सीकर. नानी गांव में बने डैम की दीवार फिर से टूटने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई. यह डैम शहर के गंदे पानी को रोकने के लिए बनाया गया था, लेकिन यहां हर महीने दीवार टूटने की समस्या आम हो गई है. इस बार भी डैम की दीवार टूटने से गंदा पानी सड़क पर बहते हुए सालासर रोड और एनएच 52 तक पहुंच गया, जिससे यातायात तीन घंटे तक प्रभावित रहा.
नानी गांव के सरपंच मोहन बाजिया ने बताया कि सुबह पांच बजे जब लोग बाहर घूमने निकले, तो देखा कि गंदा पानी सड़क पर फैल चुका था. सूचना मिलते ही नगर परिषद की टीम मौके पर पहुंची और मरम्मत का कार्य शुरू किया. लेकिन, इस दौरान सालासर मार्ग पर एकतरफा यातायात पूरी तरह से बाधित रहा.
ग्रामीणों ने बताया कि पूरे शहर का गंदा पानी यहां जमा होने से न केवल खेती और यातायात प्रभावित होते हैं, बल्कि आसपास के इलाकों में बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. इसके बावजूद, प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर विधायक और सांसद तक से स्थाई समाधान की गुहार कई बार लगाई जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के दिनों में यह समस्या ज्यादा विकराल हो जाती है, लेकिन अब यह समस्या समग्र रूप से आम दिनों में भी बनी हुई है. नेशनल हाईवे पर भढ़ाढर तिराहे तक गंदा पानी भरने से आवागमन में कठिनाई होती है और कई मकानों के रास्ते भी बंद हो जाते हैं. इसके बावजूद शासन और प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा. ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही स्थाई समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़ी संख्या में आंदोलन करने को मजबूर होंगे. बता दें कि शहर का पूरा बरसाती और गंदा पानी नानी बीड़ में बनाए गए डैम में जाता है.