सरगुजा : छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी धुंआधार सभाएं ले रहे हैं. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है कि छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी ने बड़ी रैलियां की हो.छत्तीसगढ़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाता तब से है,जब वो सामान्य कार्यकर्ता थे.पार्टी के काम से अक्सर नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ में आते रहते थे.पुरानी बातों का जिक्र अक्सर पीएम मोदी अपनी सभाओं में किया करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे,तब भी वो छत्तीसगढ़ आकर अपनी रैलियों से जनता में जोश भरते थे. लेकिन आज हम आपको पीएम मोदी की उस रैली के बारे में बताने जा रहे हैं,जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री बनने का सपना देखा था.सरगुजा में हुई इस रैली में पीएम मोदी को लाल किले की प्रतिकृति पर चढ़ाकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें पीएम के तौर पर देखने की मंशा जाहिर की थी.इसे किस्मत का लिखा ही कहे क्योंकि इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रचंड बहुमत से केंद्र में आई और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने.
सरगुजा में बना था लाल किला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. इस बार उन्होंने पहली बार सर्वाधिक समय छत्तीसगढ़ में बिताया. मोदी बुधवार की सुबह अम्बिकापुर में होंगे. यहां पीजी कॉलेज मैदान में उनकी चुनावी सभा होगी. पीएम मोदी के जीवन से एक रोचक किस्सा अम्बिकापुर से जुड़ा है. अम्बिकापुर वासियों का सपना जो 2013 में उन्होंने देखा था वो मोदी के लिए भी यादगार बन गया.
रमन की विकास यात्रा का बने थे हिस्सा : 2013 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले सितंबर 2013 मे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की विकास यात्रा पूरे प्रदेश में घूम रही थी. इस विकास यात्रा का समापन 7 सितंबर को अम्बिकापुर में हुआ था. समापन समारोह मे तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रचार प्रभारी नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए थे.
मंच को दिया था लाल किले का रूप : अंबिकापुर के पीजी कॉलेज ग्राउंड में समापन के लिए बनाए गए स्टेज को भारतीय जनता युवा मोर्चा ने दिल्ली के लाल किले का रूप दिया था. जिसके प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हैं. प्रतीकात्मक लाल किले से नरेंद्र मोदी ने जोरदार भाषण दिया था.इसके ठीक 5 दिन बाद 13 सितंबर 2013 को बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था. अंबिकापुर में देखा गया सपना 2014 के लोकसभा चुनाव में सच साबित हुआ. नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने.इसके बाद 15 अगस्त 2014 को उन्होंने देश के असली लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी अम्बिकापुर आए.इसके बाद मंच से 2013 में बनाए गए लाल किले के वाकये को याद किया.
असली लाल किले से महंगा था नकली लाल किला : आपको जानकर हैरानी होगी कि लाल किले की नींव 29 अप्रैल 1639 को शुक्रवार को रखी गई थी. इसके वास्तुशास्त्री उस्ताद अहमद और उस्ताद हामिद थे. जिनकी देखरेख में पूरे किले का निर्माण हुआ. नौ साल दो महीने बाद लाल किला बनकर तैयार हुआ.18 अप्रैल 1648 शुक्रवार के दिन शहंशाह शाहजहां ने इसमें प्रवेश किया. दिल्ली में यमुना के किनारे असली लाल किला की लागत उस वक्त 60 लाख रुपए आई थी.जो आज भी सीना ताने खड़ा है.
जबकि 7 सितंबर को जिस नकली लाल किले पर चढ़कर नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया था,उसकी अनुमानित कीमत 2 करोड़ रुपए बताई गई थी. सूत्रों की माने तो तंबू कनात मटेरियल से बने इस नकली लाल किले को किसी उद्योगपति ने नरेंद्र मोदी के लिए ही बनवाया था. जिसे बनाने के लिए 2 महीने का समय लगा था. नरेंद्र मोदी की सभा के बाद इस नकली लाल किले को कुछ दिन रखकर तोड़ दिया गया.
2013 से पहले भी पीएम मोदी आ चुके हैं अंबिकापुर : बीजेपी नेता अखिलेश सोनी के मुताबिक "नरेंद्र मोदी 1998 में भी अम्बिकापुर आ चुके हैं, तब वो संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री की भूमिका में आए थे और शिशु मंदिर स्कूल में बैठक ली थी. इसके बाद 2013, 2018 में अम्बिकापुर और इसके बाद 2023 में संभाग के सूरजपुर जिले में पीएम मोदी ने दौरा किया.एक बार फिर लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी अंबिकापुर आ रहे हैं.
आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री दो पारियां खेल चुके हैं.इस बार पीएम मोदी तीसरी पारी की तैयारी में हैं. दूसरे और तीसरे चरण के मतदान में लिए मोदी समेत बीजेपी के दिग्गज सभाओं में व्यस्त हैं. इसी कड़ी में तीसरे चरण के मतदान में शामिल सरगुजा लोकसभा सीट पर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने पीएम मोदी अंबिकापुर आ रहे हैं. जिनके आने से पहले सरगुजा की गलियों लाल किला का किस्सा एक बार फिर गुलजार हो चुका है.