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दोनों हाथ से विकलांग फिर भी वेल्डिंग में महारत, हिम्मत, जज्बा, जीवटता और मेहनत की मिसाल हैं सलीम शाह - Narmadapuram Salim Shah

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 29, 2024, 2:00 PM IST

अक्सर लोग जरा सी परेशानी आने पर हिम्मत हारने लगते हैं. अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं. ऐसे लोगों के लिए मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के सलीम शाह बड़ी मिसाल हैं. दोनों हाथ कटने के बाद भी सलीम शाह वेल्डिंग का काम करते हैं. माथे पर सिकन तक नहीं हैं. सलीम की हिम्मत, जज्बा और मेहनत देखकर लोग अचरज में पड़ जाते हैं. वहीं, सलीम का कहना है कि जिंदगी में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए.

NARMADAPURAM SALIM SHAH
दोनों हाथ से विकलांग सलीम शाह, फिर भी वेल्डिंग में महारत (ETV BHARAT)

नर्मदापुरम। दोनों हाथ बिजली की दुर्घटना में गंवा चुके नर्मदापुरम के सलीम शाह ने कभी हार नहीं मानी. हादसे के 14 साल बाद भी वह उसी जुनून से वेल्डिंग का काम करते हैं. दोनों हांथ गंवाने के बाद आज भी वेल्डिंग करके अपना परिवार का भरण पोषण कर रहे सलीम बताते हैं "उनकी यह शारीरिक कमी उनके काम में कभी आड़े नहीं आई. वह दूसरों को भी यही सलाह देते हैं कि जीवन में कोई काम ऐसा नहीं, जिसे नहीं किया जा सकता. वह कभी मतदान करने में भी कभी पीछे नहीं रहे." सलीम बताते हैं कि अपनी कोहनी की मदद से अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं.

हिम्मत, जज्बा, जीवटता की मिसाल हैं सलीम शाह (ETV BHARAT)

पूरे परिवार के पालन पोषण का जिम्मा सलीम के कंधों पर

ईदगाह के रहने वाले सलीम शाह बताते हैं "वेल्डिंग का काम करने के दौरान हादसे में उनको करंट लग गया था. इसके चलते इन्फेक्शन शरीर में बढ़ गया. 2010 में दोनों हाथ काटने पड़े. वह वेल्डिंग का काम करते हैं. वह 32 साल से यह काम कर रहे हैं. हादसे के बाद थोड़ी बहुत तकलीफ हुई, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी. हाथ नहीं होने के बाद भी काम कर लेता हूं, भारी काम भी कर लेता हूं." सलीम बताते हैं कि उनके परिवार में तीन बच्चे हैं. मम्मी है और मेरी पत्नी है. घर का सारा खर्चा पूरा मैं ही उठाता हूं.

NARMADAPURAM SALIM SHAH
कोहनी के दम पर वेल्डिंग करते सलीम शाह (ETV BHARAT)

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जिंदगी में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए

सलीम बताते हैं "वह 300 से 400 रुपए रोज प्रतिदिन कमा लेते हैं. जैसा काम मिलता है, वैसा कर लेता हूं. मेरे हाथ नहीं हैं, ऐसी कभी मन में भावना नहीं आई. इस बात को मैंने कभी महसूस ही नहीं किया. जो हिम्मत हार जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए मैं यही बोलना चाहूंगा कि हिम्मत से काम में लगे रहें और काम करने की कोशिश करते रहें. जीवन में कोई काम ऐसा नहीं है, जिसे नहीं किया जा सकता." सलीम के साथ काम करने वाले रवि बताते हैं "सलीम भाई के साथ मैं काम करता हूं.उनके हाथ नहीं हैं, लेकिन वह पूरा काम कर लेते हैं. जो काम हम नहीं कर पाते, वह उस काम को कर लेते हैं. सलीम भारी समान भी उठाते हैं. जिनके हाथ नहीं हैं, उन्हें कमजोर नहीं समझना चाहिए."

नर्मदापुरम। दोनों हाथ बिजली की दुर्घटना में गंवा चुके नर्मदापुरम के सलीम शाह ने कभी हार नहीं मानी. हादसे के 14 साल बाद भी वह उसी जुनून से वेल्डिंग का काम करते हैं. दोनों हांथ गंवाने के बाद आज भी वेल्डिंग करके अपना परिवार का भरण पोषण कर रहे सलीम बताते हैं "उनकी यह शारीरिक कमी उनके काम में कभी आड़े नहीं आई. वह दूसरों को भी यही सलाह देते हैं कि जीवन में कोई काम ऐसा नहीं, जिसे नहीं किया जा सकता. वह कभी मतदान करने में भी कभी पीछे नहीं रहे." सलीम बताते हैं कि अपनी कोहनी की मदद से अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं.

हिम्मत, जज्बा, जीवटता की मिसाल हैं सलीम शाह (ETV BHARAT)

पूरे परिवार के पालन पोषण का जिम्मा सलीम के कंधों पर

ईदगाह के रहने वाले सलीम शाह बताते हैं "वेल्डिंग का काम करने के दौरान हादसे में उनको करंट लग गया था. इसके चलते इन्फेक्शन शरीर में बढ़ गया. 2010 में दोनों हाथ काटने पड़े. वह वेल्डिंग का काम करते हैं. वह 32 साल से यह काम कर रहे हैं. हादसे के बाद थोड़ी बहुत तकलीफ हुई, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी. हाथ नहीं होने के बाद भी काम कर लेता हूं, भारी काम भी कर लेता हूं." सलीम बताते हैं कि उनके परिवार में तीन बच्चे हैं. मम्मी है और मेरी पत्नी है. घर का सारा खर्चा पूरा मैं ही उठाता हूं.

NARMADAPURAM SALIM SHAH
कोहनी के दम पर वेल्डिंग करते सलीम शाह (ETV BHARAT)

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जिंदगी में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए

सलीम बताते हैं "वह 300 से 400 रुपए रोज प्रतिदिन कमा लेते हैं. जैसा काम मिलता है, वैसा कर लेता हूं. मेरे हाथ नहीं हैं, ऐसी कभी मन में भावना नहीं आई. इस बात को मैंने कभी महसूस ही नहीं किया. जो हिम्मत हार जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए मैं यही बोलना चाहूंगा कि हिम्मत से काम में लगे रहें और काम करने की कोशिश करते रहें. जीवन में कोई काम ऐसा नहीं है, जिसे नहीं किया जा सकता." सलीम के साथ काम करने वाले रवि बताते हैं "सलीम भाई के साथ मैं काम करता हूं.उनके हाथ नहीं हैं, लेकिन वह पूरा काम कर लेते हैं. जो काम हम नहीं कर पाते, वह उस काम को कर लेते हैं. सलीम भारी समान भी उठाते हैं. जिनके हाथ नहीं हैं, उन्हें कमजोर नहीं समझना चाहिए."

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