हीरा लाल सालवी, भोली राम सालवी और सायों खेड़ा सरपंच ने अतिक्रमण कर मंदिर बनाने की शिकायत नाथद्वारा SDM से की थी. उसी दिन मौके पर पटवारी को भेजा गया गया.

उसने रिपोर्ट में बताया था कि दो दिन पहले यानी 22 जून को निर्माण कार्य चालू किया गया था. छत डालने के लिए मौके पर मिट्‌टी, रेती और बांस की लकड़ियां पड़ी मिली थीं. चबूतरे पर छत डालने के लिए बांस की लकड़ियों का स्ट्रक्चर खड़ा किया गया था. पटवारी ने मौके पर पहुंच कर लोगों को सरकारी जमीन पर निर्माण न करने के लिए पाबंद किया था और निर्माण कार्य रुकवाया था. प्रशासन की ओर से नोटिस भी दिए गए थे, लेकिन कुछ दिन बाद ही निर्माण को तेज गति से पूरा करते हुए 20 दिन पहले आरसीसी की छत डाल दी गई. तीन दिन पहले से छत के नीचे से बल्लियों का सपोर्ट हटाया जा रहा था. सोमवार शाम तक करीब पूरा सपोर्ट हटा दिया गया था. अवैध निर्माण को लेकर नाथद्वारा तहसीलदार कोर्ट में इसकी सुनवाई भी चल रही है. 25 जुलाई को सुनवाई हुई थी. इस दौरान अवैध निर्माण को हटाने के लिए 5 अगस्त तक का समय दिया गया था, सिर्फ ईटों के पिलर बनाकर उसके ऊपर आरसीसी की छत डाल दी गई थी. छत का सपोर्ट हटते ही हादसा हो गया.

जब रो पड़ा पूरा गांव... (ETV Bharat Rajsamand)

राजसमंद: जिले के खमनोर थाना क्षेत्र के सांयों का खेड़ा पंचायत के चिकलवास के मेघवाल बस्ती में मंगलवार को जब चार अर्थियां एक साथ घर व गांव से निकली तो चारों तरफ परिजनों की चीख-पुकार की आवाज थी. एक तरफ दुर्घटनास्थल का मलबा हटाने के लिए मशीनों की गड़गड़ाहट थी तो दूसरी तरफ गांव में आहत परिजनों की भावुक रूलाई के स्वर सुनाई दे रहे थे. चारों अर्थियों को एक साथ श्मशान घाट ले जाया गया, जहां अंतेष्टी की गई. चार 'मुखिया' की मौत के बाद इन परिवारों के घर गुजार-बसर को लेकर संकट खड़ा हो गया. दूसरी तरफ मृतक के परिजन व घायलों की नियमानुसार मदद को लेकर प्रशासन की ओर से आवश्यक तैयारी की बात कही जा रही है.

राजसमंद जिला कलेक्टर डॉ. भंवरलाल ने बताया कि धर्मशाला की छत ढहने से चिकलवास के मेघवाल बस्ती निवासी भगवती लाल (35) पुत्र रोड़ी लाल मेघवाल, शांतिलाल (40) पुत्र नारूलाल मेघवाल, कालूलाल (41) पुत्र वेणी राम मेघवाल और भंवरलाल (52) पुत्र लच्छीराम मेघवाल की मौत हो गई. नाथद्वारा के गोवर्धन राजकीय जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव देह गांव पहुंची, जहां पहले से सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण व लोग जमा थे. गमगीन माहौल में चारों शवों की अंतिम यात्रा एक साथ रवाना हुई, जहां परिजनों की रुलाई रोके नहीं रूक रही थी, तो अंतेष्टी में शामिल हुए लोग भी आहत व बेसहारा हुए परिवारों की मदद के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे थे.

पढ़ें : राजसमंद में निर्माणाधीन धर्मशाला की छत गिरने से 4 मजदूरों की मौत, 9 घायल को बाहर निकाला - 4 workers died in rajsamand

पीड़ित परिजनों के करुण क्रंदन के बीच लोग ईश्वर को भी कोसते दिखे कि ये सभी लोग रामदेवरा जाने वाले जातरुओं के लिए धर्मशाला में रामरसोड़ा 15 जुलाई से शुरू करने की तैयारी कर रहे थे. ऐसे पुण्य कार्य करने वालों को ही छीन लिया. इस तरह गमगीन माहौल में चारों शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान नाथद्वारा उपखंड अधिकारी अजय अमरावत, कांग्रेस पूर्व जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर, खमनोर प्रधान भैरूलाल वीरवाल सहित बड़ी तादाद में समाजजन, ग्रामवासी मौजूद थे.

Nathdwara Incident
राजसमंद में दिल दहलाने वाली घटना (ETV Bharat Rajsamand)

धर्मशाला की छत ढहने से दबे थे 13 लोग, 4 की हुई थी मौत : चिकलवास में रामदेवरा जातरूओं के लिए रामरसोड़े की तैयारी की जा रही है. इसके लिए स्ट्रक्चर लगभग 300 वर्ग गज में बनाया गया था. पिलर्स पर आरसीसी की छत डाली गई थी. दीवार नहीं बनाई थी. पिलर भी ईंटों के थे. सोमवार दोपहर को आरसीसी छत की बल्लियो को खोला गया और रात करीब साढ़े 9 बजे ग्रामवासी साफ-सफाई करने पहुंचे थे. इसी दौरान छत उन पर गिर गई. उस वक्त वहां 13 लोग थे, जो सभी नीचे दब गए. बाद में जिला कलेक्टर डॉ. भंवरलाल, एसपी मनीष त्रिपाठी के साथ तमाम प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और करीब पांच घंटे रेस्क्यू के बाद सबको बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी थी. जबकि 9 लोग घायल व चोटिल हो गए. हादसे में मृतक भगवतीलाल चित्तौड़गढ़ जिले के भोपालसागर में एलडीसी के पद पर कार्यरत थे. शांतिलाल, कालूलाल और भंवरलाल मजदूरी का काम करते थे और महज 37 दिन में इस बिल्डिंग को बनाया गया था.

7 घायलों का चल रहा इलाज : हादसे में चिकलवास निवासी हीरा लाल (30) पुत्र तुलसीराम सालवी, मांगी लाल (47) पुत्र शंकर लाल सालवी, गोपी लाल (48) पुत्र खीमाजी सालवी, लक्ष्मण (35) पुत्र मोहन लाल सालवी, मीठा लाल (31) पुत्र मोहन लाल सालवी, लक्ष्मण (48) पुत्र भेरा सावली, चेतन (24) पुत्र रामाजी सालवी, पूरण (38) पुत्र मोहन लाल सालवी और दिनेश (25) पुत्र रोड़ा सालवी घायल हुए हैं. लक्ष्मण और चेतन को मंगलवार को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्‌टी दे दी गई. अन्य सात घायलों का लालबाग स्थित जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है.

तहसीलदार बोले- अवैध निर्माण था, जल्दबाजी का नतीजा है हादसा : नाथद्वारा SDM अजय अमरावत ने कहा कि जून में मेघवाल बस्ती धर्मशाला को लेकर अतिक्रमण का नोटिस दिया गया था. उसके बावजूद काम नहीं रोका गया. 5 अगस्त को इसी मामले को लेकर पेशी होनी थी. इससे पहले यह हादसा हो गया. तहसीलदार भानु प्रताप सिंह ने बताया कि चिकलवास गांव में सामुदायिक भवन चरनोट (चारागाह) आराजी नं. 505 की जमीन पर बनाया गया था. यह रास्ते की जमीन थी. 24 जून को गांव के वार्ड पंच हीरा लाल सालवी, भोली राम सालवी और सायों खेड़ा सरपंच ने अतिक्रमण कर मंदिर बनाने की शिकायत नाथद्वारा SDM से की थी. उसी दिन मौके पर पटवारी को भेजा गया गया.

उसने रिपोर्ट में बताया था कि दो दिन पहले यानी 22 जून को निर्माण कार्य चालू किया गया था. छत डालने के लिए मौके पर मिट्‌टी, रेती और बांस की लकड़ियां पड़ी मिली थीं. चबूतरे पर छत डालने के लिए बांस की लकड़ियों का स्ट्रक्चर खड़ा किया गया था. पटवारी ने मौके पर पहुंच कर लोगों को सरकारी जमीन पर निर्माण न करने के लिए पाबंद किया था और निर्माण कार्य रुकवाया था. प्रशासन की ओर से नोटिस भी दिए गए थे, लेकिन कुछ दिन बाद ही निर्माण को तेज गति से पूरा करते हुए 20 दिन पहले आरसीसी की छत डाल दी गई. तीन दिन पहले से छत के नीचे से बल्लियों का सपोर्ट हटाया जा रहा था. सोमवार शाम तक करीब पूरा सपोर्ट हटा दिया गया था. अवैध निर्माण को लेकर नाथद्वारा तहसीलदार कोर्ट में इसकी सुनवाई भी चल रही है. 25 जुलाई को सुनवाई हुई थी. इस दौरान अवैध निर्माण को हटाने के लिए 5 अगस्त तक का समय दिया गया था, सिर्फ ईटों के पिलर बनाकर उसके ऊपर आरसीसी की छत डाल दी गई थी. छत का सपोर्ट हटते ही हादसा हो गया.

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