नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में नमो भारत रैपिड रेल की शुरुआत के बाद लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी सहूलियत मिल रही है. इसके सुचारू रूप से संचालन के लिए भी काफी काम किया जा रहा है, जिसमें आंतरिक रख-रखाव और साफ-सफाई भी शामिल है. फिलहाल यह आरआरटीएस डिपो, दुहाई पर किया जाता है. इसकी सफाई में मैकेनाइज्ड आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है. इतना ही नहीं, जहां जरूरत होती है, वहां सफाईकर्मी भी इसकी सफाई करते हैं. हर रोज सेवा समाप्त होने के बाद जब ट्रेन डिपो आती है तो उसकी सफाई शुरू की जाती है. ये सिलसिला रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक चलता है.
वहीं ट्रेन के अंदर और बाहर न केवल सुरक्षा को लेकर बल्कि साफ-सफाई को लेकर भी निगरानी रखी जाती है. इसके लिए सीसीटीवी की मदद ली जाती है. दिलचस्प बात यह है कि यात्रियों से भी इसमें भरपूर सहयोग मिलता है. स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरुकता देखने को मिल रही है और वे गंदगी फैलाने पर सहयात्रियों को टोकते भी हैं.
वहीं, हर तीसरे दिन नमो भारत रैपिड रेल की बाहरी सफाई आरआरटीएस डिपो, दुहाई के ट्रेन ऑटोमैटिक वॉशिंग प्लांट पर की जाती है. इस प्रक्रिया में वॉशिंग प्लांट में ब्रश, पानी और सोप की मदद से ट्रेन के बाहरी हिस्से को साफ किया जाता है. इतना ही नहीं हर महीने ट्रेन की डीप-क्लीनिंग भी होती है, जहां उसे आंतरिक सफाई शेड (आईएचसीएस) पर लाया जाता है.
इस दौरान ट्रेन को पूरी तरह जांचा-परखा जाता है. यदि उसमें कोई समस्या होती है तो उसे दुरुस्त किया जाता है, चाहे वो तकनीकी हो या कोई और समस्या. साथ ही ट्रेन को अंदरूनी और बाहरी तौर पर अच्छे तरीके से धोया जाता है. वहीं, उसकी पॉलिश आदि भी की जाती है.
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नमो भारत आरआरटीएस के हर स्टेशन पर सफाई के लिए फिलहाल 12-15 सफाईकर्मियों को तैनात किया गया है. हर रात ट्रेन सेवा समाप्त होते ही स्टेशनों पर सफाई का कार्य शुरू हो जाता है, जो रात भर चलता है. इसके अंतर्गत पूरे प्लेटफॉर्म और कॉनकोर्स लेवल की सफाई मशीनों से की जाती है. साथ ही फर्श की मॉपिंग (पोछा) होती है. ये क्रम हर रोज दिनभर में कई बार होता है.
गौरतलब है कि गत वर्ष अक्टूबर में नमो भारत रैपिड रेल का संचालन शुरू हुआ था, जो फिलहाल साहिबाबाद से मोदीनगर नॉर्थ के 34 किलोमीटर सेक्शन पर यात्रियों के लिए चल रही है. अभी ये सेवा हर 15 मिनट पर यात्रियों के लिए उपलब्ध है. दिल्ली से मेरठ के 82 किलोमीटर लंबे सम्पूर्ण कॉरिडोर को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
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