देहरादून: नारी शक्ति स्वरूप महिला जिला संगठन के बैनर तले स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने 'टेक होम राशन' स्कीम के तहत घोटाला होने का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार में बैठे कुछ लोग स्वयं सहायता समूह के अधिकारों का हनन कर रहे हैं और अपने करीबों को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर प्रक्रिया करके उनका हक मार रहे हैं.
'टेक होम राशन' स्कीम में करीबियों को लाभ पहुंचाने का आरोप: नारी शक्ति स्वरूप महिला जिला संगठन की जिलाध्यक्ष रीता नेगी ने कहा कि टेंडर 26 अक्टूबर 2020 को अपलोड किया जाता है और यह टेंडर 17 दिसंबर 2020 को निरस्त कर दिया गया. टेंडर की शर्तों को देखकर लगता है कि किसी विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया, क्योंकि टर्नओवर 100 करोड़ और ईएमडी 4.7 करोड़ की मांगी गई थी, जबकि ब्लॉक या डिस्ट्रिक्ट लेवल पर टेंडर मांगना चाहिए था और महिला समूह को सेलेक्ट करके टेंडर प्रक्रिया के तहत काम बांटना चाहिए था. उन्होंने कहा कि राज्य के सैकड़ों महिला समूह को रोजगार देना सरकार का दायित्व बनता है, ताकि लाखों लाभार्थियों तक गुणवत्तापूर्ण पोषाहार उपलब्ध कराया जा सके.
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने धरना-प्रदर्शन किया शुरू: स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि टेक होम राशन केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजना है. 6 माह से 3 साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को टेक होम राशन का लाभ दिया जाता है और यह काम एसएजी 2014 से करती आ रही थी, लेकिन 2020 में सरकार ने टेंडर के लिए शर्तें लगा दी, जिसका खामियाजा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने रोजगार की मांग उठाते हुए कहा कि अगर उनकी मांग को अनसुना किया गया, तो स्वयं सहायता समूह की महिलाएं धरना- प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएंगी.
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