नर्मदापुरम: सिवनी मालवा तहसील के ग्राम लही में मंगलवार दोपहर मोरंड-गंजाल नदी पर बनने वाले डैम के लिए जंगल में वृक्षों की रीकाउंटिंग करने गए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के अधिकारीयों सहित वन विभाग के लोगों का आदिवासी ग्रामीणों ने भाजी नदी के पुल पर रास्ता रोककर बंधक बना लिया. सभी अधिकारी अपनी गाड़ी में लगभग 5 घंटे तक बैठे रहे. वहीं पुल के दोनों ओर आदिवासी महिला पुरुष रास्ता रोक सड़क पर बैठे रहे.
ग्रामीणों ने अधिकारियों को बनाया बंधक
घटनास्थल के आसपास मोबाइल नेटवर्क ना होने के चलते जैसे तैसे अधिकारियों के साथ के कुछ लोग सड़क मार्ग से पैदल लगभग 5 किलोमीटर दूर गए, जहां से इसकी सूचना सिवनी मालवा में वरिष्ठ अधिकारीयों को दी गई. सूचना मिलने पर सिवनी मालवा से तहसीलदार राकेश खजूरिया, एसडीओपी राजू रजक सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल घटना स्थल पर पहुंचा और आदिवासी ग्रामीणों से चर्चा की. ग्रामीणों ने बताया की ये अधिकारी बिना सूचना दिए जंगल में घुस गए थे और फोटो वीडियो बना रहे थे. इन्होने इसकी सूचना ग्राम पंचायत में भी नहीं दी, जिसके चलते इनका रास्ता रोककर हमने इन्हें बंधक बनाया है. इसके बाद एसडीओपी राजू रजक ने ग्रामीणों को समझाईश दी और कहा कि हम भी आप लोगों के बीच के ही हैं. आगे से अधिकारी बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए डैम का किसी प्रकार का कार्य नहीं करेंगे.
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अधिकारियों की समझाईश के बाद खोला रास्ता
एनवीडीए के सब इंजीनियर एचएल बामनिया ने बताया कि ''हम रीकाउंटिंग के लिए पूरे अमले के साथ आये थे. काम शुरू ही करने वाले थे कि तभी बहुत से ग्रामीण आ गए. जिसके चलते हमने काम को रोक दिया. इसके बाद ग्रामीणों ने हमारी गाड़ियों सहित हमें भाजी नदी के पुल पर ही रोक दिया और दोनों ओर ग्रामीण महिला पुरुष रास्ता रोककर बैठ गए. वहीं सिवनी मालवा से अधिकारियों के आने के बाद हमें गाड़ी सहित जाने दिया.'' वही ग्रामीणों ने बताया कि हम चाहते हैं कि यहां किसी तरह का डैम नहीं बनाया जाए, यदि डैम बनेगा तो इसमें हमारी जमीन, घर, सब बर्बाद हो जायेंगे. हमारे बच्चे क्या करेंगे. इसलिए हमारी मांग है कि यहां किसी तरह का डैम निर्माण कार्य नहीं किया जाए.