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सैयद नसीरुद्दीन का सैयद सरवर चिश्ती पर पलटवार, बोले- साबित करें कि मैं ख्वाजा गरीब नवाज की औलाद नहीं, साबित कर दिया तो 11 लाख रुपए दूंगा - Waqf Amendment Bill

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 23, 2024, 8:46 AM IST

दरगाह दीवान जैनुअल आबेद्दीन के पुत्र और ऑल इंडिया सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने प्रेस वार्ता कर कहा कि हमने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है. बिल को लेकर कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं. वक्फ में संशोधन का विरोध करना गलत है. सैयद सरवर चिश्ती द्वारा दिए गए बयान पर भी उन्होंने पलटवार किया और कहा कि मैं गरीब नवाज की औलाद हूं. सैयद सरवर चिश्ती को चुनौती देते हुए कहा कि उन्होंने साबित कर दिया तो उन्हें भी 11 लाख रुपए देने को तैयार हूं.

सैयद नसीरुद्दीन का पलटवार
सैयद नसीरुद्दीन का पलटवार (फोटो ईटीवी भारत अजमेर)
सैयद नसीरुद्दीन का सैयद सरवर चिश्ती पर पलटवार (वीडियो ईटीवी भारत अजमेर)

अजमेर. दरगाह में अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती के आरोपों पर पलटवार करते हुए दरगाह दीवान के पुत्र और ऑल इंडिया सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने चुनौती देते हुए कहा कि सैयद सरवर चिश्ती मुगलों की जिंदगी से बाहर निकले. यदि वे यह साबित करते है कि मैं ख्वाजा गरीब नवाज का वंशज नहीं हूं तो मैं उन्हें 11 लाख रुपए का ईनाम दूंगा. उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट में संशोधन बिल के नाम पर सैयद सरवर चिश्ती कौम को उकसाने और भ्रमित करने का काम कर रहे हैं, जबकि इस बिल का पार्लियामेंट में पास होना कौम के हित में है. बता दें कि गुरुवार को अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने बिल को लेकर केंद्र सरकार का विरोध किया था. वहीं बिल का समर्थन करने पर दरगाह दीवान एवं उनके पुत्र के सज्जादानशीन होने पर गंभीर सवाल उठाए थे.

दरगाह दीवान जैनुअल आबेद्दीन के पुत्र और ऑल इंडिया सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि मैं अकेला ख्वाजा गरीब नवाज का वंशज नही हूं. परंपरा और कानून के अनुसार वंशजो में जो बड़ा होता है वही सज्जादगी पद पर बैठता है. लिहाजा मेरे दादा वरिष्ठ थे और वे सज्जादगी पद पर बैठे. यदि मैं ख्वाजा गरीब नवाज का वंशज नही हूं तो इसको चुनौती दे और साबित करें. यदि साबित कर दिया तो मैं 11 लाख रुपए का ईनाम दूंगा. मेरी सैयद सरवर चिश्ती को भी चुनौती है कि वे कौम को गुमराह नही करें और साबित करें कि मैं ख्वाजा गरीब नवाज का वंशज नही हूं, उन्होंने साबित कर दिया तो उन्हें भी 11 लाख रुपए देने को तैयार हूं.

पढ़ें: अंजुमन कमेटी सदस्यों ने वक्फ संशोधन बिल 2024 का किया विरोध, बोले- केंद्र सरकार बदनीयती से ला रही है बिल - opposed the Waqf Amendment Bill

वक्फ की आमदनी का कौम के बच्चों की बेहत्तरी के लिए नही होता उपयोग : उन्होंने कहा कि मेरा आग्रह है कि तमाम मुस्लिम संस्थाएं और लोगों हुकूमत का सहयोग करना चाहिए. यदि बिल के किसी बिंदु पर आपत्ति है तो उस पर बात की जा सकती है. लेकिन उसका इसलिए विरोध करना कि देश मे बीजेपी की हुकूमत है इसलिए वक्फ एक्ट में संशोधन बिल का विरोध होना चाहिए यह सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि वक्फ की आय 100 से 200 करोड़ के बीच है, जबकि वक्फ के पास संपत्ति 9 लाख हेक्टेयर है. वक्फ की आमदनी का उपयोग मुस्लिम कौम के गरीब बच्चों की बेहत्तरी के लिए क्या काम आ रही है. सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि वक्फ के संशोधन बिल को लेकर कई तरह के सवाल किए जा रहे हैं. इनमें वक्फ के प्रशासन में गैर मुस्लिम को बर्दाश्त नही करना भी शामिल है. सैयद सरवर चिश्ती ने भी यह मुद्दा मीडिया में उठाया है तो मैं उन्हें बता दूं कि वे दरगाह का रिकॉर्ड देख लें जिसने 40 मुतवल्लियों के नाम है. बादशाह शाहजहां के समय मुतवल्ली ( प्रबंधक ) बदला जा चुका था. इससे पहले मुतवल्ली मेरे पूर्वजों के पास थी. इसके बाद गैर मुस्लिम भी मुताव्वली बने थे. इनमें गुर्जर मल, कीर्तिराज, हुकुमचंद, नानक चंद, श्याम राव आदि थे. उन्होंने सैयद सरवर चिश्ती के बयानों पर तंज कसते हुए कहा कि यदि उन्हें जानकारी नहीं है तो वे हमसे भी जानकारी आकर ले सकते हैं. लेकिन वक्फ संशोधन बिल के नाम पर लोगों को गुमराह ना करें.

पढ़ें: वक्फ संशोधन बिल पर JPC की पहली बैठक, विपक्षी सांसदों की कई प्रावधान पर आपत्ति - Waqf Board

कुछ लोग कौम को कर रहे हैं गुमराह : उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की औलाद के तौर पर मुखातिब होकर कह रहा हूं कि अल्लाह के वास्ते मुसलमान के नाम पर राजनीति न करें. मुसलमान के बच्चे शिक्षा चाहते हैं. बच्चियों की शादी करने के लिए लोगों के पास पैसा नहीं है. अल्लाह ने व्यवस्था दी है कि वक्फ दिये गए दान से कमजोर और बेबस लोग की सहायता की जाए, लेकिन ऐसा नही हो रहा है. सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हम हुकूमत ए हिन्द के साथ हैं. हम बीजेपी, कांग्रेस, आरएसएस या अन्य किसी राजनीतिक दल के साथ नही हैं. सरकार देश और नागरिकों के हित में काम करती है. वक़्फ में संशोधन के बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) में भेजा गया है. मेरा सभी से आग्रह है कि कमेटी को अच्छे सुझाव दें. यदि किसी बिंदु पर आपत्ति है तो उसमें बदलाव करवाएं, लेकिन बिल का ही विरोध करें यह गलत है.

पढ़ें: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सलामती के लिए अजमेर दरगाह में मांगी दुआ - Prayers For Hindus at Ajmer Dargah

उन्होंने कहा कि बिल को पास करवाना बेहद जरूरी है. वक्फ बोर्ड की हठधर्मिता को दूर किया जाना जरूरी है. यदि किसी ने संपत्ति वक्फ को दान की है तो उसका मकसद यह होता है कि उस संपत्ति का उपयोग या उससे होने वाली आमदनी गरीबों के हित में उपयोग की जाए. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड ऐसा कुछ भी नही कर रहा. वक्फ के पैसे का इस्तेमाल गरीबों की भलाई के लिए होना चाहिए. वक्फ बोर्ड में राजनीतिक नियुक्ति हुई और पैसे लेकर निकल गए ऐसा नही होना चाहिए. मेरा कौम के लोगों से आग्रह है कि किसी के जज्बाती बयानों से गुमराह ना हो. हमारा समर्थन दो बिंदुओं को लेकर है. वक्फ संशोधन बिल के माध्यम से पारदर्शिता आनी चाहिए एवं वक्फ के पैसे का इस्तेमाल मुस्लिम कौम के गरीबों के हित में होना चाहिए. दूसरे बिंदु में दरगाहों की स्थिति को स्पष्ट किया जाना चाहिए. दरगाहों में प्रमुख की कोई कानूनी हैसियत नही है. इसलिए हमने मांग की है कि एक्ट में दरगाह बोर्ड का भी प्रोविजन रखा जाए.

सैयद नसीरुद्दीन का सैयद सरवर चिश्ती पर पलटवार (वीडियो ईटीवी भारत अजमेर)

अजमेर. दरगाह में अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती के आरोपों पर पलटवार करते हुए दरगाह दीवान के पुत्र और ऑल इंडिया सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने चुनौती देते हुए कहा कि सैयद सरवर चिश्ती मुगलों की जिंदगी से बाहर निकले. यदि वे यह साबित करते है कि मैं ख्वाजा गरीब नवाज का वंशज नहीं हूं तो मैं उन्हें 11 लाख रुपए का ईनाम दूंगा. उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट में संशोधन बिल के नाम पर सैयद सरवर चिश्ती कौम को उकसाने और भ्रमित करने का काम कर रहे हैं, जबकि इस बिल का पार्लियामेंट में पास होना कौम के हित में है. बता दें कि गुरुवार को अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने बिल को लेकर केंद्र सरकार का विरोध किया था. वहीं बिल का समर्थन करने पर दरगाह दीवान एवं उनके पुत्र के सज्जादानशीन होने पर गंभीर सवाल उठाए थे.

दरगाह दीवान जैनुअल आबेद्दीन के पुत्र और ऑल इंडिया सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि मैं अकेला ख्वाजा गरीब नवाज का वंशज नही हूं. परंपरा और कानून के अनुसार वंशजो में जो बड़ा होता है वही सज्जादगी पद पर बैठता है. लिहाजा मेरे दादा वरिष्ठ थे और वे सज्जादगी पद पर बैठे. यदि मैं ख्वाजा गरीब नवाज का वंशज नही हूं तो इसको चुनौती दे और साबित करें. यदि साबित कर दिया तो मैं 11 लाख रुपए का ईनाम दूंगा. मेरी सैयद सरवर चिश्ती को भी चुनौती है कि वे कौम को गुमराह नही करें और साबित करें कि मैं ख्वाजा गरीब नवाज का वंशज नही हूं, उन्होंने साबित कर दिया तो उन्हें भी 11 लाख रुपए देने को तैयार हूं.

पढ़ें: अंजुमन कमेटी सदस्यों ने वक्फ संशोधन बिल 2024 का किया विरोध, बोले- केंद्र सरकार बदनीयती से ला रही है बिल - opposed the Waqf Amendment Bill

वक्फ की आमदनी का कौम के बच्चों की बेहत्तरी के लिए नही होता उपयोग : उन्होंने कहा कि मेरा आग्रह है कि तमाम मुस्लिम संस्थाएं और लोगों हुकूमत का सहयोग करना चाहिए. यदि बिल के किसी बिंदु पर आपत्ति है तो उस पर बात की जा सकती है. लेकिन उसका इसलिए विरोध करना कि देश मे बीजेपी की हुकूमत है इसलिए वक्फ एक्ट में संशोधन बिल का विरोध होना चाहिए यह सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि वक्फ की आय 100 से 200 करोड़ के बीच है, जबकि वक्फ के पास संपत्ति 9 लाख हेक्टेयर है. वक्फ की आमदनी का उपयोग मुस्लिम कौम के गरीब बच्चों की बेहत्तरी के लिए क्या काम आ रही है. सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि वक्फ के संशोधन बिल को लेकर कई तरह के सवाल किए जा रहे हैं. इनमें वक्फ के प्रशासन में गैर मुस्लिम को बर्दाश्त नही करना भी शामिल है. सैयद सरवर चिश्ती ने भी यह मुद्दा मीडिया में उठाया है तो मैं उन्हें बता दूं कि वे दरगाह का रिकॉर्ड देख लें जिसने 40 मुतवल्लियों के नाम है. बादशाह शाहजहां के समय मुतवल्ली ( प्रबंधक ) बदला जा चुका था. इससे पहले मुतवल्ली मेरे पूर्वजों के पास थी. इसके बाद गैर मुस्लिम भी मुताव्वली बने थे. इनमें गुर्जर मल, कीर्तिराज, हुकुमचंद, नानक चंद, श्याम राव आदि थे. उन्होंने सैयद सरवर चिश्ती के बयानों पर तंज कसते हुए कहा कि यदि उन्हें जानकारी नहीं है तो वे हमसे भी जानकारी आकर ले सकते हैं. लेकिन वक्फ संशोधन बिल के नाम पर लोगों को गुमराह ना करें.

पढ़ें: वक्फ संशोधन बिल पर JPC की पहली बैठक, विपक्षी सांसदों की कई प्रावधान पर आपत्ति - Waqf Board

कुछ लोग कौम को कर रहे हैं गुमराह : उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की औलाद के तौर पर मुखातिब होकर कह रहा हूं कि अल्लाह के वास्ते मुसलमान के नाम पर राजनीति न करें. मुसलमान के बच्चे शिक्षा चाहते हैं. बच्चियों की शादी करने के लिए लोगों के पास पैसा नहीं है. अल्लाह ने व्यवस्था दी है कि वक्फ दिये गए दान से कमजोर और बेबस लोग की सहायता की जाए, लेकिन ऐसा नही हो रहा है. सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हम हुकूमत ए हिन्द के साथ हैं. हम बीजेपी, कांग्रेस, आरएसएस या अन्य किसी राजनीतिक दल के साथ नही हैं. सरकार देश और नागरिकों के हित में काम करती है. वक़्फ में संशोधन के बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) में भेजा गया है. मेरा सभी से आग्रह है कि कमेटी को अच्छे सुझाव दें. यदि किसी बिंदु पर आपत्ति है तो उसमें बदलाव करवाएं, लेकिन बिल का ही विरोध करें यह गलत है.

पढ़ें: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सलामती के लिए अजमेर दरगाह में मांगी दुआ - Prayers For Hindus at Ajmer Dargah

उन्होंने कहा कि बिल को पास करवाना बेहद जरूरी है. वक्फ बोर्ड की हठधर्मिता को दूर किया जाना जरूरी है. यदि किसी ने संपत्ति वक्फ को दान की है तो उसका मकसद यह होता है कि उस संपत्ति का उपयोग या उससे होने वाली आमदनी गरीबों के हित में उपयोग की जाए. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड ऐसा कुछ भी नही कर रहा. वक्फ के पैसे का इस्तेमाल गरीबों की भलाई के लिए होना चाहिए. वक्फ बोर्ड में राजनीतिक नियुक्ति हुई और पैसे लेकर निकल गए ऐसा नही होना चाहिए. मेरा कौम के लोगों से आग्रह है कि किसी के जज्बाती बयानों से गुमराह ना हो. हमारा समर्थन दो बिंदुओं को लेकर है. वक्फ संशोधन बिल के माध्यम से पारदर्शिता आनी चाहिए एवं वक्फ के पैसे का इस्तेमाल मुस्लिम कौम के गरीबों के हित में होना चाहिए. दूसरे बिंदु में दरगाहों की स्थिति को स्पष्ट किया जाना चाहिए. दरगाहों में प्रमुख की कोई कानूनी हैसियत नही है. इसलिए हमने मांग की है कि एक्ट में दरगाह बोर्ड का भी प्रोविजन रखा जाए.

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